रिपोर्ट मनोज कुमार शर्मा
*डॉक्टर अंबेडकर जयंती पर भीम और मीम की नवसंस्कृति पर बरसे हिन्दू महासभा अध्यक्ष*
*हिन्दू मुस्लिम आबादी की अदला बदली से होगा देश विभाजन पूरा*
नई दिल्ली।अखिल भारत हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने दिल्ली प्रदेश कार्यालय में आयोजित डॉक्टर भीमराव अंबेडकर जयंती कार्यक्रम के माध्यम से देशवासियों को शुभकामनाएं देते हुए उनके अधूरे मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया । अपने संबोधन में भीम और मीम की नव संस्कृति पर बरसते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि यह नवसंस्कृति अंबेडकर की विचारधारा के विरुद्ध है और देशद्रोह को परिभाषित करती है ।
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हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी द्वारा आज जारी बयान के अनुसार राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी ने अपने संबोधन में कहा कि भीमराव अंबेडकर ने देश विभाजन के समय भारत में मुसलमानो की देशभक्ति पर संदेह प्रकट करते हुए देश विभाजन के दौरान भारत और पाकिस्तान के बीच हिन्दू मुस्लिम आबादी की अदला बदली करने का सुझाव दिया था , जिसे गांधी , नेहरू और उनकी कांग्रेस ने नकार दिया था । कांग्रेस के कारण ही भारत आज भी जेहाद , आतंकवाद , इस्लामिक अतिवाद और हिंदुओं की निरंतर हत्याओं की गंभीर समस्या से जूझ रहा है ।
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राष्ट्रीय प्रवक्ता बी एन तिवारी ने जारी बयान में कहा कि भीम और मीम का नारा देने वाले तत्व वास्तव में अंबेडकर की विचारधारा के हत्यारे और देशद्रोही हैं । उन्होंने कहा कि आबादी की अदला बदली के बिना देश विभाजन अधूरा है । उन्होंने अंबेडकर के व्यक्तित्व को नमन करते हुए भारत सरकार से हिन्दू मुस्लिम आबादी की अदला बदली की प्रक्रिया आरंभ कर डॉक्टर अंबेडकर के अधूरे स्वप्न को पूरा करने की मांग की । उन्होंने कहा कि आबादी की अदला बदली से ही देश विभाजन पूरा हो सकता है ।
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कार्यक्रम का शुभारंभ अंबेडकर जी के चित्र पर माल्यार्पण के साथ हुआ । . हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रविन्द्र कुमार द्विवेदी , कार्यकारी अध्यक्ष विजेंद्र सिंह , कार्यालय मंत्री केशव चंद्र , राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता सहित अनेक पदाधिकारियों ने माल्यार्पण कर उनका स्मरण किया ।
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कार्यकारी अध्यक्ष विजेंद्र सिंह ने अंबेडकर जी का स्मरण करते हुए कहा कि अंबेडकर के व्यक्तित्व को दलित वर्ग तक सीमित रखना उनके विराट व्यक्तित्व को संकुचित बनाने का अपराध है । उन्होंने कहा कि अंबेडकर का चिंतन मानव जाति के लिए है और उनकी विचारधारा से ही विश्व शांति और समानता के सिद्धांत को साकार किया जा सकता है ।
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राष्ट्रीय महामंत्री ललित अग्रवाल ने जोधपुर से अंबेडकर को हिन्दू महासभा की विचारधारा से प्रेरित बताते हुए कहा कि जातियों की बेड़ी को तोड़ते हुए डॉक्टर अंबेडकर को हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का दायित्व संभालने के लिए मना लिया गया था , किंतू अंतिम क्षणों में ऐसा संभव नहीं हो सका । उन्होंने कहा कि गांधी वध के झूठे अभियोग से तत्कालीन कानून मंत्री डॉक्टर अंबेडकर के सहयोग से ही वीर सावरकर को जेल और अभियोग से मुक्त करवाया गया था ।
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हिन्दू महिला सभा की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉक्टर गीता रानी ने अंबेडकर जी को वंचित, शोषित, पीड़ित, कामगार, और विपन्न वर्गों का मसीहा बताते हुए कहा कि इन वर्गों के कल्याण के लिए ही अंबेडकर ने 1936 में इंडिपेंडेंट लेबर पार्टी बनाई और 1937 में मुंबई प्रांतीय विधानसभा चुनाव में कांग्रेस को कड़ी टक्कर देते हुए 13 विधानसभा सीट जीतकर प्रमुख विपक्षी दल बनाया ।
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हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता मदन लाल गुप्ता ने अंबेडकर को प्रखर हिंदुत्ववादी बताते हुए कहा कि उन्होंने मुसलमानों और ईसाइयों के बड़े बड़े प्रलोभनों को ठुकराकर सनातन धर्म के उदर से जन्मे पंथ बौद्ध पंथ को अंगीकार किया । उन्होंने कहा कि अंबेडकर के व्यक्तित्व प्रकाशपुंज से कांग्रेस भयभीत थी , इसलिए उनके मार्ग में कांटे बिछाए और नाम सवर्णों का बदनाम कर दिया । सवर्ण और असवर्ण समाज के मध्य कांग्रेस द्वारा बनाई की दूरी का खामियाजा आज भी भारतवासी भोग रहा है ।
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हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अनिल उपाध्याय ने कोलकाता , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रोफेसर यशपाल सिंह ने नई दिल्ली , उपाध्यक्ष विनोद कुमार त्रिपाठी ने गोरखपुर , राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नरेश सिंह चंबा ,राष्ट्रीय मंत्री प्रचारमंत्री उपेन्द्र पाल सिंह ने हाथरस , राष्ट्रीय प्रवक्ता धनंजय कुमार पाण्डेय ने अमेठी , उत्तर प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार शर्मा ने आगरा , प्रदेश उपाध्यक्ष दुष्यंत पचौरी ने हाथरस , दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सत्येंद्र झा ने पुरानी दिल्ली , बिहार अध्यक्ष अमित सिंह राणा ने पटना , महाराष्ट्र अध्यक्ष नितिन व्यास ने अमरावती , छत्तीसगढ़ महामंत्री अविनाश सिंह संधू , झारखंड अध्यक्ष अनिल कुमार पाण्डेय, हरियाणा उपाध्यक्ष प्रताप सिंह सहित विभिन्न प्रांतीय पदाधिकारियों ने अंबेडकर के व्यक्तित्व और कृतित्व का स्मरण करते हुए उनके अधूरे मिशन को पूरा करने का संकल्प लिया ।