आदिवासी समाज के हक़ पर ‘डाका’: सौसर विधायक पर करोड़ों की स्वेच्छानुदान राशि हड़पने का आरोप, SDM को सौंपा गया आग़-बबूला ज्ञापन
संवाददाता धनंजय जोशी
जिला पांढुरना मध्य प्रदेश

पांढुरना – सौसर में आदिवासी समाज के साथ खुलेआम भेदभाव और शासन की स्वेच्छानुदान राशि के घोटाले को लेकर आज आदिवासी संगठनों का गुस्सा फूट पड़ा। आदिवासी नेताओं ने सौसर SDM कार्यालय पहुंचकर वह धमाकेदार ज्ञापन सौंपा, जिसमें वर्तमान विधायक विजय चौरे पर आदिवासी वर्ग की करोड़ों की सहायता राशि का संपूर्ण “दोहण” करने का गंभीर आरोप लगाया गया है।
*क्या है बड़ा आरोप?*
आदिवासी नेताओं के अनुसार—
पिछले 7 वर्षों में विधायक ने गरीब, वंचित एवं शोषित आदिवासी परिवारों को एक भी रुपया नहीं दिया, जबकि शासन इस राशि का उद्देश्य खासकर आदिवासी समुदाय की मदद बताता है।
इसके विपरीत—
हार्डवेयर व्यापारियों
किराना दुकानदारों
लोहा-सीमेंट व्यापारियों
इनकम टैक्स से जुड़े लोगों
मोबाइल दुकानों
यहाँ तक कि महाराष्ट्र के लोगों और अपने निजी सहायक

के खातों में लाखों रुपये का वितरण कर दिया गया।
आदिवासी नेताओं का आरोप है कि यह कार्य “भ्रष्टाचार” की पराकाष्ठा है
गरीबों के पेट पर लात और अमीर चहेतों की जेब भरने का संगठित खेल।
*आदिवासी समाज का सीधा हमला**
युवा आदिवासी नेता नामदेव इवनाती ने फ़रियाद नहीं, बल्कि कार्रवाई की मांग करते हुए कहा—
“वंचित आदिवासी समाज की करोड़ों की राशि हड़पने वाले विधायक को पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं। विधायक की सदस्यता तत्काल प्रभाव से निरस्त की जाए और पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच हो।”
*SDM कार्यालय के बाहर उबलता गुस्सा*

ज्ञापन सौंपते समय बड़ी संख्या में आदिवासीजन मौजूद रहे। नारे गूंजते रहे।
उपस्थित प्रमुख लोग
संजय बागडे, अंकुश उइके, ईश्वर बागडे, वंदना इवनाती, जंगलसिंह धुर्वे, यशवंत धुर्वे, कैलाश नरे, यमुना आतराम, लालशाह ईरपाची, सुनील उईके, रमेश परतेती, विश्वेश्वर बागडे, दशरथ किरणके, उमेश पगार, राजाराम, बोसम, जानीराम वटके, उमा रिधोरे, शंकर सिरसाम, राकेश मसराम सहित सैकड़ों आक्रोशित आदिवासीजन मौके पर मौजूद रहे।

















Leave a Reply