बहराइच
पंकज कुमार शुक्ला
शिक्षित बालिका, स्वस्थ बालिका,सुरक्षित बालिका,आत्मनिर्भर बालिका अभियान चला रहा शिक्षास्थली फाउंडेशन
शिक्षा के लिए प्रेरित करने और बालिका शिक्षा बढ़ाने को लेकर बालिका शिक्षा एवं इसके लिए संस्थान ने जिले में बालिकाओं के हितों को लेकर कार्य करना शुरू किया गया है।
यह संस्थान बालिकाओं से जुड़े अन्य हितधारकों के मिलकर बेटियों के सामने आने वाली समस्याओं और उनके समाधान के लिए कार्य कर रही है। शिक्षास्थली फाउंडेशन की प्रोग्राम कोऑर्डिनेटर संगीता ने बताया कि बालिकाओं का शिक्षा से जुड़ाव बना रहे इसके लिए संस्था की ओर से प्रयास किए जा रहे है। यह अभियान 25 मार्च को शुरू हुआ और जिले में चलाया जा रहा है।
इस अभियान का मुख्य उद्देश्य है कि बालिकाओं ने पिछले शिक्षा सत्रों में जो शिक्षा व अन्य उपलब्धियां हासिल की है, उनको स्थिर रखा जाए और कोरोना महामारी के बावजूद स्कूल छोड़नी नहीं पड़े। अभियान के साथ जोड़ने के लिए संस्थान की ओर से ग्रामीण एवं शहरी समुदायों तक सामुदायिक रेडियो एवं एफएम के माध्यम से पहुंचना, स्थानीय और राज्य सरकारों की ओर से शिक्षण सामग्री को बालक-बालिकाओं के समूह तक पहुंचना, सोशल मीडिया के माध्यम से बालिका शिक्षा में आने वाली चुनौतियों को दर्शाना ताकि समुदाय उस पर चिंतन-मनन कर सकें और बालिका शिक्षा पर गंभीरता से ध्यान दें।
जमीनी स्तर के कार्य क्षेत्रों में बालिकाओं की भागीदारी सुनिश्चत करना और विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से समुदाय के लोगों में बालिका शिक्षा के सकारात्मक उर्जा का संचार करना, सबल बालिका शिक्षित बालिका अभियान के प्रतिभागियों, उनके परिवारों, उनके दोस्तों और समुदायों तक पहुंचना कार्य किए जा रहे है। इस अभियान को सहयोग देते हुए ग्राम प्रधान एवं समिति के सदस्य बालिका शिक्षा को प्रोत्साहन दे रहे है।
प्रोत्साहित करने के लिए करते है पोस्टर साझा, दीवारों पर लिखवाए स्लोगन
शिक्षास्थली फाउंडेशन के डायरेक्टर डॉ. पंकज शुक्ला ने बताया कि बालिकाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से प्रेरणादायी कहानियां, देशभर के जाने-माने रोल मॉडल, महिला-पुरुषों की सफलता के वीडियोज, बालिका शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाले पोस्टर साझा किया जाता है।
ताकि बालिकाओं का मनोबल बढ़ सकें और आगे पढ़ने व बढ़ने का मकसद पूरा करें। अभियान का हिस्सा बनने के लिए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से बालिकाएं पर्पल/बैंगनी रंग के कपड़ों/मफलर/स्कार्फ आदि के साथ ग्रुप बनाकर बैठती है। साथ ही पढ़ाई संबंधित चुनौतियों पर आपस में चर्चा करती है। बालिकाएं अपने स्कूल, मोहल्ले, समुदाय में बालिका शिक्षा के प्रति जन-जागरूकता लाने के लिए दीवारों पर विभिन्न तरह के स्लोगन, पेंटिंग, चित्रकारी आदि लिखकर भी बालिका शिक्षा का संदेश जन-जन तक पहुंचा रही है।