सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है। शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है। पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त,चद्रोदय-चन्द्रास्त काल,तिथि,नक्षत्र,मुहूर्त योगकाल,करण,सूर्य-चंद्र के राशि,चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🙏जय श्री गणेशाय नमः🙏
🙏जय श्री कृष्णा🙏
🕉️आज का पंचांग🕉️
11 जनवरी 2025
सम्वत :- 2081
मास :- पौष
तिथि :- द्वादशी 08:24am
:- त्रयोदशी
पक्ष :- शुक्ल पक्ष
नक्षत्र :- रोहिणी 12:30 pm
नक्षत्र स्वामी चंद्र
वार :- शनिवार
पंचक :- नहीं
चंद्र :- वृषभ 11:56 पी एम
सूर्य :- वृश्चिक
अभिजीत मूहर्त :- 12:21 पी एम से 01:04 पी एम
राहुकाल :- 10:04 ए एम से 11:23 ए एम
दिशाशूल :- पूर्व
आज का विशेष :- शनि प्रदोष व्रत,रोहिणी व्रत
चोघडिया, दिन
काल 07:31 – 08:49 अशुभ
शुभ 08:49 – 10:08 शुभ
रोग 10:08 – 11:26 अशुभ
उद्वेग 11:26 – 12:45 अशुभ
चर 12:45 – 14:03 शुभ
लाभ 14:03 – 15:22 शुभ
अमृत 15:22 – 16:40 शुभ
काल 16:40 – 17:59 अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ 17:59 – 19:40 शुभ
उद्वेग 19:40 – 21:22 अशुभ
शुभ 21:22 – 23:03 शुभ
अमृत 23:03 – 24:45*शुभ
चर 24:45* – 26:26*शुभ
रोग 26:26*- 28:08* अशुभ
काल 28:08* – 29:49* अशुभ
लाभ 29:49* – 31:31* शुभ
(*) समय आधी रात के बाद, लेकिन अगले दिन के सूर्योदय से पहले.
आज का राशिफल
मेष राशि :- आज पारिवारिक मतभेद दूर होंगे,निजी संबंधों में मधुरता आएगी।आर्थिक स्थिति में सुधार होगा,प्रतियोगी परीक्षा में सफलता मिलने से आत्मविश्वास बढ़ेगा।
वृषभ राशि :- आज दिन की शुरुआत में कार्यों को पूरा होने में अवरोध आएंगे।सूझबूझ से कार्य को पूरा करेंगे।जीवनसाथी से संबंध मधुर होंगे,पुराने मित्रों से भेंट संभव है।आर्थिक निवेश शुभ रहेंगे।
मिथुन राशि :- आज अपने दिनचर्या में बदलाव लाने की जरूरत पड़ेगी।आलस्य त्याग कर अपने लक्ष्य की प्राप्ति में लग जाएं।नौकरी में नई जिम्मेदारी मिलने की संभावना है।जरूरतमंद लोगों की सहायता करनी होगी।
कर्क राशि :- आज मानसिक शांति की तलाश में रहेंगे।आर्थिक मामलों में सावधानी रखें।आज पुराने दोस्तों के साथ समय व्यतीत होगा।वैवाहिक संबंधों में मधुरता आएगी,प्रेम बढ़ेगा।
सिंह राशि :- व्यापार में आ रही परेशानी दूर होगी।सहकर्मियों का सहयोग न मिलने से कार्यों को पूरा होने में विलंब होगा।वैवाहिक चर्चा सफल रहेगी,शारीरिक पीड़ा के कारण परेशान रहेंगे।
कन्या राशि :- रूका हुआ धन मिलने से रूके कार्य पूरे होंगे।न्यायालय में चल रहे प्रकरणों में सफलता मिलेगी,पिता के साथ संबंध मजबूत होंगे।जमीन जायदाद से जुड़े मामलों में सतर्क रहें।
तुला राशि :- सुनियोजित रणनीति से कार्य सफल होंगे,संतान के किए कार्यों से चिंतित रहेंगे।नौकरी में कार्यभार बढ़ सकता है।भाइयों से चल रहे विवाद समाप्त होंगे।
वृश्चिक राशि :- व्यापार में आ रहे अवरोध से चिंतित रहेंगे।जमीन जायदाद से जुड़े कार्य प्रभावित होंगे,पेट से संबंधित पीड़ा होगी।अध्ययन में रूचि कम रहेगी।
धनु राशि :- आज आप गैरकानूनी कामों से दूर रहें वर्ना परेशानी बढ़ सकती है।संतान के विषय में कठोर निर्णय लेना होगा,बहुत जल्द आप लोगों पर विश्वास कर लेते हैं।समझदारी से कार्य करें,धार्मिक आस्था बढ़ेगी।
मकर राशि :- मानसिक अशांति का समना करना पड़ेगा,क्रोध पर नियंत्रण रखें।बहनों से संबंध कमजोर होंगे,स्वास्थ्य में गिरावट आएगी।आर्थिक परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
कुंभ राशि :- आज व्यवसाय विस्तार के योग बन रहे हैं,अपने व्यवहार को नम्र रखें।दोस्तों के साथ मेलजोल बढ़ेगा।नौकरी में चल रहे मनमुटाव बढ़ सकते हैं।
मीन राशि :- आज आप सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर रहेंगे,संतान की उन्नति से प्रसन्न रहेंगे।आध्यात्मिक माहौल में समय बीतेगा,वैवाहिक जीवन सुखमय रहेगा,वाहन सुख संभव है।
‼️💖 ___भगवान् का प्यार___ 💖‼️
🌷🌼 जय जय श्री सीताराम जी 🌼🌷
भगवान् के प्यार के तीन तरीके हैं- पहला भगवान् जिसे प्यार करते हैं,उसे ‘संत’ बना देते हैं। संत यानी श्रेष्ठ आदमी श्रेष्ठ विचार वाले,शरीफ,सज्जन आदमी को श्रेष्ठ कहते हैं। वह अन्तःकरण को संत बना देता है।
दूसरा- भगवान् जिसे प्यार करते हैं उसे ‘सुधारक’ बना देते हैं। वह अपने आपको घिसता हुआ चला जाता है तथा समाज को ऊँचा उठाता हुआ चला जाता है।
तीसरा- भगवान् जिसे प्यार करते हैं उसे ‘शहीद’ बना देते हैं। शहीद जिसने अपने बारे में विचार ही नहीं किया। समाज की खुशहाली के लिए जिसने अपना सर्वस्व अर्पण कर दिया वह शहीद होता है। जो दीपक की तरह जला,बीज की तरह गला,वह शहीद कहलाता है। चाहे वह गोली से मरा हो या नहीं,वह मैं नहीं कहता,परन्तु जिसने अपनी अक्ल,धन,श्रम 0 समाज के लिए अर्पित कर दिया,वह शहीद होता है। जटायु ने कहा कि आपने हमें धन्य कर दिया। आपने हमें शहीद का श्रेय दे दिया,हम धन्य हैं। जटायु,शबरी की एक नसीहत है। यह भगवान् की भक्ति है। यही सही भक्ति है।
हनुमान जी भी भगवान् राम के भक्त थे। भक्त माँगने के मूड में नहीं रहता है। भक्त भगवान् के सहायक होते हैं। वह अपने लिए मकान,रोटी,कपड़ा या अन्य किसी चीज की चाह नहीं करता है,उसका तो हर परिस्थिति में भगवान् का सहयोग करना ही लक्ष्य होता है। वह अपनी सारी जिन्दगी भगवान् के लिए अर्पित कर देता है। हनुमान जी इसी प्रकार के भक्त थे। आज तो भक्त की पहचान है- राम नाम जपना,पराया माल अपना। यह भक्ति नहीं है। आज बगुला भक्तों की भरमार है,जो माला को ही सब कुछ मानते हैं।भक्त वही है,जिसका चरित्र एवं व्यक्तित्व महान हो हिरण्यकशिपु वह है,जिसे केवल पैसा दिखलाई पड़ता है। सोना दिखलाई पड़ता है,ज्ञान दिखलाई नहीं देता है। हिरण्याक्ष- जिसकी आँखों को केवल सोना ही दिखलाई पड़ता है। यह दोनों भाई थे। हिरण्यकशिपु को नरसिंह भगवान् ने मारा था और हिरण्याक्ष को वाराह अवतार ने मारा था।आज मनुष्य इसी स्तर का बन गया है। आप लोगों का आज यही स्तर है। आपकी भक्ति नगण्य है। रावण मोह में मारा गया और सीता लोभ में फँस गयी और मुसीबत मोल ले बैठी। जो भी व्यक्ति लोभ एवं मोह में फँस जाता है, वह भी इसी तरह मारा जाता है। लक्ष्मण जी ने एक रेखा खींची थी। जो भी व्यक्ति अपनी मर्यादा को कायम नहीं रखता है, वह इसी प्रकार दुखी रहता है। आप कायदे एवं नियम का पालन कीजिए, यह हमें रामायण बतलाती है श्री रामभक्त महाबली हनुमानजी आप सभी का मङ्गल करें।