सुकमा के जसराज जैन ‘रक्तमित्र’ को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय सम्मान
विशेष संवाददाता पुनीत मरकाम कांकेर

कांकेर l सुकमा के युवा समाजसेवी जसराज जैन ‘रक्तमित्र’ ने अपनी निस्वार्थ सेवा और समाज के प्रति समर्पण के लिए राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान हासिल की है।
उन्हें राष्ट्रीय एकीकृत कलाकार और कार्यकर्ता मंच (एन.आई.एफ.ए.ए.) की रजत जयंती राष्ट्रीय समारोह में युवा समाज परिवर्तनकर्ता पुरस्कार से सम्मानित किया गया, साथ ही उन्हें इंग्लैण्ड से विश्व उत्कृष्टता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया।
यह भव्य कार्यक्रम 21-23 सितम्बर 2025 तक दिल्ली के भारत मंडपम और हरियाणा के करनाल में आयोजित हुआ, जिसमें भारत के 700 जिलों से चयनित समाजसेवियों ने भाग लिया। समारोह में हरियाणा विधानसभा अध्यक्ष हरविंदर कल्याण, पूर्व उद्योग मंत्री शशिपाल मेहता, करनाल महापौर श्रीमती रेणु बाला गुप्ता, और जापान, इंग्लैण्ड व मॉरीशस के प्रमुख अतिथियों की उपस्थिति ने कार्यक्रम की गरिमा बढ़ाई।
कार्यक्रम की गरिमा
इस राष्ट्रीय समारोह में उपस्थित सभी अतिथियों ने जसराज जैन के कार्यों की सराहना की। भारत के प्रत्येक राज्य और जिले से आए समाजसेवियों की उपस्थिति ने इसे एक सच्चे राष्ट्रीय मंच का रूप दिया। जसराज के चयन और सम्मान ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्ची सेवा सीमाओं और वर्गों को नहीं पहचानती, और छोटे जिलों के युवा भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना सकते हैं।
सम्मान स्वरूप प्राप्त पुरस्कार और महत्ता
जसराज जैन को इस कार्यक्रम में निम्नलिखित सम्मान प्रदान किए गए:
1. युवा समाज परिवर्तनकर्ता पुरस्कार (राष्ट्रीय पुरस्कार)
2. विश्व उत्कृष्टता प्रमाण पत्र (इंग्लैण्ड)
3. स्मृति चिन्ह और टी-शर्ट
यह सम्मान सिर्फ व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं बल्कि सुकमा जिले और पूरे छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का विषय है।
रक्तदान सेवा — जीवन का मिशन
जसराज जैन ने अपनी 11 वर्षों की समाजसेवा यात्रा में रक्तदान और आपातकालीन सहायता को जीवन का उद्देश्य बना लिया है।
1. अब तक 32 बार रक्तदान कर चुके हैं।
2. 23 सितम्बर 2025 को करनाल (हरियाणा) में अपना 32वाँ रक्तदान किया।
3. इस कार्य से भारत के 6 राज्यों में रक्तदान का अभियान सफलतापूर्वक पहुंचा।
4. उन्होंने 26,000 से अधिक रक्तदाताओं का जाल बनाया और 17,000 से अधिक आपातकालीन रक्त सहयोग कॉल का समाधान किया।
उनकी यह निस्वार्थ सेवा पूरे छत्तीसगढ़ और देशभर के लिए प्रेरणा है। उनका जीवन संदेश है — “रक्तदान सबसे बड़ा दान है, क्योंकि यह सीधे जीवन बचाता है।”
समाजसेवा की विविध पहलें
जसराज जैन ने केवल रक्तदान तक सीमित नहीं बल्कि समाज की अनेक जरूरतों को पूरा करने की दिशा में निरंतर प्रयास किए हैं:
1. सड़क दुर्घटनाओं और आपातकालीन स्थितियों में घायल लोगों को अस्पताल तक पहुंचाना।
2. युवाओं को शिक्षा और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति जागरूक करना।
3. शबरी जनसेवा न्यास और रक्तमित्र जनसेवा साथी के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य और आपदा राहत अभियानों को मजबूत करना।
4. डिजिटल माध्यम से “जसराज जैन रक्तमित्र” नामक संदेश सेवा चैनल के जरिए हजारों लोगों को सेवा और जागरूकता से जोड़ना।
5. सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक असमानता, ग्रामीण और शहरी खाई को कम करने के लिए विभिन्न अभियान चलाना।
6. उनकी यह निरंतर सेवा सैकड़ों युवाओं को समाजसेवा में जुड़ने और देश के लिए योगदान देने की प्रेरणा देती है।
आध्यात्मिक साधना और सामाजिक प्रेरणा
जसराज जैन अपने समाजसेवा कार्य को केवल सामाजिक जिम्मेदारी नहीं बल्कि आध्यात्मिक साधना मानते हैं।
24 सितम्बर 2025 को राजस्थान देशनोक में उन्होंने 11वाँ लोच (केशलोचन) कर जैन सिद्धांतों का पालन किया।
आचार्य प्रवर श्री राम गुरुवर के मार्गदर्शन में उन्होंने त्याग, भक्ति और गुरु भक्ति का परिचय दिया।
उनका मानना है कि आध्यात्मिक ऊर्जा और समाजसेवा का संतुलन ही स्थायी बदलाव लाता है।
युवाओं के लिए प्रेरणा
जसराज जैन का जीवन और उपलब्धियाँ युवाओं के लिए मिसाल हैं:
“लोकप्रिय बनने से पहले उपयोगी बनो।” उनका मुख्य संदेश है।
उनके अभियान से सैकड़ों युवाओं ने पहली बार रक्तदान किया और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हुए।
वे युवाओं को यह संदेश देते हैं कि सच्ची सेवा और निस्वार्थ समर्पण ही समाज और देश को बदल सकते हैं।
प्रदेश और राष्ट्र के लिए गौरव
जसराज जैन का यह सम्मान न केवल उनके लिए बल्कि सुकमा जिला, पूरे छत्तीसगढ़ और देशभर के समाजसेवियों के लिए गर्व का विषय है। उनके प्रयास और उपलब्धियाँ पूरे प्रदेश को प्रेरणा देती हैं कि छोटे जिलों से भी बड़े राष्ट्रीय मंच और अंतरराष्ट्रीय पहचान बनाई जा सकती है।
















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