महराजगंज जिले में अगर जमीन खरीद रहे हैं तो हो जाएं सतर्क,नहीं तो चली जाएगी जमा पूंजी
हर किसी का सपना होता है,सुंदर आशियाना बनाने का, अच्छे जगह निवेश करने का।लोग वर्षों की गाढ़ी कमाई को, अपने बच्चों की खातिर जमीन खरीद कर, एक सुंदर घर बनाने की सपना पाले महराजगंज के किसी भी कोने में जमीन खरीदना मुनासिब समझ रहे हैं।
लेकिन ऐसे में, महराजगंज जिले में जमीन की खरीद फरोख्त में, जमीन के जालसाजों की जालसाजी से लोग अपनी गाढ़ी कमाई पूंजी से कंगाल हो रहे हैं।
महराजगंज जिले के विभिन्न चौराहों एवं क्षेत्रों में, अच्छी जगहों पर कीमती जमीन दिखाकर,जमीन के जालसाज बातचीत कर ग्राहकों को लुभा कर पहले फंसा लेते हैं। इसके बाद रकम लेकर किनारा कस लेते हैं। ऐसे में जमीन की खरीदारी करने में काफी सावधानी बरतने की जरूरत है।
आपको बता दें कि – महराजगंज जिले में तेजी से विकास कार्य हो रहे हैं। प्रस्तावित रेलवे लाइन हो, चाहे KMC मेडिकल कॉलेज हो या फिर नगर पालिका क्षेत्र का विस्तारीकरण।
विभिन्न विकास कार्यों को दिखा कर जालसाज ग्राहकों को खूब लुभा रहे हैं। और इतना ही नहीं एक ही जमीन के चार जालसाज, चार दाम बता कर जिसकी कीमत कम हो रही है, उसी को डील करवा दे रहे हैं।
पिछले एक महीने में जिले की पुलिस, जमीन की खरीद में धोखाधड़ी से संबंधित, करीब 15 मामले दर्ज कर चुकी है।
ज्यादातर मामले में न्यायालय के आदेश पर केस दर्ज होता है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, क्षेत्र में सक्रिय तमाम जालसाज, लोगों को सस्ते कीमत पर जमीन बेचने के नाम पर ठगी कर रहे हैं। इन जालसाजों की सक्रियता के चलते जिले के चारों (महराजगंज, निचलौल, फरेंदा और नौतनवा) निबंधन कार्यालय और तहसील में इनकी गहरी पैठ बनी हुई है।
आपको एक अहम बात बता दूं कि – जिनके पास फूटी कौड़ी नहीं थी, आज ओ जमीन की खरीद फरोख्त और विक्री कर आलीशान मकानों में जहां रह रहे हैं, वहीं लक्जरी गाड़ियों से चल रहे हैं।
विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार, ए जालसाज किसानों से एग्रीमेंट कराकर भूमि की सौदेबाजी करते हैं। ग्राहकों को विकास कार्य, विभिन्न रोजगार, होटल या गेस्ट हाउस का सपना दिखा कर लुभाते हुए रजिस्ट्री के बाद तत्काल कब्जा और फिर दाखिल – खारिज कराने की बात भी कहते हैं। इतना ही नहीं जमीन बेचने के लिए जालसाज जिले के तमाम बड़े नेताओं, डॉक्टरों, अधिकारियों या क्षेत्रीय धनाढ्यों का नाम लेकर पूरा भरोसा भी दिलाते हैं, लेकिन कई मामलों में भूमि बैनामा होने से पहले या फिर कहीं बाद में ग्राहकों के साथ धोखा हो जाती है।
बाद में पता चलता है कि उसने (ग्राहक) जिस भूमि को खरीदने के लिए मोटी रकम दी है। उसका जमीन मालिक कोई और है या वह जमीन सीलिंग, पट्टा या अन्य कोई सरकारी संपत्ति है। ऐसे में खरीदार की पूंजी डूब जा रही है।
जमीन के जालसाज निबंधन कार्यालय में सेटिंग करा कर जमीन की रजिस्ट्री बड़े आसानी से करा दे रहे हैं, लेकिन बाद में उक्त जमीन की दाखिल – खारिज नहीं हो पाने में जमीन की हकीकत खुल कर सामने आ रही है। तमाम ऐसे मामले भी सामने आ रहे हैं जिनमें यदि किसी तरह बैनामा हो भी गया तो, कब्जे के लिए तमाम दुश्वारियां भी झेलनी पड़ रही हैं। पूर्व में इस तरह की ठगी के शिकार तमाम लोग हो चुके हैं। जिनका मामला जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है, कुछ मामले पंचायतों में सुलह हो जा रहे हैं तो उम्मीद से ज्यादे मामले न्यायालय में चल रहे हैं।
मामले चाहे कुछ भी हों, हकीकत कुछ भी हों लेकिन निबंधन कार्यालय को अपने स्टाम्प विक्री से मतलब है, लेकिन शासन इस गंभीर मामले में हस्तक्षेप नहीं करने से जालसाजों का धंधा खूब तेजी से फल फूल रहा है।
समय रहते अब जिलाधिकारी महोदय एवं उत्तर प्रदेश सरकार को संज्ञान लेने की जरूरत है।
सत्यार्थ वेब न्यूज
शिवरतन कुमार गुप्ता “राज़”
महराजगंज 11/मार्च/025