विशेष संवाददाता पुनीत मरकाम भानुप्रतापपुर कांकेर भाजपा सरकार जल्द से जल्द पूर्ण शराबबंदी करें – शिवसेना
*कांकेर, शिवसेना द्वारा पूरे छत्तीसगढ़ प्रदेश में शराबबंदी की मांग को लेकर आंदोलन किया जा रहा है इसी तारतम्य में शिवसेना जिला कांकेर द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक को शराबबंदी की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा। शिवसेना जिला प्रभारी महेश ,(वासु)दुबे ने कहा छत्तीसगढ़ में शराबबंदी एक बड़ा सियासी मुद्दा है। प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस एक सिक्के के दो पहलू हैं शराबबंदी की मांग सत्ता से बाहर थे तो की, मगर सरकार बनते ही सब भूल गए। प्रदेश में काबिज भाजपा के सरकार पिछले 5 साल तक शराबबंदी का मांग करने वाले आज स्वयं शराब बेच रहे हैं और 5 साल शराब बेचने वाले कांग्रेस आज शराबबंदी का मांग कर रहे हैं। चुनाव के समय लुभावने वादे कर दोनों राजनीतिक दल शराबबंदी को लेकर जनता को धोखा देने का काम किया है। विदित हो छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव 2023 में शराबबंदी सबसे बड़े मुद्दों में से एक था। प्रदेश की महिलाओं में शराबबंदी का वादा पूरा नहीं करने पर भूपेश सरकार के खिलाफ नाराजगी थी, भाजपा ने भी इसी मुद्दे को लेकर तब के भूपेश सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया था। और प्रदेश की जनता ने पुनः प्रदेश में आशा उम्मीद के साथ भाजपा को सरकार में चुनकर ले आई। इसके नतीजा रहा कि चुनाव में कांग्रेस को हार का सामना करना पड़ा। और प्रदेश की सत्ता में बीजेपी की वापसी हो गई। श्री दुबे ने आगे कहा भारतीय जनता पार्टी की इस सरकार में अब शराब, बस स्टैंड, पान ठेला,होटल, चौक चौराहा, के साथ-साथ गांव में भी अवैध रूप से मिल रहा है। भाजपा अपने जेब भरने के लिए, जनता की गाड़ी कमाई लूटने के लिए शराब को गांव-गांव पहुंचाने का काम कर रही है। इसलिए शिवसेना भाजपा की सरकार से पूछना चाहता है मुख्यमंत्री जी से प्रश्न करता है कि शराबबंदी कब पूर्ण रूप से यहां सरकार कर रही है। शिवसेना ब्लॉक अध्यक्ष सुखचंद मंडावी ने कहा कांकेर जिले के सभी ब्लॉक, तहसीलों के गांव-गांव में भाजपा सरकार के संरक्षण में पूरे जिले में शराब कोचियागिरी शुरू हो गई है। 5 सालों तक और चुनाव में शराबबंदी के नाम से इन्होंने घूम-घूम कर बड़े ढोल पीटने का काम किया। लेकिन अब लगातार नई शराब दुकान खोली जा रही है। आहाता बनाकर शराब की खपत बड़ा रहे हैं, जिसके तहत पूरे प्रदेश में शराब कोचीयों सक्रिय हो गए हैं। छत्तीसगढ़ के सत्ता परिवर्तन होते ही मुद्दे भी बदल गए। जिस शराबबंदी के मुद्दे को लेकर अब तक बीजेपी कांग्रेस सरकार को घेरती रही है। वही मुद्दा सत्ता परिवर्तन के बाद आप भाजपा के गले की हड्डी बन गया है। उल्टा राज्य में शराब दुकान में वृद्धि कर शराब दुकान की इज़ाफा कर रही है। प्रदेश की महिलाओं का कहना है कि उन्होंने शराब बंदी के वादे पर भाजपा को वोट दिया है। ऐसे में सरकार को अपना वादा पूरा करते हुए तत्काल शराब बंदी का फैसला लेना चाहिए। उनका कहना है कि शराबबंदी का वादा कर सरकार में आई भाजपा सरकार में इसके उलट हर आदमी को रोज चार पव्वा शराब देने का नियम लागू है। जिसके कारण गांव में अवैध शराब दुकानों से चार-चार पव्वा शराब खरीद कर गांव में बेच रहे हैं। शिवसेना शासन प्रशासन से मांग करती है कि कांकेर जिला के समस्त तहसीलों गांव, मजरा, टोला क्षेत्र में कुछ पुलिस कर्मचारियों की ड्यूटी लगवाएं, जो दुकानदारों में नजर रखें, और बाहर से आए हुए लोगों को नजर में रखें, जो क्षेत्र में नशा को बढ़ावा दे रहा है, जो लोग खुलेआम नशा करते हुए पाए जाते हैं, उन पर जुर्माना लगाया जाए, यदि नशे का समय में नहीं रोका गया तो, यहां के युवावस्था, स्कूली बच्चों सब का जीवन बर्बाद कर देगा। शिवसेना ने पुलिस अधीक्षक कांकेर को 15 दिवस के अल्टीमेटम दिया है इस मामले में हस्तक्षेप कर अवैध शराब बिक्री को रोकने की मांग की है। ज्ञापन सौंपने वाले में प्रमुख रूप से शुभम यादव संत पटेल चंद्रहास मिश्रा अशोक गावड़े सूर्यकांत नरेटी इत्यादि शिवसैनिक उपस्थित थे।*
भाजपा सरकार जल्द से जल्द पूर्ण शराबबंदी करें – शिवसेना


















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