गोसेवा, पंचगव्य और खेलों के संग बीता शिविरार्थियों का विशेष दिन
सत्यार्थ न्यूज़ लाइव संवाद दाता
सुसनेर/13 जून, श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में श्री कामधेनु गुरुकुलम एवं सूर्या फाउंडेशन के सयुक्त तत्वाधान में चल रहें 10 दिवसीय व्यक्तित्व विकास शिविर के सप्तम दिवस का आज का दिन शिविरार्थियों के लिए अत्यंत खास और स्मरणीय रहा। दिन की शुरुआत गौशाला भ्रमण और गौसेवा से हुई, जहां बच्चों ने गोमाता को चारा खिलाया, सेवा की और गौमाता के प्रति सम्मान की भावना को सजीव रूप में आत्मसात किया।
इसके बाद शिविर में “खजाने की खोज” (Treasure Hunt) खेल का आयोजन हुआ, जिसमें बच्चों ने एक संकेत (क्लू) के आधार पर अगला क्लू खोजते हुए अंत में खजाने तक पहुँचने का रोमांचक और बौद्धिक सफर तय किया। यह खेल बच्चों की टीम भावना, तर्कशक्ति और दिशा ज्ञान को निखारने में सहायक रहा।
इसके पश्चात शिविरार्थियों ने पंचगव्य लेप करके स्नान किया। पंचगव्य (दूध, दही, घी, गोमूत्र और गोबर) का प्रयोग भारतीय आयुर्वेद में शरीर शुद्धि, त्वचा रोगों में लाभकारी, मन शांति और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने हेतु प्राचीनकाल से होता आया है। पंचगव्य लेप शिविरार्थियों को प्रकृति से जुड़ाव और आत्मशुद्धि का अनुभव भी कराता है।
आज से शिविर प्रतियोगिताओं की शुरुआत हुई। चित्रकला, पत्र लेखन और रस्साकसी जैसी प्रतियोगिताओं में बच्चों ने उत्साह से भाग लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। साथ ही कबड्डी की प्रारंभिक चरण की एवं रस्साकसी प्रतियोगिता भी आरंभ हुई, जिससे खेल भावना और अनुशासन की ऊर्जा पूरे परिसर में देखी गई।
सांस्कृतिक कार्यक्रम में आज भारतीय परंपरा के अनुसार जन्मदिन मनाया गया। शिविरार्थियों के लिए यह अत्यंत भावनात्मक क्षण था, जब वैदिक मंत्रों, तिलक, आरती और आशीर्वाद के साथ उनका जन्मोत्सव मनाया गया।