ग्राम पंचायत तियरा बना भ्रष्टाचार का अड्डा अमृत सरोवर बांध पर लगा गंदगी का अंबार
एडीओ पंचायत नहीं उठाते फोन भ्रष्टाचार को दे रहे हैं बढ़ावा
सोनभद्र /सत्यनारायण मौर्य/संतेश्वर सिंह
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सोनभद्र चतरा विकासखंड के ग्राम पंचायत तियरा में प्रधान और सचिव के मिली भगत से कार्यों में व्यापक रूप से अनियमितता बरत कर सरकारी धन का गोलमाल किया जा रहा है कार्य वही कराए जा रहे हैं जिसमें धन किसी तरहभारष्टाचार की भेंट चढ़कर अपने पास आए प्रधान व पंचायत सचिव की मनमानी इस ग्राम पंचायत की कमर तोड़ दी है
वही ग्राम पंचायत में अमृत सरोवर बांध के निर्माण में भारी अनियमितता बरती गई है इंटर लाकिंग में भक्क्सी का प्रयोग धड़ल्ले से किया गया है बैरिकेटिंग जगह जगह से ध्वस्त हो गई है तलाब के चारो ओर गंदगी का अंबार लगा है तालाब में घास फूस का जंगल लगा है जबकि सरकार की यह एक महत्वकांक्षी योजना थी लेकिन ग्राम प्रधान और पंचायत सचिव द्वारा इसे भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दी गई है।
तियरा ग्राम पंचायत में यदि किसी उच्चाधिकारी से जांच कराई जाय तो दूध का दूध पानी का पानी हो जाएगा इसमें व्यापक रूप से धन का गोलमाल किया गया है कार्य मानक के अनुरूप नहीं हुआ है इंटरलॉकिंग के कार्य में जिस साइज का सोलन का प्रयोग किया गया है वह अपने आप में चौकाने वाला है पत्थर का बुरादा डालकर उसके ऊपर इंटरलॉकिंग पत्थर से दोनों तरफ के अनुसार वह भी कार्य नहीं कराया गया है तलाब की खुदाई जिस स्तर तक दिखाई गई है वह कार्य हुआ ही नहीं है जांच करने वाले लोग भी भौचक रह जायेंगे मजदूर जो उस समय कार्य किए थे उनकी संपूर्ण मजदूरी का भुगतान आज तक नहीं हुआ है जबकि उन मजदूरों का भुगतान खाते में डाल दिया गया जिन्होंने कार्य ही नहीं किया है इसी तरह सामुदायिक शौचालय जो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के परिसर में बना है वहां कार्य करने वाली महिला का भुगतान लगभग पिछले 8 महीने से नहीं हुआ है जबकि लोगों का कहना है की प्रतिमा ₹9000 सिर्फ सामुदायिक शौचालय के मद में पंचायत को भेजा जा रहा हैछः हजार रुपए प्रतिमाह की दर से केयरटेकर महिला को मिलना चाहिए और ₹3000 में रुमाल साबुन को स्वच्छ एवं साफ साफ रखने का प्रयोग होता है उसके लिए आता है लेकिन सामुदायिक शौचालय का उपयोग करने वाले है ने बताया कि इस धन का भी उपयोग नहीं हो रहा है ऐसे में भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाता है राज्य वित्तवा 14वां वित्त के धन के भी धन की जांच कराई जाए तो भ्रष्टाचार हो सकता है इस ग्राम पंचायत के कार्य में कई लाख रुपए खर्च किए गए हैं लेकिन धरातल पर कहीं कुछ नजर नहीं आता है लोगों का कहना है कि यहां ग्राम पंचायत सचिव व्यापक रूप से अनियमितता में लिप्त है सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया है एक आरटीआई कार्यकर्ता द्वारा वहां के कार्यों की सूचना मां
गी गई तो कार्यकर्ता के ऊपर दबाव डालने का प्रयास ग्राम प्रधान द्वारा वह पंचायत सचिव द्वारा किया जा रहा है।
वही जब इस मामले को लेकर एडीओ पंचायत चतरा से सेल फोन पर वार्ता करने का प्रयास किया गया तो उन्होंने फोन उठाना जरूरी नहीं समझा एक नही दो बार फोन करने पर भी फोन नही उठाना जिलाधिकारी और प्रदेश सरकार के आदेश को ठेंगा दिखाने जैसा है।ग्रामीणों ने जिलाधिकारी सोनभद्र का ध्यान आकृष्ट कराते हुए उच्चस्तरीय जांच कर संबंधित के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है।