पारुल राठौर
पंच दशनाम जूना अखाड़ा
संत ही देश व विश्व का सही मार्गदर्शन कर संकटों से बचा सकते हैंः श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज
श्री श्री 1008 बाबा ज्वाला गिरि महाराज ने 450 वर्ष पूर्व श्री हनुमान मंदिर माधवपुरम चौपला दिल्ली रोड में जीवित समाधि ली थी। उनकी स्मृति में श्रद्धांजलि सभा व ब्रहमलीन श्रीमहंत तारकेश्वर नंद गिरि महाराज के वार्षिक भंडारे का आयोजन बुधवार को किया गया। श्री दूधेश्वर महादेव मंदिर, गाजियाबाद के पीठाधीश्वर, श्री पंच दशनाम जूना अखाड़ा के अंतर्राष्ट्रीय प्रवक्ता व दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष श्रीमहंत नारायण गिरी महाराज की अध्यक्षता में हुई श्रद्धांजलि सभा व वार्षिक भंडारे में देश भर से संतों व भक्तों ने भाग लिया।
श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने कहा कि श्री हनुमान मंदिर माधवपुरम चौपला दिल्ली रोड प्राचीन सिद्ध पीठ है। यहां पर साक्षात हनुमान भगवान विराजमान हैं। यही कारण है कि मंदिर में जो भी भक्त सच्चे मन से पूजा-अर्चना करता है, हनुमान जी व भगवान राम की कृपा से उसके सभी कष्ट व संकट दूर होते हैं और उसकी हर इच्छा पूर्ण होती है। महाराजश्री ने कहा कि आज देश ही नहीं पूरा विश्व संतों की ओर आशा भरी निगाहों से देख रहा है।
आज विश्व में जो परिस्थितियां है, उससे निकलने का मार्ग सिर्फ संत ही बता सकते हैं। संत ही समाज, देश व विश्व का सही मार्गदर्शन कर सकते हैं। मंदिर में श्री श्री 1008 बाबा ज्वाला गिरि महाराज ने 450 वर्ष पूर्व समाधि ली थी। श्री श्री 1008 बाबा ज्वाला गरि महाराज ने 450 वर्ष पूर्व सिद्ध संत थे और उनका पूरा जीवन धर्म के लिए समर्पित रहा। ब्रहमलीन श्रीमहंत तारकेश्वर नंद गिरि महाराज ने भी अपना पूरा जीवन सनातन धर्म के प्रचार-प्रसार के लिए समर्पित कर दिया था। अब मंदिर के वर्तमान महंत तरूण गिरि महाराज सनातन धर्म का प्रचार-प्रसार करते हुए लोगों के अंदर धर्म, भक्ति व आध्यात्म की ज्योत जलाने का कार्य कर रहे हैं।
मंदिर में मंगलवार से अखंड पाठ शुरू हुआ था। बुधवार को उसेी पूर्णाहुति हुई। हवन में हजारों संतों व भक्तों ने विश्व कल्याण की कामना से आहुति दी। श्रद्धांजलि सभा के बाद भंडारे में देश भर से आए संतों व भक्तों ने प्रसाद ग्रहण किया। श्रीमहंत थानापति तीरथ गितिर महाराज, प्राचीन देवी मंदिर द्वारका पुरी दिल्ली गेट के महंत गिरिशानंद गिरि महाराज, महंत रणसिंहानंद गिरि महाराज, महंत आनंदेश्वरानंद गिरि महाराज, महंत किशन गिरि महाराज, जियानंद ब्रहमचारी गढमुक्तेश्वर मंडल के अध्यक्ष ब्रजघाट आदि भी मौजूद रहे। मंदिर के महंत महंत तरूण गिरि महाराज ने श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज व अन्य सभी संतों का स्वागत किया।