राष्ट्रीय डेंगू दिवस पर विशेष
डेंगू की बीमारी के लक्षण, बचाव और बरती जाने वाली सावधानियां
हरिशंकर पाराशर सत्यार्थ न्यूज़ संवाददाता
कटनी- डेंगू के बारे में जागरूकता प्रसारित करने और संचारण का मौसम शुरू होने से पहले देश में रोग नियंत्रण के लिए निवारक उपायों और उसकी तैयारी को तेज करने के लिए राष्ट्रीय डेंगू दिवस स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार की सिफारिश पर प्रतिवर्ष 16 मई को मनाया जाता है। इस वर्ष राष्ट्रीय डेंगू दिवस की थीम है- चेक, क्लीन, कवररू स्टेप्स टू डिफीट।
डेंगू के बारे में तथ्य
डेंगू, डीईएनवी 1 और 4 सीरोटाइप वायरस के कारण होने वाला एक वायरल रोग है। यह मादा एडीज इजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। यह एडीज इजिप्टी मच्छर दिन के समय काटता है। एडीज मच्छर काले रंग का होता है जिसमें सफेद धब्बे पुरे शरीर में होते है। इसलिये इसे टाईगर मच्छर भी कहा जाता है। व्यक्ति में संक्रामक मच्छर काटने के बाद तीन से चौदह दिनों के भीतर लक्षण विकसित होते है।
रोगी जो कि पहले से ही डेंगू वायरस से संक्रमित हैं, लक्षणों की शुरुआत के चार से पांच दिनों के दौरान एडीज मच्छरों के माध्यम से दूसरे व्यक्ति को संक्रमित कर सकता हैं। डेंगू की रोकथाम और नियंत्रण प्रभावी वेक्टर नियंत्रण उपायों पर निर्भर करता है।
डेंगू के लक्षण
डेंगू में अचानक तेज़ बुख़ार के साथ, गंभीर सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, मांसपेशियों एवं जोड़ों में दर्द और चकत्ते हो जाते है। डेंगू हेमोरेजिक बुख़ार में तीव्र बुख़ार की शुरुआत होती है जिसके बाद पेट दर्द, उल्टी, रक्तस्राव होता है। मामलों का छोटा सा हिस्सा घातक रोग जैसे कि डेंगू शॉक सिंड्रोम ;डेंगू आघात सिंड्रोमद्ध देखा जा सकता है।
डेंगू से बचाव
डेंगू के लिए कोई विशिष्ट एंटीवायरल दवाएं नहीं हैं। चिकित्सक द्वारा प्रारंभिक नैदानिक निदान और पर्याप्त नैदानिक प्रबंधन मृत्यु दर को एक प्रतिशत से कम करता है। रोगी के लिए पैरासिटामोल का उपयोग तथा अधिक से अधिक मात्रा में तरल पदार्थ लेना और पर्याप्त आराम करना महत्वपूर्ण है।
एस्पिरिन, इबप्रोफेन दवा का उपयोग न करे। डेंगू का मरीज दिन में आराम करते समय मच्छर दानी का उपयोग करे ताकि अन्य लोगों में यह बीमारी न फैले।
सावधानियां
डेंगू फैलाने वाला एडीज मच्छर साफ पानी के बर्तनों में ही अंडे देता है जो कि तीन चार दिन में लार्वा में बदल जाते है। इसलिए साफ पानी के बर्तनो में लार्वा दिखाई देने पर तुरन्त खाली करना चाहिए। एडीज मच्छर के अंडे एक वर्ष तक जीवित रह सकते है। अतः कूलर की खस प्रतिवर्ष बदलते रहना चाहिए। संक्रमित एडीज मच्छर से उत्पन्न होने वाले लार्वा भी संक्रमित होते है। अतः लार्वा नष्ट करके डेंगू फैलने से रोका जा सकता है।
कूलर और अन्य छोटे बर्तनों, प्लास्टिक के बर्तनों, बाल्टियों, उपभोग किए गए ऑटोमोबाइल टायरों, कूलर, वॉटर कूलर, पालतू पशुओं के पीने के पानी के बर्तनों और फूलदान, नारियल का खोल, घरों में पाये जाने वाले अनुपयोगी कन्टेनर, मनी प्लान्ट की बाटल, पक्षियों के लिये लगाये गये सकोरे, बगीचे में लगे फव्वारे, गमले के नीचे रखी प्लेट, फ्रिज के नीचे लगी पानी की ट्रे का पानी सप्ताह में कम से कम एक बार अवश्य बदला जाना चाहिए।
उपयुक्त लार्विसाइड (लारवानाशी) का उपयोग जल भंडारण बर्तनों (कंटेनर) में किया जाना चाहिए, जिन्हें खाली नहीं किया जा सकता है। पानी भंडारण के बर्तनों को ढक्कन से ढंका जाना चाहिए।
मच्छरों के काटने से बचने के लिए दिन में एरोसोल, ओडोमॉस क्रीम नीम के तेल का उपयोग किया का उपयोग किया जा सकता है। संचारण के मौसम, बरसाती मौसम के दौरान सभी लोग को हाथों और पैरों को ढंकने वाले कपड़े पहनने चाहिए।
दिन में सोने के दौरान मच्छर दानी या मच्छर भगाने वाले उत्पादों का उपयोग किया जा सकता है। मच्छरों के काटने को रोकने के लिए खिड़की की स्क्रीन, कीटनाशकयुक्त मच्छर दानी, कॉइल्स, मच्छर भागने वाली अगरबत्ती और कीटनाशकों का छिड़काव जैसे व्यक्तिगत सुरक्षा उपाय का उपयोग किया जा सकता है।
डेंगू के रोगी को मच्छर के काटने से बचाया जाना चाहिए। यह अन्य लोगों में डेंगू फैलने से रोकेगा। ग्रामीण क्षेत्रो में डेंगू से बचाव हेतु सुबह शाम नीम की पत्तियों का धुआ करें।
सप्ताह में एक दिन सूखा दिन मनाये। -हर रविवार मच्छर पर वार देखे, साफ करें, ढकेंरू डेंगू को हराने के उपाय करें
राष्ट्रीय डेंगू दिवस लोगो में जनजागरूकता फैलाने हेतु पखवाड़े के रूप में मनाया जावेगा। जिसमें प्रत्येक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, उपस्वास्थ्य केन्द्र एच.डब्ल्यू.सी. व ग्रामीण क्षेत्रों में सभी स्वास्थ्य कर्मी जैसे आशा एएनएम, एमपीडब्ल्यू सीएचओ, मलेरिया निरीक्षकों द्वारा रैली शपथ दिलाकर बैठकों के माध्यम से चौपाल लगाकर लोगो को डेंगू से बचाव संबधी समस्त जानकारी प्रदाय की जावेगी।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजेश अठ्या एवं जिला मलेरिया अधिकारी शालिनी नामदेव द्वारा सभी से अनुरोध किया गया है कि डेंगू के प्रति जागरूक रहते हुए अपने घरो के कंटेनरो में पानी जमा न होने दे व डेंगू के लक्षण दिखाई देने पर डॉक्टर से परामर्श ले।