शराब ठेकेदारों की चेकपोस्ट पर तैनात गार्डों में आधी रात हुआ विवाद चला घंटों
मिशन चौक के बाद कुठला में भंग रही शांति व्यवस्था
पुलिस-धन से चल रहे ठेके के कर्मचारी की गुंडई से कानून व्यवस्था चौपट
कटनी। सर्वत्र चर्चित है कि पुलिस के टीआई, एसआई व अन्य अफसरों की पूंजी से संचालित शराब ठेके के पीछे पुलिस विभाग का अन्धा समर्थन मिला हुआ है, इसलिए उस ठेका कंपनी की गुण्डई का सूरज जिले में नियम-कानून और शांति व्यवस्था को आए दिन झुलसा रहा है। उसका गुंडई का पारा हमेशा नौ-तपा से ज्यादा गर्म रहता है, जिसमें झुलसकर कटनी शहर के दो-दो नागरिकों ने इच्छा मृत्यु का वरदान भाजपा के शासन से मांगा है , तो न्यू कटनी, भट्टा मोहल्ला, बरगवां की मातृशक्ति ने विरोध प्रदर्शन किया। मिशन चौक पर शराब ठेकेदार का गैंग टकराव सभी कानून-मर्यादाओं को लांघकर सफल रहा और पिछली आधी रात को छैघरा (कुठला) में ठेेकेदारों के चेक पोस्ट पर तैनात सेनानियों में जंग छिड़ गई। तीन घंटे की चेक पोस्ट जंग कुठला थाने में काऊण्टर-केस बनकर खत्म हुई। पूरी विवेचना में पुलिस की सिट्टी-पिट्टी एक बार फिर गुम दिखी। कारण साफ है पुलिस इंस्पेक्टरों की पूंजी जिस ठेके के पीछे जुड़ी है, उसको पुलिस का कठोर नाजायज सपोर्ट मिल रहा है।
परसों रात कुठला में शराब ठेकेदारों की चेक पोस्ट पर तैनात योद्धा चौकसी कर रहे थे कि कोई दूसरे के ईलाके से शराब शरीदकर अपने इलाके में तो नहीं ले जा रहा है। कटनी के विवादित ठेकेदार दिग्पाल जायसवाल (सारे फसाद जिसकी सीमा में अभी तक हुए हैं) और कन्हवारा सीमा के ठेेकेदार सन्नी शिवहरे के नाकों पर इसी निगरानी को लेकर विवाद शुरू हुआ। बताना जरूरी नहीं कि- इलाका थर्रा उठा था । कुठला पुलिस आधी रात पहुंची दोनों पक्ष थाने लाए गए। पहले तो शिकायत खारिजी की रिहर्सल थाने में चली, फिर मामला नहीं सुलझा तो कमलकांत मिश्रा की रिपोर्ट पर गोविंद राकेश राहुल छंगा निषाद (कटनी) के खिलाफ केस दर्ज हुआ ओर आगाश कोल की रिपोर्ट पर कमलकांत मिश्रा, विजय राय, महेन्द्र अग्रवाल के विरूद्ध प्राथमिकी दर्ज हुई। अद्र्धरात्रि से भोर की प्रथम घड़ी (तीन बजे) तक पुलिस थाने में लिखा-पढ़ी चलती रही।
शांति व्यवस्था हराम करने वाली वारदातें इसी माह
याद करते चलें कि जिले के इतिहास में पहली बार किसी शराब ठेकेदार के गुंडों ने शहर की शांति और कानून व्यवस्था की धज्जियां उड़ाकर रख दी है। 12 मई को मिशन चौक में ठेकेदार दिग्पाल जायसवाल के आदमियों ने जिस तरह कार रोककर तीन लोगों पर हमला किया, उससे पूरे क्षेत्र में अशांति फैली। थाने में भी ठेकेदार का रौब सबसे ऊपर रहा। इससे उस चर्चा को पूरा बल मिलता है कि ठेके में पुलिसकर्मियों का आर्थिक निवेश और हित जुड़ा हुआ है।
दो लोगाों की धुनाई हुई थी । उन्होंने कलेक्टर-एसपी से निवेदन किया कि जिस तरह ठेकेदार दिग्पाल के गुर्गे उन्हें परेशान करते हैं और पुलिस पिटाई कर फर्जी केस में फंसाती है, इससे अच्छा तो वे मर ही जाएं। अफसरों ने उनकी इच्छा मृत्यु पर मौन साध रखा है।
एनकेजे में ठेकेदार- कृपा से फल फूल रहा अवैध शराब का कारोबार
एनकेजे थाना क्षेत्र मे शराब का अवैध कारोबार जमकर फल फूल रहा है। शराब ठेकेदार के द्वारा गांव-गांव शराब पहुंचाई जा रही है।जहाँ तय ठिकानो पर अवैध शराब कि बिक्री खुल्लेआम हो रही है। इधर आबकारी विभाग और एनकेजे पुलिस अनजान बनी बैठी है।अब पता नहीं शराब ठेकदार पर पुलिस और आबकारी विभाग क्यूँ मेहरबान है..? क्या शराब ठेकेदार का पुलिस और आबकारी विभाग से कोई रिश्ता है या बात कुछ और है..? एनकेजे थाना क्षेत्र के गांव- गांव मे बिक रही अवैध शराब के ठिकाने एनकेजे पुलिस को छोडक़र हर किसी को नजर आ जाते है। वैसे तो पुलिस को इन अवैध शराब के ठिकाने नजर नहीं आतें और ना हि इन पर वह नकेल कसती है। पर अगर कोई शिकबा शिकायत लेके थाने पहुंच जाये तो पहले तो उसकी शिकायत ना लेने का हर सम्भव प्रयास कर लिया जाता है। और अगर शिकायतकर्ता वरिष्ठ अधिकारिओ तक शिकायत लेके पहुंच जाये तो कार्यवाहीं के नाम मे औपचारिकता निभा ली जाति है। पर अवैध शराब के ठिकानो को आबाद रखा जाता है। इन जगह मे खुल्लेआम हो रही अवैध शराब कि बिक्री -विश्वसनीय सूत्रों कि माने तो ग्राम सरसवाही, खिरवा, पड़रिया, जुहली, जुहला, देवरा, मड़ई, सुरकी इन गावों में बेखौफ अवैध शराब कि बिक्री हो रही है। कुछ दिन पूर्व हि अवैध शराब कि बिक्री से परेशान महिलाओ ने थाने में प्रदर्शन किया था। गौरतलब हो कि कुछ दिन पूर्व ग्राम जुहला कि महिलाओ ने अवैध शराब कि बिक्री से तंग आकर थाने पहुंच कर प्रदर्शन करतें हुए अवैध शराब कि बिक्री पर रोक लगाने कि मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा था। ऐसा नहि है कि महिलाओ कि मांग पर पुलिस ने अवैध शराब कि बिक्री पर कार्यवाही नहीं कि। पूरी शिद्द्त से पुलिस ने कार्यवाही के नाम पर औपचारिक निभा ली। परन्तु अवैध शराब के ठिकाने आज भी आबाद है।