गौरेला जनपद पंचायत में DSC घोटाला: कंप्यूटर ऑपरेटर पर एफआईआर दर्ज, तत्काल पद से हटाया गया,

सूरज यादव, गौरेला–पेंड्रा–मरवाही। कार्यालय जनपद पंचायत गौरेला में एक बड़ा वित्तीय घोटाला सामने आया है, जिसमें कलेक्टर दर पर पदस्थ कंप्यूटर ऑपरेटर दीपक जायसवाल को 15वें वित्त की राशि के डिजिटल सिग्नेचर सर्टिफिकेट (डीएससी) से फर्जी भुगतान करने के आरोप में तत्काल प्रभाव से उनके पद से हटा दिया गया है। जनपद सीईओ गौरेला द्वारा जारी आदेश में कहा गया है कि दीपक जायसवाल के खिलाफ विभिन्न ग्राम पंचायतों और सहायक लेखाधिकारी जनपद पंचायत गौरेला से शिकायतें मिली थीं, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उन्होंने लेखा अधिकारी के डीएससी का दुरुपयोग करते हुए विभिन्न खातों में राशि जमा कराई है। जांच में पाया गया कि दीपक जायसवाल के पास सहायक लेखाधिकारी का डीएससी रखा गया था और उन्होंने इसका उपयोग करके फर्जी भुगतान किए हैं।

इसके अलावा, जांच में यह भी पता चला है कि दीपक जायसवाल ने सहायक लेखाधिकारी के प्रोफाइल में अन्य ई-मेल आईडी और मोबाइल नंबर जनरेट किया था, जो गंभीर लापरवाही और वित्तीय अनियमितता के साथ-साथ आर्थिक अपराध की श्रेणी में आता है। यह कार्रवाई जनपद पंचायत गौरेला की वित्तीय व्यवस्था में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए की गई है।

दीपक जायसवाल सितंबर 2025 से लगातार अनुपस्थित चल रहे थे, और जांच में पाया गया कि उन्होंने अपने कार्यों में लापरवाही और अनियमितता बरती है। जनपद सीईओ गौरेला ने दीपक जायसवाल को तत्काल प्रभाव से कंप्यूटर ऑपरेटर के पद से हटाने का आदेश दिया है, और साथ ही थाना गौरेला में प्रथम सूचना रिपोर्ट भी दर्ज कराई गई है। इस मामले में आगे की जांच और कार्रवाई की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की बात कही गई है। यह कार्रवाई जनपद पंचायत गौरेला की वित्तीय व्यवस्था को सुरक्षित और पारदर्शी बनाने के लिए की जा रही है।


















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