नई दिल्ली:- भारत में जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हाल ही में हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। इस हमले में 26 निर्दोष नागरिकों की जान चली गई। इसके बाद भारत सरकार ने कड़ा रुख अपनाते हुए पाकिस्तान के खिलाफ कई बड़े कदम उठाए हैं। इनमें सबसे अहम रहा, पाकिस्तान के सोशल मीडिया अकाउंट्स को भारत में बैन करना और सिंधु जल समझौते को सस्पेंड करना। हमले के बाद पाकिस्तान के कई न्यूज चैनल्स और सरकारी सोशल मीडिया अकाउंट्स भारत में अफवाहें फैला रहे थे।
भारत सरकार ने इस पर सख्त कदम उठाते हुए पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पहले ट्विटर) अकाउंट सहित कई पाकिस्तानी चैनलों के सोशल मीडिया हैंडल्स को ब्लॉक कर दिया है। अब भारतीय यूजर्स पाकिस्तान सरकार या मीडिया के सोशल मीडिया पेज नहीं देख सकेंगे। यह फैसला सीधे तौर पर भारत की सुरक्षा और संप्रभुता को बनाए रखने के लिए लिया गया है। भारत ने साफ कर दिया है कि राष्ट्रविरोधी और दुष्प्रचार फैलाने वाली किसी भी गतिविधि को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
भारत का डिजिटल ब्लैकआउट, पाकिस्तान में बौखलाहट
सरकार के इस डिजिटल ब्लैकआउट को एक बड़ा कूटनीतिक और राजनीतिक कदम माना जा रहा है। पाकिस्तान को अब भारत में अपने किसी भी सोशल मीडिया चैनल के जरिए अफवाह फैलाने का मौका नहीं मिलेगा। यह संदेश भी दिया गया है कि भारत अब हर मोर्चे पर आतंक के खिलाफ पूरी तरह सक्रिय है, चाहे वो जमीन पर हो या डिजिटल दुनिया में।
सिंधु जल समझौता भी सस्पेंड
सिर्फ डिजिटल स्ट्राइक ही नहीं, भारत ने पाकिस्तान के साथ 1960 में हुए ऐतिहासिक सिंधु जल समझौते को भी निलंबित कर दिया है। सिंधु जल समझौता पाकिस्तान की जीवनरेखा जैसा रहा है और इसे सस्पेंड करना भारत की तरफ से बहुत बड़ा संदेश है। अब पाकिस्तान को पानी को लेकर भी गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
उच्चायोग में स्टाफ घटाने का फैसला
भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपने उच्चायोगों में काम करने वाले कर्मचारियों की संख्या भी कम करने का फैसला किया है। 1 मई तक दोनों देशों के दूतावासों में स्टाफ की संख्या 55 से घटाकर 30 कर दी जाएगी। यह साफ संकेत है कि राजनयिक संबंध भी अब बहुत सीमित रहेंगे।
पहलगाम हमले ने बढ़ाई सख्ती
22 अप्रैल को हुए पहलगाम हमले ने भारत सरकार को आतंकवाद के खिलाफ अपनी रणनीति और ज्यादा सख्त करने पर मजबूर कर दिया है। सरकार ने तय कर लिया है कि अब न केवल सैन्य बल से, बल्कि मीडिया और सूचना के माध्यम से होने वाले किसी भी आतंकवादी प्रचार को भी जड़ से खत्म किया जाएगा। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स को हथियार की तरह इस्तेमाल करना अब आतंकियों की एक नई चाल बन गई थी, जिसे भारत ने समय रहते कुचलने का फैसला किया है.
जम्मू कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले के बाद देशभर में गम और गुस्सा है. इस बीच, खुफिया एजेंसियों ने जम्मू-कश्मीर में सक्रिय 14 लोकल आतंकवादियों की एक लिस्ट तैयार कर ली है. ये लोकल आतंकी, पाकिस्तानी दहशतगर्दों के मजबूत मददगार हैं. ना सिर्फ ये स्थानीय स्तर पर सपोर्ट और लॉजिस्टिक सहायता देते हैं, बल्कि आतंकियों को पनाह और संसाधन भी मुहैया कराते हैं.
सुरक्षा बलों ने तय कर लिया है कि अब इनका बारी-बारी से सफाया होगा. इन आतंकियों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू हो चुकी है और इनके घरों को भी जल्द ही जमींदोज किया जाएगा.
पहली प्राथमिकता: लोकल आतंकियों का सफाया
सबसे पहले ये लोकल आतंकी ढेर होंगे. इन आतंकियों का चुन-चुन कर सफाया हो रहा है. इसके साथ ही इनके घरों पर भी बड़ा प्रहार होगा. इसकी शुरुआत भी हो चुकी है. शनिवार को पुलवामा और कुलगाम में आतंकियों के घरों को आईईडी ब्लास्ट से ध्वस्त कर दिया गया है.
निशाने पर हैं ये 14 लोकल आतंकी
आतंकी नंबर- 1
आदिल रहमान देंतू. लश्कर-ए-तैयबा (LeT) का सोपोर का कमांडर है. 2021 से आतंकी गतिविधियों में एक्टिव है. सोपोर का लश्कर का डिस्ट्रिक्ट कमांडर कमांडर भी है. जांच एजेंसियां इसकी तलाश कर रही हैं. या तो ये मारा जाएगा या फिर इसके घरों को जमींदोज कर दिया जाएगा.
आतंकी नंबर- 2
आसिफ अहमद शेख. जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का आतंकी है और अवंतीपुरा का जिला कमांडर है. 2022 से लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल है.
आतंकी नंबर- 3
एहसान अहमद शेख. ये पुलवामा में एक्टिव है. लश्कर-ए- तैयबा का आतंकी है. 2023 से लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल है. सुरक्षा एजेंसियों को इसकी तलाश है. जल्द ही यह ढेर होगा या इसके घर को जमीदोज किया जाएगा.
आतंकी नंबर- 4
हरीश नजीर. ये पुलवामा का आतंकी है. लश्कर-ए-तैयबा में एक्टिव आतंकी है. सुरक्षा बलों की रडार पर है.
आतंकी नंबर- 5
आमिर नाजिर वानी. ये भी पुलवामा में एक्टिव टेररिस्ट है. जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा हुआ है.
आतंकी नंबर-6
यावर अहमद भट्ट पुलवामा में पूरी तरीके से एक्टिव है JEM का आतंकी है।
आतंकी नंबर- 7
आसिफ अहमद कंडे. ये शोपियां का आतंकवादी है. जुलाई 2015 में हिजबुल मुजाहिद्दीन के आतंकी संगठन में शामिल हुआ. इस वक्त एक्टिव टेररिस्ट के तौर पर काम कर रहा है और पाकिस्तानी आतंकवादियों का मददगार है.
आतंकी नंबर- 8
नसीर अहमद वानी. शोपियां में लगातार आतंकी गतिविधियों में शामिल है. लश्कर-ए-तैयबा का एक्टिव टेररिस्ट है. यह पाकिस्तानी आतंकवादियों की बड़ी मदद करता है.
आतंकी नंबर- 9
शाहिद अहमद कुटे. ये शोपियां में ही एक्टिव है. लश्कर और TRF का बड़ा आतंकी है. 2023 से इस एरिया में एक्टिव है.
आतंकी नंबर- 10
आमिर अहमद डार. ये लोकल आतंकवादी है. शोपियां में 2023 से एक्टिव है. लश्कर-ए- तैयबा और TRF के साथ मिलकर काम कर रहा है. विदेशी आतंकवादियों का बड़ा मददगार है.
आतंकी नंबर- 11
अदनान सफी डार. ये शोपियां जिले का एक्टिव आतंकवादी है. 2024 में आतंकी संगठन में शामिल हुआ. लश्कर-ए-तैयबा और TRF के साथ एक्टिव तौर पर काम कर रहा है. पाकिस्तानी हैंडलर की सूचना आतंकवादियों तक पहुंचाता है.
आतंकी नंबर- 12
जुबेर अहमद वानी. ये हिजबुल मुजाहिद्दीन का अनंतनाग का ऑपरेशनल कमांडर है. A+ का एक्टिव आतंकी है. आतंकियों के मददगार के तौर पर बड़ा काम करता है. सुरक्षा बलों पर हमले में भी कई बार इसका नाम आ चुका है. 2018 से यह आतंकी एक्टिव है.
आतंकी नंबर- 13
हारून रशीद गनी. ये अनंतनाग का हिजबुल मुजाहिद्दीन का एक्टिव आतंकी है. सुरक्षा बलों को इसकी तलाश है. कुछ साल पहले यह पाक अधिकृत कश्मीर भी गया था, जहां से इसको ट्रेनिंग मिली है.
आतंकी नंबर- 14
जुबेर अहमद गनी. ये कुलगाम का बड़ा आतंकी है. लश्कर-ए-तैयबा में शामिल होकर लगातार सुरक्षा बलों और टारगेटेड किलिंग में शामिल रहता है. द रेजिस्टेंट फ्रंट से भी जुड़ा हुआ है.
22 अप्रैल को पहलगाम के बायसरन के मैदान में दोपहर लगभग 2 बजे हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटक मारे गए। हमले में दो स्थानीय आतंकी और तीन पाकिस्तानी आतंकी शामिल थे। पाकिस्तानी आतंकियों का नाम आसिफ फौजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा है, जबकि स्थानीय आतंकियों का नाम अदिल गूरी और अहसन है। सभी पर 20-20 लाख रुपये का इनाम घोषित किया गया है।
जम्मू कश्मीर में ऑपरेशन क्लीन-अप
सुरक्षा एजेंसियों ने साफ कर दिया है कि कोई भी आतंकी बच नहीं पाएगा. या तो आतंकियों को ढेर किया जाएगा या फिर उनके ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया जाएगा. एक के बाद एक इन 14 लोकल आतंकियों पर कार्रवाई का चक्र तेजी से घूम रहा है.