सवाई माधोपुर में मॉक ड्रिल का हुआ आयोजन,आपात स्थिति से निपटने का किया पूर्वाभ्यास
सवाई माधोपुर: जिला मुख्यालय पर 7 मई को देश में किसी आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की तैयारियों का आकलन करने के लिए केन्द्रीय गृह मंत्रालय और राजस्थान सरकार के गृह विभाग के निर्देशों के अनुसार सवाई माधोपुर जिला मुख्यालय पर बुधवार को स्काउट वन आवासन मण्डल सवाई माधोपुर में मॉक ड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य रूप से हवाई हमले की पूर्व सूचना देने के लिए चेतावनी प्रणाली को सक्रिय करने, आग लगने पर पीड़ितों के बचाव की कार्यवाही और ब्लैक आउट के निर्देशों की प्रभावी पालना करने का अभ्यास सफलतापूर्वक किया गया।
अतिरिक्त जिला कलक्टर संजय शर्मा ने बताया कि सवाई माधोपुर में जिला मुख्यालय स्थित स्काउट वन आवासन मण्डल परिसर में दिन में 4 बजे नागरिक सुरक्षा का पूर्वाभ्यास किया गया। मॉक ड्रिल में जिला प्रशासन के साथ नागरिक सुरक्षा, अग्निशमन, पुलिस, होमगार्ड, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य, एनसीसी, एनएसएस, स्काउट गाइड, माई भारत वॉलिन्टियर्स सहित अन्य संगठनों ने भागीदारी की। इस अभ्यास में अधिकारियों-कार्मिकों के साथ ही आम लोग भी सक्रियता से जुड़े और अपनी अपेक्षित भूमिका निभाई।
इस दौरान किसी भवन में आकस्मिक परिस्थितियों में सुरक्षा तंत्र को सक्रिय करने के बाद किसी भवन में आग लगने पर नागरिक सुरक्षा प्रोटोकाल का जीवंत प्रदर्शन किया गया। साथ ही, आग बुझाने के साथ-साथ घायलों को एम्बुलेंस के जरिए अस्पताल पहुंचाने और बचाव कार्य के बाद निकासी योजना के तहत प्रभावितों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने का भी अभ्यास किया गया।अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बताया कि मॉक ड्रिल एवं ब्लैक आउट ड्रिल के माध्यम से नागरिक सुरक्षा पूर्वाभ्यास के दौरान हवाई हमले की चेतावनी का सायरन बजाने, विभिन्न सार्वजनिक स्थलों पर माइक से आपात स्थिति की घोषणा करवाने, चेतावनी की सूचना पर आम लोगों की प्रतिक्रिया, किसी भवन विशेष के क्षतिग्रस्त होने पर सुरक्षा एवं अग्निशमन कार्यबलों द्वारा राहत तथा बचाव कार्य, अस्पताल में घायलों के इलाज, सार्वजनिक स्थानों पर भीड़ के प्रबंधन आदि गतिविधियों का अभ्यास के लिए यह कार्रवाई की गई। उन्होंने बताया कि मॉक ड्रिल के समय आम लोगों को भयभीत नहीं होना चाहिए तथा संयमित व्यवहार रखना चाहिए। अतिरिक्त जिला कलक्टर ने बताया कि इस पूरी कार्रवाई का उद्देश्य किसी भी हमले या आपात स्थिति में नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना, प्रशासन और आमजन को विकट स्थिति से निपटने के लिए प्रशिक्षित करना और इस स्थिति के आवश्यक संसाधनों की सक्रियता एवं उपलब्धता का आकलन करना है। घटना के लिए रेस्पान्स टाइम के आकलन किया जाएगा और इस अभ्यास के बाद राज्य सरकार एवं स्थानीय प्रशासन को जरूरी संसाधनों की व्यवस्था करने तथा अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने का अवसर मिलेगा। उन्होंने जिले के समस्त नागरिकों से ब्लैक आउट मॉक ड्रिल के दौरान आपातकालीन सायरन की आवाज सुनते ही सभी निजी व सार्वजनिक संस्थानों, घरों की लाईट, रोड़ लाईट, परिवहन साधनों द्वारा 15 मिनट तक लाईट बंद रखकर राष्ट्रीय सुरक्षा में योगदान देने की अपील की गई।