रिपोर्टर:-अजय कुमार रजक
डुमरी,गिरिडीह
एक वर्ष में डुमरी विधानसभा के दो प्रभावी शख्सियत का आकस्मिक निधन दुखद : इन्द्रजीत जायसवाल
डुमरी:झारखंड के प्रथम ऊर्जा मंत्री सह विधानसभा
डुमरी से तीन बार विधायक रहे लालचन्द महतो की
आकस्मिक निधन 4 अप्रैल की रात्रि अपने रांची स्थित आवास में हो गया।उनके आकस्मिक निधन के साथ ही आपातकाल के एक राजनीतिक सिपाही का एक
युग का अंत हो गया।लालचंद महतो की शख्सियत के
बारे में उनको करीब से जानने वाले क्षेत्र के अधिवक्ता इन्द्रजीत जायसवाल ने कहा कि आपातकाल के बाद 1977 में जनता पार्टी के टिकट पर लालचंद महतो डुमरी विधानसभा क्षेत्र के पहली बार विधायक बने, जनता पार्टी की सरकार क गिरने पर वे कर्पूरी ठाकुर के साथ चले गए और लोक दल का काम किया वहीं
1982 एवं 1985 में संपन्न विधानसभा चुनाव में उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा और इन दोनों चुनाव में झारखंड मुक्ति मोर्चा प्रत्याशी शिवा महतो विजय हुए
पुनः 1990 की जनता दल से लालचंद महतो डुमरी से विधायक बने जबकि 1995 के चुनाव में पुनः शिवा महतो चुनाव जीते 2000 के चुनाव में पुनः लालचंद महतो ने डुमरी सीट पर कब्जा किया और 15 नवंबर 2000 को बने झारखंड राज्य के पहले ऊर्जा मंत्री बने
जबकि 2005 से लगातार चार बार टाइगर जगरनाथ महतो झामुमो टिकट पर चुनाव जीते,इस विधानसभा क्षेत्र की जनता के लिए 04 अप्रैल और 06 अप्रैल का दिन काला दिन साबित हुआ।जहां 04 अप्रैल 2024 को झारखंड के प्रथ ऊर्जा मंत्री लालचंद महतो का निधन हुआ तो ठीक 1 वर्ष पूर्व 6 अप्रैल 2023 को टाइगर जगरनाथ महतो पूर्व शिक्षा मंत्री का निधन हुआ,जबकि शिवा महतो का निधन पूर्व में ही 28 फरवरी के दिन हुआ था।आपातकाल से लोगों को मुक्ति दिलाने के लिए डॉ जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में पूरे देश में आंदोलन हुआ था और मार्च 1977 में जनता ने कांग्रेस की सरकार को उखाड़ फेंका था देश में जनता पार्टी की सरकार बनी थी और मोरारजी देसाई की सरकार के प्रधानमंत्री बने थे बिहार राज्य की विधानसभा चुनाव में डुमरी सीट से लालचंद महतो को उम्मीदवार बनाया गया था पूरे बिहार में सिर्फ एक सीट भारतीय जनसंघ के नाम पर महतो को मिला था।