सत्यार्थ न्यूज श्रीडूंगरगढ़-सवांददाता ब्युरो चीफ
सोमवार के सायंकाल कोलकाता हिन्दुस्तान क्लब के प्रांगण में अनेक विशिष्ट जनों के सान्निध्य में सामाजिक कार्यकर्ता एवं श्रीडूंगरगढ शहर के प्रथम सीए श्री सुमेरमल डागा का नब्बेवां जन्म दिवस उल्लास पूर्वक मनाया गया। श्री डागा का जन्म 14अप्रेल 1935 को श्रीडूंगरगढ तहसील के बिग्गा गांव में हुआ था। इस वय में भी उनके जीवन की सक्रियता में कोई खास फर्क नहीं आया है। आज भी वे अपने हाथों स्थापित अपनी चार्टेड कंपनी में ऑडिट करते देखे जा सकते हैं। अपने क्लाइंट के मामले सुलझाते हुए भी उन्हें देखा जा सकता है। उम्र ने उनकी सक्रियता और जिंदादिली में कोई व्यवधान नहीं डाला है। श्रीडूंगरगढ के बाजार से सटती उनकी पुश्तैनी हवेली है,जो आज से पचास वर्ष पहले तक तहसीलदार वाली हवेली के नाम से पहचानी जाती थी, क्योंकि इस हवेली में श्रीडूंगरगढ बसने के प्रारंभिक वर्षों तक तीसों तहसीलदार आवास कर चुके थे। इस हवेली का निर्माण तो श्रीडूंगरगढ बसने के साथ ही करवा दिया था। बिग्गा गांव के चतुर्भुज डागा ने नए बसते श्रीडूंगरगढ में जगह लेली हवेली बना दी,पर रहे बिग्गा गांव में ही। उनके सुपुत्र यानी सुमेर जी के पिताजी अरजुनदास डागा पूर्वी पाकिस्तान में व्यवसाय करते थे। बिग्गा में पांचवीं कक्षा तक की पढाई पूरी कर आगे की पढाई के लिए सुमेर जी ही पहली बार इस हवेली में रहने के लिए आए। दसवीं कक्षा तक की पढाई श्रीडूंगरगढ की हाईस्कूल में की,तब हाईस्कूल खुले यहां दूसरा ही वर्ष था,इसलिए परीक्षा केन्द्र रतनगढ था। बारहवीं से लेकर -बी काॅम,एलएलबी तथा सी ए तक का अध्ययन आपने सन 1959 में कलकता में सम्पन्न किया। वे तब श्रीडूंगरगढ के प्रथम सी ए बने। शहर के प्रथम सी ए बनने पर तब श्रीडूंगरगढ पुस्तकालय में उनका सम्मान किया गया था। आप तुलसी सेवा संस्थान के संस्थापक अध्यक्ष रहे हैं। और लगातार बारह वर्षों तक इस दायित्व का निर्वहन किया।
हंसमुख और मिलनसार व्यक्तित्व के धनी डागा जी गोपाल गोशाला के भी ट्रस्ट निर्माता रहे हैं। आचार्य श्रीमहाप्रज्ञ जी ने उन्हें “कल्याण मित्र “सम्मान से नवाजा। कलकत्ता तथा श्रीडूंगरगढ की अनेक संस्थाओं में आपकी सक्रिय भागीदारी रही है। समारोह में आपके व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रमुख रूप से विचार प्रकट करते हुए टीएसएस के अध्यक्ष श्री भीखमचंद पुगलिया ने कहा कि ऐसे कर्मठ व्यक्तित्व के निर्देश से तुलसी सेवा संस्थान संतुष्टिदायक सेवा प्रदान कर पाता है। श्रीडूंगरगढ के उद्योगपति श्री लक्ष्मीनारायण सोमानी ने अपने संदेश में कहा कि डागाजी एक सच्चे गौभक्त हैं। उनकी सूझबूझ से गोपाल गौशाला को बहुत लाभ हुआ है। उनके सम्मान में सुशीला पुगलिया, डाॅ चेतन स्वामी, धर्मचंद धाड़ेवा तथा बिन्दु डागा ने अपने विचार व्यक्त किए तथा सब उपस्थित जनों ने वयोवृद्ध डागाजी से आशीर्वाद प्राप्त किया।