सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता ब्युरो चीफ
राजस्थान के बूंदी जिले के झालीजी का बराना निवासी मटकियां बना कर बेचने वाले युवक को आयकर विभाग ने साढ़े दस करोड़ रुपए जमा करवाने का नोटिस दिया है। नोटिस मिलने के बाद से युवक सहित परिवार की नींद उड़ी हुई है। वहीं युवक बूंदी व कोटा के आयकर विभाग के चक्कर लगा कर थक चुका है, लेकिन उस को कोई राहत नहीं मिली है। ऐसे में युवक ने परेशान होकर साइबर थाना बूंदी में परिवाद सौंपा है,जिस पर थाना पुलिस ने अनुसंधान शुरू कर दिया है। झालीजी का बराना निवासी विष्णु कुमार प्रजापत ने बताया कि उन्हें 11 मार्च को आयकर विभाग बूंदी का नोटिस प्राप्त हुआ,जिसमें बताया गया कि सुरेन्द्र सिंह बाबेल नामक व्यक्ति को 10 करोड़ 61 लाख 83 हजार रुपए का विक्रय लेनदेन वितीय वर्ष 2020-21 में किया जाना बताया गया है, जबकि वह इस नाम के व्यक्ति को नहीं जानता एवं ना ही ऐसे किसी व्यक्ति से कभी मिला है। विष्णु द्वारा जब आयकर विभाग, जीएसटी विभाग की वेबसाइट पर उक्त तथ्य को जांचा गया तो पता लगा कि 19 मार्च 2020 को गिरगांव मुंबई महाराष्ट्र में भूमिका ट्रेडिंग के नाम से एकल स्वामित्या फर्म का जीएसटी रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया था। उक्त फर्म के रजिस्ट्रेशन में प्रार्थी के आधार पैन व अन्य दस्तावेजों का उपयोग कर किसी अज्ञात व्यक्ति द्वारा ये लेनदेन किया गया है, जिससे उसका कोई लेना देना नहीं है।
नोटिस में क्या लिखा है,पढ़िए
19 मार्च 2020 को मुंबई के मिरगांव में भूमिका ट्रेडिंग नाम से कंपनी रजिस्टर की गई। इसका जीएसटी रजिस्ट्रेशन विष्णु के आधार कार्ड और पैनकार्ड के आधार पर कराया गया है। फर्म का जीएसटी नंबर 27CWXXXXXXXXXZP है। विष्णु के पैनकार्ड नंबर के माध्यम से मुंबई में डायमंड और गोल्ड का बिजनेस किया जा रहा है। इसका जीएसटी बकाया है। इस फर्म ने वित्त वर्ष 2020-21 में सुरेन्द्र सिंह बार्बल के नाम से 10.61 करोड़ रुपए का लेन-देन किया। साथ ही मेहित क्रिएशन प्राइवेट लिमिटेड के साथ 2.83 करोड़ रुपए का व्यापार किया गया।
पीड़ित बोला- मैं गरीब हूं, मेरे पैन कार्ड का दुरुपयोग हुआ है
पीड़ित विष्णु ने कहा- मैं किसी भी फर्म या कारोबारी को नहीं जानता। नोटिस में जो भी जानकारी दी गई है, उसके बारे में मुझे कुछ नहीं मालूम। मैं गरीब हूं। बदमाशों ने मेरे डॉक्यूमेंट का दुरुपयोग किया है।
दूसरी ओर, डीएसपी अनिल जोशी ने बताया- यह साइबर क्राइम का मामला नहीं है। इन्होंने कोई अकाउंट खुलवाया होगा। इनके डाक्यूमेंट्स उनके पास कैसे गए यह एक जांच का विषय है। जांच के लिए इस मामले को दही खेड़ा थाना भेजेंगे।