पंकज कुमार शुक्ला
बहराइच
गरीब बच्चो को निशुल्क ट्युशन एवं रोजगार के प्रशिक्षण का कार्य कर रहा शिक्षास्थली फाउंडेशनउपेक्षितों और असहायों की सेवा करने के लिए कुछ लोग हमेशा तत्पहर रहते हैं. चाहे वह सेवा उनको शिक्षित करने की हो, रोजगार की हो. समाज के ऐसे ही गरीब और होनहार बच्चों की सेवा का सामाजिक कार्य बहराइच मे शिक्षास्थली फाउंडेशन कर रहा है.
शिक्षास्थली फाउंडेशन गरीब बच्चों के जीवन में शिक्षा का उजियारा फैला रहा है. संस्था की ओर से न केवल सैकडों जरूरतमंद विद्यार्थियों की पढ़ाई का खर्च उठाया जा रहा है, बल्कि उनको ट्यूशन भी निःशुल्क पढ़ाया जा रहा है
इतना ही नहीं पिछले एक साल से बहराइच में ही शिक्षास्थली फाउंडेशन की ओर से दो दर्जन से अधिक से कक्षाएं आयोजित की गईं. वहीं शिक्षास्थली फाउंडेशन की ओर से नैतिक शिक्षा पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि बच्चों में स्कूली स्तर से ही वे संस्कारी बनें. शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर कार्यों को लेकर शिक्षास्थली फाउंडेशन को सम्मान पत्र भी मिल चुका है.
शिक्षास्थली फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. पंकज शुक्ला ने बताया कि दरअसल उनको जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा दिलाने में आत्म संतुष्टि मिलती है. इसी कारण वह गरीब और जरूरतमंद बच्चों की सेवा में आगे रहते हैं.
सचिव संगीता के मुताबिक शिक्षास्थली फाउंडेशन की ओर से छठी से 12वीं कक्षा के उन होनहार व प्रतिभावान बच्चों को चिन्हित कर उनके पढ़ाई का खर्च भी शिक्षास्थली फाउंडेशन उठा रहा है, जो गरीब जरूरतमंद या उपेक्षित हैं.
जरूरतमंदों की इस तरह से की जाती है मदद
शिक्षास्थली फाउंडेशन की ओर से इन बच्चों को न केवल कॉपी व किताबें दी जा रही हैं, बल्कि उनकी ड्रेस व जूते व जुराबों का खर्च भी वहन किया जाता है. शिक्षकों द्वारा अलग समूहों में उनको निःशुल्क ट्यूशन भी दिया जा रहा है. बच्चों को पढ़ाने वाले अधिकतर शिक्षक भी स्वयंसेवी हैं.
संस्था के अध्यक्ष डॉ. पंकज शुक्ला का कहना है कि हमारे पास जज्बे की कमी नहीं है. कमी है तो अच्छे मैनपावर और फंड्स की, लेकिन चैरिटी के काम के लिए समय भी चाहिए, जो कई बार नहीं मिल पाता है. निखिल सिंह के मुताबिक कल यही बच्चे अपना भविष्य गढ़ने के बाद अपने तरह के बच्चों की सहायता करने लगेंगे. इसके लिए उन्हें प्रेरित भी किया जाएगा.
बच्चों को हर माह मिलेगी नैतिक शिक्षा
मेधावी बच्चों की प्रतिभा और निखरेगी. टीम का विस्तार होगा और आने वाली प्रतिभाएं आर्थिक कमजोरी की वजह से शिक्षा से वंचित नहीं रह पाएगी. ट्रस्ट के मुताबिक जल्द ही बच्चों को नैतिक शिक्षा (Moral Education) देने के लिए हर महीने बाल संस्कार केंद्र कार्यक्रम का आयोजन करने का इरादा है.