डां राजेन्द्र प्रसाद जयंती पर हुआ पुष्पांजलि समारोह-
डां प्रसाद का रहा देश और टीकमगढ़ क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण योगदान -प्रमोद खरे
टीकमगढ़ म प्र से कविन्द पटैरिया पत्रकार

टीकमगढ़। स्थानीय राजेन्द्र पार्क स्थित प्रतिमा स्थली पर भगवान चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट द्वारा देश के प्रथम राष्ट्रपति डां राजेन्द्र प्रसाद जी की जयंती मनाई गई। इस अवसर पर ट्रस्ट अध्यक्ष प्रमोद खरे सहित ट्रस्ट पदाधिकारी एवं कायस्थ बंधु उपस्थित रहे। बताया गया है कि 3 दिसंबर को चित्रगुप्त मंदिर ट्रस्ट द्वारा डां राजेंद्र प्रसाद की प्रतिमा के समीप एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर प्रमुख वक्ता प्रमोद खरे अध्यक्ष मंदिर ट्रस्ट टीकमगढ़ ने डॉ राजेंद्र प्रसाद के जीवन और उनके योगदानों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि डॉ राजेंद्र प्रसाद भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक महान सेनानी थे और स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति भी रहे। उन्होंने देश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उनके आदर्श हम सभी के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। इस अवसर पर गायत्री परिवार के सदस्य रमेश खरे ने कहा कि देश के पहले राष्ट्रपति डॉ राजेंद्र प्रसाद जी की जयंती पर हम सभी को उनके बताए रास्ते पर चलने की प्रेरणा लेना चाहिए। उनके त्याग और बलिदान से युवाओं को शिक्षा लेकर देश सेवा में अपना योगदान देना चाहिए। उन्होंने अंत में अपनी ओर से विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित की। पत्रकार प्रदीप खरे, विजय खरे, मुरारी लाल श्रीवास्तव, कार्तिक खरे सहित अनेक वक्ताओं ने भी डां राजेन्द्र प्रसाद जी के कृतत्व एवं व्यक्तित्व पर प्रकाश डालते हुए देश के लिए किए गए उनके महत्वपूर्ण कार्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस दौरान पत्रकार प्रदीप खरे ने कहा कि आजादी के बाद से अब तक केवल डां प्रसाद जी ही ऐसे महामहिम राष् ट्रपति जी हुए हैं, जिन्होंने बुंदेलखंड की धरा टीकमगढ़ आकर यहां के लोगों को एक नहीं, तीन-तीन सौगातें दी थीं। एक समय यहां के कृषि प्रधान क्षेत्र को पानी के साथ ही स्वास्थ्य के लिए अस्पताल और बच्चों के पार्क की आवश्यकता रही। उन्होंने वरिष्ठ साहित्यकार बनारसी दास चतुर्वेदी के आग्रह पर यहां बांध, अस्पताल और पार्क की सौगात देकर समू्रचे जिले का जो भला किया था,

उसे यहां की जनता कभी नहीं भुला पाएगी। श्री खरे ने कहा कि आज यहां के पार्क को डां राजेन्द्र अस्पताल के नाम से ही जाना जाता है। इसी प्रकार जुढ़ावन में बना राजेन्द्र सागर बांध एवं किले के मैदान में बनाया गया राजेन्द्र पार्क श्री प्रसाद जी की ही देन है। डां राजेन्द्र प्रसाद की स्मृतियों को संजोए रखने और पार्क को राष् ट्रीय धरोहर के रूप में पहचान दिलाए जाने की जरूरत है। पार्क में लगी प्रदर्शनी के कारण हुई परेशानी का भी लोगों ने जिक्र किया। मानस मंच एवं राजेन्द्र पार्क प्रतिमा स्थली के इस प्रांगण को सुंदर और आकर्षक बनाए जाने की दिशा में प्रयास किया जाना चाहिए। यहां आकर्षक प्रकाश व्यवस्था एवं पर्यटकों के लिए विशेष इंतजाम किए जा सकते हैं। शहर के मध्य में होने से यहां के बच्चों एवं बुजुर्गों के लिए एक बेहतर जगह बनाई जा सकती है। इस अवसर पर विजय खरे ने कहा कि डां राजेन्द्र प्रसाद जी ने अपने जीवन काल में देश के लिए जो कुछ किया, वह हमेशा याद रखा जाएगा। इस दिन विभिन्न सरकारी और सामाजिक संगठनों द्वारा कई कार्यक्रम आयोजित किए जाना चाहिए। राजेन्द्र पार्क में बेबाड़ा पड़े हाल को उपयोगी बनाए जाने एवं प्रांगण को पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र बनाए जाने पर जोर दिया गया। इस अवसर पर मुरारी लाल श्रीवास्तव ने प्रतिमा की सुरक्षा एवं स्थली पर रोशनी के इंतजाम किए जाने की जरूरत बताई। इस अवसर पर यहां देर रात असमाजिक तत्वों द्वारा किए जाने वाले कृत्य की निंदा करते हुए प्रतिमा स्थली के पास ही किए गए अतिक्रमण को हटाए जाने की पर भी जोर दिया गया। यहां पार्क में लगी प्रदर्शनी और ऊपर सडक़ पर रखी गुमटियों के कारण लोगों को प्रतिमा तक पहुंचने में जो परेशानी हुई है, उस पर चिंता जताई गई। इस अवसर पर नगर पालिका द्वारा किए गए सहयोग पर प्रशासन का आभार व्यक्त किया गया, साथ ही सीढिय़ों पर व्याप्त गंदगी को दूर किए जाने तथा आसपास व्याप्त अतिक्रमण को हटाए जाने का आग्रह किया गया। वैसे भी यहां आसपास गुमटियों के जमा होने से मार्ग लगातार संकीर्ण होते जा रहे हैं, जो चिंता का विषय है। इस अवसर पर कार्तिक खरे, अरूण खरे, राजेन्द्र खरे, आरबी सेन सहित अनेक सामाजिक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


















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