मुकेश कुमार
जिला सम्भल
स्थान- बहजोई ( चंदौसी )
इंश्योरेंस कंपनी को कथित दुर्घटना पूर्व की बताना पड़ा भारी
ग्राम मिर्जापुर निवासी नईम के पास एक मारुति कार जिसका पंजीयन संख्या यूपी 38 एक्स 8423 जिसकी सुरक्षा के लिए उसने नेशनल इंश्योरेंस कंपनी से बीमा कराया था दिनांक 3 मार्च 22 को संभल की ओर जाते समय ग्राम भवन पर स्पीड ब्रेकर से डिसबैलेंस होकर वहां खड़ी टाटा 407 में जा घुसी एयर बैग खुल जाने के कारण नईम जो गाड़ी चला रहा था उसके हल्की सी चोट आई तथा उसमें बैठे लोगों को भी मामूली चोटे आई इसके संबंध में इंश्योरेंस कंपनी को सूचना देकर समस्त और ओपचारिकता पूर्ण की तो इंश्योरेंस कंपनी द्वारा टालमटोल किया जाता रहा जिस पर उन्होंने अपने अधिवक्ता उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ लव मोहन वार्ष्णेय से संपर्क किया और सारी बाते बताई तब उन्होंने अपने अधिवक्ता लव मोहन वार्ष्णेय के माध्यम से एक नोटिस इंश्योरेंस कंपनी को इस आशय से प्रेषित कराया कि वह उनकी गाड़ी की बीमा धनराशि अदा करें परंतु विपक्षी द्वारा कोई भी सुनवाई नहीं की गई बल्कि बीमा कंपनी द्वारा यह कह कर क्लेम देने से इनकार कर दिया की गाड़ी दुर्घटना 3 मार्च 22 की नहीं थी बल्कि मैं दुर्घटना 4 फरवरी 2022 की थी क्योंकि नईम की गाड़ी का रजिस्ट्रेशन नहीं था इसलिए उन्होंने अपनी गाड़ी की दुर्घटना तीन मार्च 22 दिखाई इस कारण उनका क्लेम दिया जाना संभव नहीं है तब नईम की ओर से उपभोक्ता मामलों के विशेषज्ञ लव मोहन वार्ष्णेय एडवोकेट द्वारा जिला उपभोक्ता आयोग जनपद संभल में एक वाद आयोजित किया गया और परवादी की व्यथा आयोग में रखी गई और बताया गया की तीन-तीन 22 को परवादी की कार ग्राम भवन में दुर्घटनाग्रस्त हो गया था
जिसकी सूचना बीमा धनराशि के संबंध में बीमा कंपनी को दी गई और समस्त औपचारिकता पूर्ण की गई परंतु बीमा कंपनी द्वारा पूर्व की घटना बाता कर धनराशी देने से इंकार किया गया ऐसी स्थिति में बीमा कंपनी को आदेशित किया जाए की परवादी के वाहन की बीमा धनराशि अदा करें जिस पर बीमा कंपनी की ओर से अपनी बातों को पुनः दोहराते हुए यही बताया गया की घटना फरवरी 22 में घट चुकी थी तथा इसका रजिस्ट्रेशन महा मार्च 2022 में कराया गया है जो कि लेट फीस के साथ कराया गया ऐसी स्थिति में क्लेम की धनराशि दिया जाना स्वीकार नहीं है आयोग ने दोनों पक्षों को सुना और सुनकर बीमा कंपनी को आदेशित किया कि नेशनल इंश्योरेंस कंपनी को आवेशित किया जाता है की परवादी को बीमा धनराशि मुबलिग 66401 उस पर परिवाद संस्थान की तिथि से 7% वार्षिक ब्याज सहित अंदर दो माहा अदा करें इसके अलावा परवादी मुबलिग 25000 रुपए मानसिक कष्ट व आर्थिक हानि की मद में तथा ₹5000 बाद व्यय की मद में भी अदा करेंगे नियत अवधि के अंदर धनराशि अदा न किए जाने पर ब्याज 9% की दर से दे होगा तथा परवादी क्षतिग्रस्त कार एवं पंजीयन प्रमाण पत्र बीमा कंपनी को प्राप्त कराए।