गो संरक्षण एवं देश में ऊंच नीच जाति का भेद खत्म हो- कमलेश शास्त्री, रामकथा प्रवक्ता वागड़
सत्यार्थ संवाददाता
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित “गोवंश रक्षा वर्ष” के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 344 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने आयुध दिवस के अवसर पर सभी देशवासियों से आग्रह किया कि गो रक्षा के लिए ,सनातन संस्कृति के लिए एवं अपनी आत्म रक्षा के लिए हथियार रखना पड़े तो रखिए । हालांकि हमारी सनातन संस्कृति तो हमें विश्व बंधुत्व की भावना सिखाती है,सिर्फ हमारी गायमाता पर कोई कसाई आंख उठाकर देखे तो फिर हमें पीछे नहीं हटना चाहिए क्योंकि सनातन संस्कृति का मूल आधार गोमाता ही है और उसकी रक्षा के लिए हमें हथियार उठाना पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए ।
स्वामीजी ने आगे कहां कि आजादी के 78 साल निकल गए लेकिन आज तक गायमाता को सम्मान नहीं दिला पाया , साठ साल बाद भारत के जगतगुरू शंकराचार्य भगवान गायमाता के लिए आगे आएं और 17 मार्च को गोमाता की प्रतिष्ठा के लिए शासन से बात करने की शासन ने अनुमति नहीं दी लेकिन उसी दिल्ली में मुसलमान वक्फ को लेकर आंदोलन कर रहें है उन्हें किसी ने नहीं रोका जबकि गौसेवक कभी अपने आंदोलन के माध्यम से राष्ट्र को क्षति नहीं पहुंचाता क्योंकि उन्हें गोमाता की सेवा से करुणा,दया एवं प्रेम की प्रतिमूर्ति भगवती गोमाता से सतोगुण स्वत: प्राप्त हो जाते है ,इसलिए शासन सहित सम्पूर्ण समाज से आग्रह हैं कि वे गोमाता को उचित सम्मान एवं उसे रक्षा मिले उसके लिए आगे आएं क्योंकि भारत की संवैधानिक संस्थाओं, उच्चतर न्यायालय एवं भारत के विभिन्न उच्च न्यायालयों ने गायमाता की रक्षा होनी चाहिए ऐसे अनेक निर्णय दिए है इसलिए अब सनातन समाज को भी गोमाता की आगे आना चाहिए ।
*344 वें दिवस पर वागड़ के रामकथा प्रवक्ता संत कमलेश शास्त्री जी महाराज ने अपने आशीर्वाद में बताया कि भारत की आत्मा में गाय एवं गांव बसती है लेकिन भारत की सनातन संस्कृति को निगलने के लिए विधर्मी अजगर की भांति सनातन संस्कृति को निगलने के लिए आतुर है उसके लिए हमें गोमाता का संरक्षण एवं देश से जाति पाती को खत्म करने की आवश्यकता है क्योंकि विधर्मियों ने हमें जाति पाती में बांटकर हमें तोड़ने के अनेक कुचक्र रचे है और हमारे समाज के एक श्रेष्ठ समाज जिसने सेवा के माध्यम से हमें हमेशा स्वच्छ रखा है उसे सनातन समाज से तोड़ने का प्रयत्न किया जा रहा है जबकि गंदगी करने वाले से गंदगी की सफ़ाई करने वाला सबसे श्रेष्ठ माना गया है,इसलिए देश में अच्छे समाज की परिकल्पना के लिए हमें जाति पाती के भेद को मिटाना होगा।
*गोपाल परिवार संघ द्वारा गठित 12 फाउंडेशन में से धेनु शक्ति संघ के बारे में जानकारी देते हुए गोपाल परिवार संघ से गोवत्स गौरव गोपाल जी ने धेनु दर्शन फाउंडेशन के बारे में बताते हुए कहां कि में मेकाले मानसपुत्रों ने भारत में श्वेत क्रान्ति के नाम भारतीय वेदलक्षणा गोवंश की उपेक्षा कर दूध के नाम से गाय जैसा दिखने वाले पूतना रूपी पशु जर्सी एवं विदेशी पशु पालन को बढ़ावा दिया है,जिससे तमोगुण वृद्धि के साथ साथ केंसर जैसी असाध्य बीमारी का प्रभाव बढ़ा है, इसीलिए हमें भारतीय वेदलक्षणा गोवंश का क्षेत्र एवं जलवायु के आधार पर संवर्धन की और ध्यान देकर उत्तम नस्ल के नन्दी तैयार करके गौशालाओं को उपलब्ध कराना होगा ताकि उत्तम नस्ल के गोवंश का संवर्धन हो सकें।
गोवत्स गौरव गोपाल महाराज ने बताया कि गायमाता को आदर,आश्रय, आहार,औषधि, आनन्द,आजादी एवं आलिंगन हेतु पूज्य गुरुदेव भगवान ने ग्वाल शक्ति सेना का गठन कर उसमें 5000 युवा गोव्रती कार्यकर्ताओं के माध्यम से एक करोड़ कार्यकर्ताओं को जोड़ने का लक्ष्य लिया है l
344 वें दिवस पर रामकृष्ण सेठिया, छत्तीसगढ़ बिलासपुर से सुजीत चंदन, सुरेश चंदन, रीना चंदन एवं भोपाल से आशीष पाराशर अपने परिवार के साथ आदि अतिथि उपस्थित रहें
344 वे दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तराखंड, उत्तरप्रदेश,हरियाणा,मध्यप्रदेश से
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 344 वें दिवस पर चुनरी यात्रा उत्तराखंड के देहरादून से राजेंद्र अग्रवाल, पुत्र प्रदीप अग्रवाल,पुत्रवधु श्रीमती सीमा एवं दिनेश अग्रवाल देहरादून (उत्तराखंड)
उत्तरप्रदेश के इटावा से श्याम सिंह तोमर, हरियाणा के हिसार से राममूर्ति काँसुजिया,श्रीमती निर्मला देवी,निशांत काँसुजिया,प्रियंका एवं संजय जाखड़,मध्यप्रदेश के झांसी से नीरज कुमार , मोहन कुशवाह,उज्जैन जिले से मनीष वर्मा ,रंजिता वर्मा ,किरण वर्मा एवं पिपलिया कुलमी से देवेन्द्र जोशी ,श्रीमति प्रज्ञा जोशी आदि के परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।