सत्यार्थ न्यूज/मनीष माली
राष्ट्र रक्षा केवल गो रक्षा से ही संभव है- साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती
सुसनेर। निराश्रित गोवंश के संरक्षण के लिए स्थानीय श्रीराम मन्दिर धर्मशाला प्रांगण सुसनेर में चल रहीं सप्त दिवसीय गो कथामृत के दूसरे दिन की कथा में साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती ने श्रोताओं को संबोधित करते हुए कहां कि हमारे धर्म ग्रंथों में गाय माता को सारे जग की माता माना है अर्थात मातर: सर्व भूतानाम, गावों सर्व सुख प्रदा!! यानि गोमाता के साथ जिस दिन मां का भाव जागृत हो जाएगा। उस दिन जगत का कल्याण हो जाएगा क्योंकि जब मर्यादा पुरुषोत्तम राजा रामचन्द्र ने अयोध्या का राज सिंहासन संभाला तो सबसे पहले उन्होंने अपने भाई भरत को कहां कि “राष्ट्र रक्षा से ही गो रक्षा संभव है। और स्वयं राजा राम ने गो रक्षा का विभाग अपने पास रखा। साध्वी ने आगे कहां कि सप्त दीपों की परिक्रमा का फल गोमाता जी की परिक्रमा से मिलता है। गो सेवा ही सभी प्रकार के दुखों का नाश कर सकती है।
साध्वी ने कथा में बताया कि गोमाता के प्रति जो संशय है उसे दूर करने के लिए ही यह सप्त दिवसीय गो कथा है। गो कथा का इतिहास प्राचीन है। वराह पुराण में इसका वर्णन है ओर सबसे पहले भगवान विष्णु ने वराह अवतार में पृथ्वी माता को यह कथा सुनाई थी। महाभारत के अनुशासन पर्व में भी इसका वर्णन है और बताया है कि जो गो कथा सुने उसके सारे कष्ट दूर हो सकते है।
साध्वी जी ने कहां कि प्रत्येक सनातनी के पास शस्त्र एवं शास्त्र दोनो होना चाहिए क्योंकि केवल शास्त्र से रक्षा संभव नहीं है और बिना शास्त्र के शस्त्र रखने से केवल आतंकवादी ही बना जा सकता है इसलिए वर्तमान की वैश्विक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक सनातनी के पास कम से कम एक शस्त्र व एक शास्त्र तो होना ही चाहिए।
साध्वी ने बताया कि भारतीय संस्कृति को नष्ट करने के लिए एक षड्यंत्र के तहत पहले तो “हम दो हमारे दो” रूपी कुचक्र चला ओर अब “हम दो हमारे एक” का नारा बुलंद कर हमारी अस्मिता पर संकट खड़ा कर दिया है, यानि जब एक ही संतान होगी तो अपनी इकलौती संतान को सीमा की रक्षा के लिए कौन भेजेगा। कौन अपनी इकलौती संतान को धर्म रक्षा के लिए साधु बनाएगा। कौन अपनी इकलौती संतान को समाज सेवा के लिए भेजेगा जबकि हमारे यहां चार वेद, चार शास्त्र, चार पुरुषार्थ, एवं चार आश्रम है तो हर सनातनी के चार संतान होनी ही चाहिए। जिसमें से सबसे बड़ी संतान को राष्ट्र रक्षा हेतु सैनिक के रूप में, दूसरी संतान को धर्म रक्षा हेतु साधु के लिए, तीसरी संतान को सामाजिक कार्य के लिए और चौथी संतान को अपनी सेवा के अपने पास रखना चाहिए। लेकिन हम दुहाई देते है कि अगर चार संतान हो गई तो इनका पेट कहा से भरेंगे इस प्रश्न पर साध्वी जी ने कहां कि एक मजहब विशेष के तो 14,14 संतान पैदा कर अपनी जनसंख्या बढ़ाकर सनातनियों पर राज करने का प्लान बना चुके है और तुम एक के चक्कर में अपना ही विनाश करने में तुले हो। ओर सभी सनातनियों से आह्वान किया है महाराणा प्रताप, छत्रपति शिवाजी महाराज, जीजाबाई,रानी लक्ष्मी बाई जैसी होनहार संतान पैदा कीजिए ताकि हमारा राष्ट्र सुरक्षित रह सकें और श्रेष्ठ एवं होनहार संतान गोमाता की शरण में जाने से ही संभव है।
कथा के बाद सुसनेर के गोभक्त परिवार रेखा अशोक बजाज, सुनीता राजेन्द्र बजाज, किरण गोविंद बांगड़, किरण गोविंद सोनी, वर्षा मोहन राठौर, मनीषा मुकेश सोनी, पिंकी यशवंत सोनी, मुस्कान मोहन राठौर, बद्रीलाल सोनी, गोविन्द बागड़, गोविंद सोनी, राजेन्द्र बजाज, हेमन्त सोनी, प्रदीप बजाज, दुर्गेश शर्मा ने सपरिवार भगवती गोमाता जी का पूजन व आरती का लाभ उठाया मंच संचालन प्रदीप सोनी ने किया। गौसेवा प्रमुख शिवराजसिंह व अभिषेक शर्मा ने कथा में पधारे सुसनेर नगर के सभी सनातनी परिवारों का गोमाता हितार्थ सहयोग करने पर आभार जताया और इसी प्रकार सहयोग करने की अपेक्षा की।
चित्र 1 : सुसनेर में गौकथा सुनाती साध्वी श्रद्धा गोपाल सरस्वती।