दी उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन के चुनाव में हुए धांधली का मामला अब निर्णायक मोड़ पर
प्रतिवादियों के जबाव पर याचिका कर्ता ने दाखिल किया प्रति उत्तर
प्रतिवादियों के द्वारा नही दिया जा सका मतगणना कराने के संदर्भ में हुए समझौते का साक्ष्य
सोनभद्र/सत्यनारायण मौर्य/संतेश्वर सिंह
Mo 9580757830
सोनभद्र। दिनांक 25-26 जनवरी 2025 को शिकोहाबाद में हुए दी उत्तर प्रदेश टैक्स बार एसोसिएशन, वाराणसी के प्रान्तीय चुनाव में हुए धांधली का मुद्दा सहायक रजिस्ट्रार सोसाइटीज एंड चिट्स फंड, वाराणसी के कोर्ट में अब निर्णायक मोड़ पर आ गया है।
विदित हो कि उक्त चुनाव में हुए धांधली का आरोप लगाते हुए अध्यक्ष पद के प्रत्याशी पूर्णेंदू शर्मा ने उच्चतम न्यायालय, इलाहाबाद में याचिका दायर किया था। याचिका स्वीकार करते हुए उच्चतम न्यायालय ने मामलें को सहायक रजिस्ट्रार सोसाइटीज एंड चिट्स फंड, वाराणसी को सौपतें हुए निर्देश दिया था कि मामलें की जांच पड़ताल कर आवश्यक निर्णयन किया जाए।
इसी परिप्रेक्ष्य में सहायक रजिस्ट्रार के पास सुनवाई का दौर चल रहा है। याचिकाकर्ता के द्वारा दाखिल शिकायत के जबाव में विपक्ष की तरफ से उक्त चुनाव में अध्यक्ष घोषित किए गए रमेश प्रसाद जायसवाल ने जबाव दाखिल किया था और अब उसी जबाव के प्रति उत्तर में याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष रखा। याचिकाकर्ता ने कहा कि प्रतिवादी द्वारा ये कहना “चुनाव अधिकारी ने चुनाव में हुई त्रुटि के कारण चुनाव को निरस्त करने का प्रस्ताव दिया था लेकिन याचिकाकर्ता ने आपसी समझौते के तहत आठ वोटों का लाभ मिलने पर मतगणना कराने की सहमति दी थी और उसके बाद ही मतगणना कराई गई थी।” बिल्कुल गलत है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया कि उस दौरान कार्यक्रम संयोजक रहें देवेन्द्र कुमार शर्मा ने भय का माहौल पैदा कर दिया था और उनके साथ घूम रहे स्थानीय गुंडे लोगों को डरा धमका रहें थे जिसके कारण हमारे पक्ष के सभी लोग मतगणना शुरु होने के पहले ही जा चुके थे। इस तरह चुनाव अधिकारी ने तत्कालीन अध्यक्ष और देवेन्द्र कुमार शर्मा के सहयोग से डर का माहौल बनाते हुए, तानाशाही रुख अख्तियार करते हुए, मतगणना कराई और अपने चहेतों को विजेता घोषित किया। याचिका कर्ता ने ये भी आरोप लगाया कि देवेन्द्र कुमार शर्मा को महामंत्री बनाते हुए पुरस्कृत करना भी चुनाव अधिकारी के मनमानापन योजना का एक हिस्सा था। याचिकाकर्ता ने कहा कि यदि मेरे द्वारा कोई समझौता हुआ था तो उसका साक्ष्य भी विपक्ष के लोगों को देना चाहिए।
इसके अलावा भी याचिकाकर्ता ने प्रतिवादी द्वारा दिये गये उत्तरो पर बिंदूवार प्रति उत्तर देते हुए अपना पक्ष रखा। सुनवाई के दौरान कई लोगों ने अपना शपथ पत्र दाखिल कर प्रतिवादी द्वारा कही गई बातों का खंडन भी किया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता का पक्ष रखने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता सोनभद्र जितेन्द्र कुमार श्रीवास्तव सहित दोनों पक्षो की तरफ से भी विविध अधिवक्ता गण मौजूद रहें।