नई दिल्ली:-भारतीय सेना अब हथियार बेचने वाले देशों में शामिल हो गई है। कई देशों को आत्मनिर्भर भारत से बने हथियार की सप्लाई भी कर रही है। भारत का रक्षा क्षेत्र रोजाना नए-नए ड्रोन और एयर मिसाइल सिस्टम का इजाफा करके अपने रक्षा के क्षेत्र में कर रही है। यही वजह है कि अब रक्षा मंत्रालय ने यह निर्णय लिया है। जो बजट पहले से दिया गया है, उसमें अब और ज्यादा ही इजाफा किया जाएगा, यानि 2029 तक 3 लाख करोड़ रुपये करने के साथ ही ज्यादा से ज्यादा घातक हथियार बनाने का लक्ष्य को तय कर दिया गया है। यह टारगेट भविष्य के युद्ध प्रणाली को देखते हुए किया गया है।
आपको बता दें कि पहले भारत को दुनिया में हथियारों के सबसे बड़े आयातक के रूप में जाना जाता था, लेकिन अब भारत दुनिया के शीर्ष 25 हथियार निर्यातक देशों की सूची में शामिल हो गया है। 7-8 साल पहले भारत का रक्षा निर्यात एक करोड़ से भी कम था। आज यह 16000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। एक के बाद एक ताबड़तोड़ पाकिस्तान में मौजूद आतंकी ठिकानों पर भारतीय वायुसेना ने महाबली राफेल की गर्जना से कपां दिया। पूरे पाकिस्तान को, एक नही दो नहीं बल्कि पूरे 9 आतंकी कैम्प को ध्वस्त कर दिया। साफ तौर से डीजीएमओ ने कहा है, कि आगे भी ऑपरेशन सिंदूर जारी रहेगा।
सशस्त्रों बलों का आधुनिकीकरण किया
असल में यह सब भारत के मजबूत रक्षा तंत्र के चलते ही संभव हो पाया। भारत ने अपनी रक्षा तैयारियों को मजबूत करने के लिए पिछले कुछ सालों में कई अहम कदम उठाए हैं। सैन्य बुनियादी ढांचे को मजबूत किया है। अपने सशस्त्रों बलों का आधुनिकीकरण किया है। कई अहम रक्षा डीलें की हैं।
पिछले करीब 11 सालों में रक्षा बजट में ढाई गुणा से भी ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। यहीं नही, रणनीतिक सुधार, निजी क्षेत्र की भागीदारी और नवाचार ने स्वदेशी उत्पादन को भी बढ़ावा दिया है, जिससे भारत एक आत्मनिर्भर और वैश्विक स्तर पर विश्वसनीय रक्षा निर्यातक भी बन गया है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास को भी मजबूत किया
इस कदम ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास को भी मजबूत किया है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत अब कई देशों को रक्षा उपकरण और तकनीकें निर्यात कर रहा है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों की वजह से देश में रक्षा क्षेत्र में निजी निवेश लगातार बढ़ रहा है और रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं।
सैटेलाइट इमेज की बेस कीमत 3 लाख रुपये
रिपोर्ट से पता चला है कि पहलगाम के अलावा, सैटेलाइट इमेज में भारत के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पुलवामा, अनंतनाग, पुंछ, राजौरी और बारामुल्ला की तस्वीरें भी कैद हुई हैं। प्रत्येक सैटेलाइट इमेज की बेस कीमत 3 लाख रुपये से शुरू होती है, जो इमेज के रेजोल्यूशन के आधार पर बढ़ती जाती है।
वहीं, रिपोर्ट में इसरो के एक वैज्ञानिक के हवाले से कहा गया है, “सैटेलाइट निगरानी किसी भी देश की खुफिया जानकारी की रीढ़ बन गई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन तस्वीरों का इस्तेमाल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमलों की योजना बनाने के लिए किया गया था या नहीं, लेकिन भारत मैक्सार से इन तस्वीरों की जांच करने के लिए कह सकता है।
भारत का डिफेंस बजट पाकिस्तान से 3 गुना ज्यादा
भारत की रक्षा ताकत को सिर्फ पाकिस्तान ही नहीं पूरा विश्व देख रहा है। जानकारी के मुताबिक पाकिस्तान का रक्षा बजट भारत के रक्षा बजट के सामने कुछ भी नहीं है। आपको बता दें कि भारत का रक्षा बजट पाकिस्तान के डिफेंस बजट से करीब 3 गुना ज्यादा है। पिछले चार सालों के आकड़ों पर गौर करें तो भारत का रक्षा बजट में तीस फीसदी का इजाफा हुआ है।
2025-26 में भारत का डिफेंस बजट 6.81 लाख करोड़
इस कदम ने राष्ट्रीय सुरक्षा और आर्थिक विकास को भी मजबूत किया है। रक्षा मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत अब कई देशों को रक्षा उपकरण और तकनीकें निर्यात कर रहा है। मेक इन इंडिया और आत्मनिर्भर भारत अभियानों की वजह से देश में रक्षा क्षेत्र में निजी निवेश लगातार बढ़ रहा है और रोजगार के नए अवसर भी पैदा हो रहे हैं.
सैटेलाइट इमेज की बेस कीमत 3 लाख रुपये
रिपोर्ट से पता चला है कि पहलगाम के अलावा, सैटेलाइट इमेज में भारत के अन्य संवेदनशील क्षेत्रों जैसे पुलवामा, अनंतनाग, पुंछ, राजौरी और बारामुल्ला की तस्वीरें भी कैद हुई हैं। प्रत्येक सैटेलाइट इमेज की बेस कीमत 3 लाख रुपये से शुरू होती है, जो इमेज के रेजोल्यूशन के आधार पर बढ़ती जाती है।
सैटेलाइट निगरानी खुफिया जानकारी की रीढ़
वहीं, रिपोर्ट में इसरो के एक वैज्ञानिक के हवाले से कहा गया है, “सैटेलाइट निगरानी किसी भी देश की खुफिया जानकारी की रीढ़ बन गई है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि इन तस्वीरों का इस्तेमाल 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए हमलों की योजना बनाने के लिए किया गया था या नहीं, लेकिन भारत मैक्सार से इन तस्वीरों की जांच करने के लिए कह सकता है।
बता दें कि साल 2025-26 में भारत का डिफेंस बजट 6.81 लाख करोड़ रुपए हो गया। 2024-25 में देश का डिफेंस बजट 621941 करोड़ रुपए का था। वहीं, उससे पहले यानी 2023-24 में देश का डिफेंस बजट 554875 करोड़ रुपए देखने को मिला था। साल 2022-23 में देश का डिफेंस का बजट 5.25 लाख करोड़ रुपए देखने को मिला था।
रक्षा बजट में 4.65 फीसदी बढ़ोत्तरी
जानकारी के लिए आपको बता दें कि भारत के रक्षा बजट के लिए 4.65 फीसदी बढ़ोत्तरी की गई है, जिसमें सेना के लिए साजो समान के खरीद से संबंधित है। सेना के तन्ख्वाह के लिए 9.29 फीसदी रक्षा बजट से रखा हुआ है। वहीं, डीआरडीओ के लिए सेना का बजट 26,816 करोड़ रुपये है। सेना के सूत्रों के मुताबिक पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने जो कार्रवाई पाकिस्तानी आतंकी अड्डो पर की है, उसे देखते हुए वह भी अपने रक्षा बजट में बढ़ोत्तरी करने जा रहा है।
पाकिस्तान जुलाई में पेश कर रहा अपना रक्षा बजट
बता दें कि पाकिस्तान जुलाई महीने में अपना रक्षा बजट पेश करने जा रहा है। अनुमान के मुताबिक पाकिस्तान अपने रक्षा बजट में 18 फीसदी की बढ़ोत्तरी कर सकता है। मौजूदा सुरक्षा खतरों के मद्देनजर पीपीपी ने रक्षा बजट को 18 प्रतिशत बढ़ाकर 2.5 ट्रिलियन रुपए से अधिक करने के प्रस्ताव का समर्थन किया। चालू वित्त वर्ष 2024-25 में, सरकार ने रक्षा खर्च के लिए 2122 बिलियन रुपए आवंटित किए, जो निवर्तमान वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट किए गए। 1804 बिलियन रुपए से 14.98 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है। लोन पेमेंट के बाद डिफेंस सेक्टर का खर्च एनुअल एक्सपेंडिचर का दूसरा सबसे बड़ा कंपोनेंट है। चालू वर्ष में लोन रीपेमेंट के लिए आवंटित 9700 अरब रुपए देश का सबसे बड़ा व्यय है।