बिना गिरफ्तारी और सर्च वारंट के पत्रकार राजेश राज के घर में घुसी पुलिस देश के चौथे स्तंभ पर हमला
ब्यूरो रिपोर्ट धनंजय सिंह

सच लिखना पत्रकार को पड़ा महंगा पूरा मामला उत्तर प्रदेश की जनपद अमेठी से निकलकर सामने आ रहा है जहां पर सच लिखने पर पत्रकार को ही फर्जी केस में फंसाने के लिए पुलिस द्वारा उसका अपहरण करने की कोशिश की जाती है।
मामला अमेठी जनपद के कोतवाली मोहनगंज थाना क्षेत्र के ग्राम सभा भदसाना का बताया जा रहा है दिनांक 29 मई को मोहनगंज थाना क्षेत्र के चार पुलिसकर्मी प्राइवेट गाड़ी से राजेश राज के घर पहुंचते हैं जो कबीर न्यूज से जनपद अमेठी के मीडिया प्रभारी हैं।उसके बाद चारों पुलिस कर्मी पूरे गांव में शिनाख्त व पकड़ने के लिए दहशत बनाते हैं और कहते हैं कि कहां गया साला चमकातिया पत्रकार उसको ढूंढो जाति सूचक गालियां दी जाती है साला चमकातिया कोरी मिल जाए तो उसके हाथ पैर तोड़कर उसकी पत्रकारिता को भुला देंगे इस तरह पूरे गांव में पुलिस के द्वारा दहशत बनाई जाती है।इस बीच कई लोगों के घरों में पुलिस घुसती है तलाशी लेती है ना कोई सर्च वारंट ना कोई गिरफ्तारी और ना ही कोई एफआईआर।
इस संबंध में जब साथी मीडिया कर्मियों द्वारा थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह से बात की गई तो राकेश कुमार सिंह ने बताया मेरे थाने की पुलिस नहीं है और ना ही मेरे थाने में राजेश राज नाम से कोई शिकायत है।भदसाना गांव गई पुलिस मेरे थाने की नहीं है।
लेकिन आप आपको अवगत कराते चले कि भदसाना गांव पहुंचे चारों पुलिसकर्मी मोहनगंज थाने के ही थे। जिसमें उप निरीक्षक हरिशंकर वर्मा हल्का नं 4 ,हेड कांस्टेबल रूपेश मौर्या हल्का नं 4,कांस्टेबल योगेन्द्र कुमार सिंह हल्का नं 2 और कांस्टेबल अनिल कुमार सिंह हल्का नं 1 यह चारों पुलिस कर्मी कबीर न्यूज के पत्रकार राजेश राज के घर पहुंचे जब उनकी पत्नी के द्वारा बताया गया कि राजेश राज घर पर नहीं है कहीं बाहर गए हुए हैं इसके बावजूद हेड कांस्टेबल रूपेश मौर्या व कांस्टेबल योगेंद्र कुमार सिंह राजेश राज की पत्नी को जाति सूचक गालियां देते हुए जबरन घर में घुसते हैं और दरवाजा तोड़कर इधर-उधर सारे कमरों में ढूंढते हैं उसके बाद राजेश राज के न मिलने पर उसकी पत्नी को जाति सूचक गाली व धमकी देते हुए यह कहते हुए निकलते हैं कि यदि मिल जाएगा तो उसका हाथ पैर तोड़कर उसकी पत्रकारिता को भुला देगें।
साला चमकातिया बहुत बड़ा पत्रकार बनता फिर रहा है।
उसके बाद पुलिस 10:00 बजे तक गांव भदसाना क्षेत्र में ही बैठकर राजेश राज का इंतजार करती रहे चारों पुलिस कर्मी।
सबसे बड़ा सवाल आखिर बिना कोई शिकायत व एफआईआर के राजेश राज को गिरफ्तारी के नाम पर उसके घर में तोड़ फोड़ व महिलाओं को गाली गलौज करने का आदेश किस अधिकारी ने दिया था।
जब इस मामले में पत्रकार राजेश राज द्वारा उपनिरीक्षक हरिशंकर वर्मा से बात की गई तो हरिशंकर वर्मा ने बताया कि मुझे इस मामले में कोई जानकारी नहीं है मेरे पास एक फोन आया था आप रूपेश मौर्य हेड कांस्टेबल के साथ चले जाइए तो मैं रुपेश मौर्य के साथ चला गया था।
इस बारे में आप रूपेश मौर्य से बात करें मुझे कोई पता नहीं है।
इसके बाद जब साथी मीडिया कर्मियों द्वारा हेड कांस्टेबल रूपेश मौर्य से बात की गई तो रूपेश मौर्य ने साफ इन्कार कर दिया कि मैं तो भदसाना गांव गया ही नहीं था और ना ही भदसाना गांव मैं जानता हूं।आखिर भदसाना गांव है कहां।मुझे नहीं पता।
अब आप लोग बाखूबी समझ सकते सकते हैं कि किस प्रकार भाजपा सरकार में पत्रकार सुरक्षा के नाम पर पत्रकारों को ही हत्या अपहरण जैसे संगीन मुकदमों में फंसाने की पुरजोर कोशिश अमेठी जिले की मोहनगंज पुलिस द्वारा की जा रही है।
आखिर क्यों गई थी अमेठी पुलिस राजेश राज के घर क्या पुलिस उसका अपहरण करने के बाद हत्या करना चाहती थी या फिर किसी फर्जी मुकदमे में फंसाना चाहती थी। मामले की जांच व पड़ताल के लिए राजेश राज द्वारा एसपी अमेठी को प्रार्थना पत्र दे दिया गया है ।अब देखना है कि इस मामले में आखिर क्या खुलासा होता है।
दिए गए शिकायती पत्र में राजेश राज ने बताया कि कुछ दिनों पूर्व तिलोई क्षेत्राधिकारी अजय कुमार सिंह को लेकर सोशल मीडिया पर कई तरह की खबरें प्रकाशित हुई थी। जिसे राजेश राज के द्वारा भी एक प्रिंट मीडिया की पोस्ट को फेसबुक व सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया गया था जिसकी रंजिश को लेकर क्षेत्राधिकारी अजय कुमार सिंह ने राजेश राज को फर्जी केस मे फंसाने हेतु पुलिस भेज कर यह खडयंत्र रचा है।यही कारण है कि थाना प्रभारी तक सभी साफ पलड़ा झाड़ रहे हैं मेरे थाने की पुलिस नहीं है।जबकि सभी पुलिसकर्मी मोहनगंज थाने की थे तो इससे क्या साबित होता है क्या थाना प्रभारी राकेश कुमार सिंह और क्षेत्राधिकारी अजय कुमार सिंह की मिली भगत खडयंत्र से यह पुलिस मुझे फर्जी मुकदमे व हत्या के फिराक में मेरे घर गई थी।पुलिस अधीक्षक महोदया अमेठी इस मामले का क्या कर पायेंगी खुलासा या फिर इसी तरह पत्रकारों को जो जनता की आवाज को उठाते हैं उनकी आवाज को इसी तरह दबाने का काम किया जाएगा।

















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