कांकेर में हरित सफलता कार्यक्रम: महिलाओं की आजीविका और पर्यावरण संरक्षण की नई राह

कांकेर। आज दिनांक 10 सितम्बर 2025 को जिला पंचायत कांकेर में चैतन्य संस्था द्वारा हरित सफलता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य महिलाओं के साथ मिलकर आजीविका के क्षेत्र में किए गए कार्यों और उनकी सफलता की कहानियों को साझा करना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन से हुआ। इस अवसर पर माननीय विधायक श्री आशाराम नेताम, जिला कलेक्टर श्री निलेश कुमार महादेव क्षीरसागर, मुख्य वन संरक्षक श्री दिलराज प्रभाकर, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी श्री हरीश मंडावी तथा चैतन्य संस्था की कार्यकारी निदेशक सुश्री कल्पना पंत मुख्य रूप से उपस्थित रहे। सुश्री पंत ने स्वागत भाषण में बताया कि वर्ष 2019 से चैतन्य संस्था ने छत्तीसगढ़ में बिहान के साथ साझेदारी में कार्य प्रारंभ किया है और वर्तमान में छह जिलों में जेंडर रिसोर्स सेंटर प्रोग्राम के तहत तकनीकी सहयोग प्रदान कर रही है। कांकेर उनमें से एक प्रमुख जिला है जहाँ संस्था ने अब तक ढाई हजार से अधिक महिलाओं के साथ मिलकर नर्सरी तैयार करने, पौधारोपण, बीज बैंक, मत्स्य उत्पादन और औषधीय पौधों की खेती जैसे अनेक कार्य किए हैं। संस्था के सहयोग से महिलाओं द्वारा लगभग पाँच हजार पौधों की नर्सरी तैयार की गई है जिसमें काजू, पपीता, सहजन, आंवला और कटहल जैसे पौधे शामिल हैं। वहीं वन विभाग से प्राप्त दस हजार पौधों को पच्चीस गाँवों में महिलाओं की बाड़ी और खेतों में लगाया गया है। चारामा ब्लॉक के चिचरुंगपुर गाँव में स्टेट फॉरेस्ट रिसर्च एंड ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट से प्राप्त शतावरी और सर्पगंधा के पौधे लगाए गए हैं ताकि महिलाएँ औषधीय पौधों की खेती से भी अपनी आजीविका को सशक्त बना सकें। जिले में सात तालाबों में मछली उत्पादन कार्य जारी है और तीस प्रकार के बीजों का बीज बैंक भी तैयार किया गया है। इस कार्य में वन विभाग, मत्स्य विभाग, औषधीय पादप बोर्ड तथा तकनीकी सहयोगी संस्थाएँ जैसे एफ.ई. एस. और डब्ल्यू. आर. आई. का विशेष योगदान रहा है।

इस कार्यक्रम के अंतर्गत कांकेर के कोकपुर गाँव में हर्रा और बेहड़ा प्रसंस्करण इकाई की स्थापना चैतन्य संस्था द्वारा की गई है। इस इकाई का उद्घाटन माननीय विधायक श्री आशाराम नेताम जी के द्वारा किया गया।
मुख्य अतिथियों ने अपने विचार रखते हुए संस्था के प्रयासों की सराहना की। कलेक्टर श्री क्षीरसागर ने कहा कि कांकेर में वानिकी आधारित आजीविका की अपार संभावनाएँ हैं और यदि संगठन के साथ मिलकर काम किया जाए तो आर्थिक आय के नए साधन विकसित किए जा सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि जिला पंचायत हर संभव सहयोग करेगी। मुख्य वन संरक्षक श्री प्रभाकर ने कहा की महिला समूह महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। हमारी प्रोसेसिंग यूनिट्स संजीवनी मार्ट के जरिए उत्पादों का एक्सपोर्ट कर रही हैं। माइनर फॉरेस्ट प्रोड्यूस के क्षेत्र में हमें जो भी सहयोग चाहिए, हम देने को तत्पर हैं। 2 करोड़ पौधारोपण कर चुके हैं, जिसमें महिलाओं की भागीदारी और बढ़ेगी। हम आपके साथ हमेशा खड़े हैं।
विधायक श्री आशाराम नेताम के द्वारा अपने संबोधन में कहा कि चैतन्य संस्था ने गाँव-गाँव में महिलाओं के समूहों को सशक्त बनाने का कार्य किया है। उन्होंने कहा कि संगठन और एकजुटता से ही खुशहाली आती है। महिलाएँ गाँव की संस्कृति, नशा
मुक्ति और विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रही हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यदि हर घर में पेड़ लगें और स्वच्छता पर ध्यान दिया जाए तो गाँव और समाज दोनों प्रगति करेंगे। उन्होंने संस्था के कार्यों की प्रशंसा करते हुए पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया।

औषधीय पादत बोर्ड के सलाहकार श्री एफ. आर. कोशारिया ने अपने वक्तव्य में कहा कि शतावरी और सिंदूर जैसे पौधों की खेती से महिलाओं को वैकल्पिक आय का अवसर मिलेगा और यह पौधे तीन वर्षों में आर्थिक लाभ देने लगते हैं। उन्होंने बताया कि चिचरुंगपुर सहित कई गाँवों में इन पौधों को लगाया जा रहा है। वर्ल्ड रिसोर्स इंस्टिट्यूट से नवज्योति जी के द्वारा बताया गया कि बढ़ते प्रदूषण और पर्यावरणीय संकट के समय इस प्रकार की पहल का महत्व और बढ़ जाता है। जब विभिन्न संस्थाएँ मिलकर सहयोग और समन्वय करती हैं तो परिणाम अधिक प्रभावी होते हैं।
कार्यक्रम में महिलाओं ने भी अपने अनुभव साझा किए। स्वयं सहायता समूह की सदस्य सुश्री नंदिता ने बताया कि उनका समूह 2024 से चैतन्य संस्था से जुड़ा है और इसके माध्यम से फलदार पौधों का रोपण, बीज बैंक, किचन गार्डन और इमली प्रसंस्करण इकाई जैसी पहलें की गई हैं। इससे उन्हें आगे बढ़ने का अवसर मिला है।
अंत में उत्कृष्ट कार्य करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया। सर्वश्रेष्ठ जानकर दीदी, देववाड़ी, सीआरपी और सहयोगी श्रेणी में विशेष पुरस्कार प्रदान किए गए। सभी जानकार दीदियों को जैकेट देकर उनके योगदान को सराहा गया।
Foundation for Ecological Security की स्टेट हेड मंजीत बाल कौर ने कार्यक्रम में उपस्थित महिलाओं को संबोधित करते हुए ‘हरित नारी’ का अर्थ समझाया। उन्होंने बताया कि यह पहल महिलाओं के साथ क्यों की जा रही है और इससे उनके जीवन में किस प्रकार का सामाजिक बदलाव आ रहा है। कार्यक्रम में संस्था की ओर से भी विभिन्न प्रतिनिधि शामिल रहे, जिनमें प्रधान, TRIF, बस्तर से ‘बाज़ार तक’, उद्यमी, सहभागी, उद्योगिनी, THP, AERF, SSSS, FLCRP, अन्य संस्थाए और सरपंच प्रतिनिधि तथा देवबाड़ी की महिलाएँ उपस्थित रहीं।
संस्था की ओर से जिला समन्वयक दुर्गा प्रसाद और उनकी टीम ने पूरे कार्यक्रम का सफल संचालन किय सूत्र
संचालन प्रियंशु शर्मा (स्वर फ़ेलो) तथा आभार प्रदर्शन सुधा कडव द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम केवल महिलाओं की उपलब्धियों का उत्सव ही नहीं था, बल्कि भविष्य की संभावनाओं की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी सिद्ध हुआ। चैतन्य संस्था, विभिन्न विभागों और महिला समूहों के सामूहिक प्रयास से कांकेर में हरियाली, आजीविका और महिला सशक्तिकरण की एक नई नींव रखी जा रही है।


















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