क्षेत्र में बड़े पैमाने पर फल-फूल रहा नकली व अमानक खाद्य सामग्री का व्यापार
जिम्मेदार अधिकारी कार्रवाई से कतरा रहे, फोन आते हैं बंद
सत्यार्थ न्यूज़ संवाददाता मनोज कुमार माली सोयत कलानगर

सुसनेर नगरीय क्षेत्र में नकली और अमानक खाद्य सामग्री का व्यापार धड़ल्ले से चल रहा है, जबकि जिला खाद्य अधिकारी की “खास मेहरबानी” के चलते इस अवैध कारोबार पर कोई रोक नहीं लग पा रही है।
सूत्रों के अनुसार, कई व्यापारी नकली घी, गुड़, तेल, दूध, दूध पाउडर और मावा जैसी वस्तुएं बेच रहे हैं। इनकी सप्लाई न केवल सुसनेर तक सीमित है, बल्कि राजस्थान और मध्यप्रदेश के अन्य जिलों तक भी पहुंच रही है।
हाल ही में नकली गुड़ को रीसायकल कर बेचने के मामले में एक व्यापारी पर जुर्माना भी लगाया गया था, लेकिन इसके बावजूद इस तरह के कारोबार पर रोक नहीं लग सकी।
दीवाली के समय भी कार्रवाई नदारद
त्योहारों के मौसम में जब इन वस्तुओं की मांग सबसे ज्यादा होती है, तब भी प्रशासन की ओर से कोई सक्रियता नहीं दिखाई दे रही। जागरूक नागरिकों द्वारा कई बार लिखित शिकायतें दिए जाने के बावजूद जिला खाद्य अधिकारी ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
फोन बंद, कार्रवाई ठंडे बस्ते में
शिकायतों के बाद शुरुआती दिनों में अधिकारी कार्रवाई का भरोसा तो देते हैं, लेकिन कुछ ही दिनों में मामले ठंडे बस्ते में चले जाते हैं।
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि अधिकारी से संपर्क करने की कोशिश की जाए तो उनका फोन बंद या नेटवर्क से बाहर बताता है।
मोटी रकम की “सेवा” का खेल!
नाम न छापने की शर्त पर सूत्रों ने बताया कि जिला खाद्य अधिकारी के “निष्क्रिय रवैये” के पीछे एक गुप्त आर्थिक लेनदेन का खेल चल रहा है। बताया जा रहा है कि कुछ व्यापारी हर माह मोटी रकम अधिकारी तक पहुंचाते हैं, जिससे वे कार्रवाई से बच निकलते हैं। हालांकि इस लेनदेन का तरीका और माध्यम अब तक स्पष्ट नहीं हो सका है।
हमारे प्रतिनिधि द्वारा भी कई बार जिला खाद्य अधिकारी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई, मगर उनका मोबाइल अधिकांश समय बंद ही मिला।
जनहित की अपील
स्थानीय नागरिकों ने जिला प्रशासन से मांग की है कि जल्द से जल्द इस पूरे मामले की स्वतंत्र जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि त्योहारों के समय आमजन की सेहत से खिलवाड़ न हो सके।
















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