सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है। शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है। पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त,चद्रोदय-चन्द्रास्त काल,तिथि,नक्षत्र,मुहूर्त योगकाल,करण,सूर्य-चंद्र के राशि,चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🙏जय श्री गणेशाय नमः🙏
🙏जय श्री कृष्णा🙏
दिनांक:- 01/01/2025, बुधवार
द्वितीया, शुक्ल पक्ष
पौष”””(समाप्ति काल)
तिथि———-द्वितीया 26:23:31 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र—— उत्तराषाढा 23:45:09
योग———- व्याघात 17:05:18
करण———- बालव 14:54:59
करण———- कौलव 26:23:31
वार———————- बुधवार
माह————————- पौष
चन्द्र राशि—————– मकर
सूर्य राशि——————- धनु
रितु———————- शिशिर
आयन—————- उत्तरायण
संवत्सर——————- क्रोधी
संवत्सर (उत्तर)———– कालयुक्त
विक्रम संवत————– 2081
गुजराती संवत———— 2081
शक संवत—————- 1946
कलि संवत—————- 5125
वृन्दावन
सूर्योदय————– 07:11:09
सूर्यास्त————– 17:34:41
दिन काल———— 10:23:32
रात्री काल————- 13:36:42
चंद्रास्त————– 18:58:40
चंद्रोदय—————- 31:30:21
लग्न—- धनु 16°41′ , 256°41′
सूर्य नक्षत्र————- पूर्वाषाढा
चन्द्र नक्षत्र————- उत्तराषाढा
नक्षत्र पाया——————- ताम्र
🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩
भो—- उत्तराषाढा 11:56:29
जा—- उत्तराषाढा 17:51:25
जी—- उत्तराषाढा 23:45:09
खी—- श्रवण 29:37:46
💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= वृश्चिक 16°40, पू o षा o 2 धा
चन्द्र=मकर 00°30 , उ o षा o 2 भो
बुध =वृश्चिक 24°52 ‘ ज्येष्ठा 3 यी
शु क्र= कुम्भ 03°05,धनिष्ठा ‘ 4 गे
मंगल=कर्क 07°30 ‘ पुष्य ‘ 2 हे
गुरु=वृषभ 19°30 रोहिणी, 3 वी
शनि=कुम्भ 20°28 ‘ पू o भा o , 1 से
राहू=(व) मीन 07°20 उo भा o, 2 थ
केतु= (व)कन्या 07°20 उ oफा o 4 पी
🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮
राहू काल 12:23 – 13:41 अशुभ
यम घंटा 08:29 – 09:47 अशुभ
गुली काल 11:05 – 12: 23अशुभ
अभिजित 12:02 – 12:44 अशुभ
दूर मुहूर्त 12:02 – 12:44 अशुभ
वर्ज्यम 07:59 – 09:34 अशुभ
प्रदोष 17:35 – 20:21 शुभ
चोघडिया, दिन
लाभ 07:11 – 08:29 शुभ
अमृत 08:29 – 09:47 शुभ
काल 09:47 – 11:05 अशुभ
शुभ 11:05 – 12:23 शुभ
रोग 12:23 – 13:41 अशुभ
उद्वेग 13:41 – 14:59 अशुभ
चर 14:59 – 16:17 शुभ
लाभ 16:17 – 17:35 शुभ
चोघडिया, रात
उद्वेग 17:35 – 19:17 अशुभ
शुभ 19:17 – 20:59 शुभ
अमृत 20:59 – 22:41 शुभ
चर 22:41 – 24:23* शुभ
रोग 24:23* – 26:05* अशुभ
काल 26:05* – 27:47* अशुभ
लाभ 27:47* – 29:29* शुभ
उद्वेग 29:29* – 31:11* अशुभ
होरा, दिन
बुध 07:11 – 08:03
चन्द्र 08:03 – 08:55
शनि 08:55 – 09:47
बृहस्पति 09:47 – 10:39
मंगल 10:39 – 11:31
सूर्य 11:31 – 12:23
शुक्र 12:23 – 13:15
बुध 13:15 – 14:07
चन्द्र 14:07 – 14:59
शनि 14:59 – 15:51
बृहस्पति 15:51 – 16:43
मंगल 16:43 – 17:35
होरा, रात
सूर्य 17:35 – 18:43
शुक्र 18:43 – 19:51
बुध 19:51 – 20:59
चन्द्र 20:59 – 22:07
शनि 22:07 – 23:15
बृहस्पति 23:15 – 24:23
मंगल 24:23* – 25:31
सूर्य 25:31* – 26:39
शुक्र 26:39* – 27:47
बुध 27:47* – 28:55
चन्द्र 28:55* – 30:03
शनि 30:03* – 31:11
🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩
धनु > 05:02 से 07:02 तक
मकर > 07:02 से 08:48 तक
कुम्भ > 08:48 से 10:20 तक
मीन > 10:20 से 11:50 तक
मेष > 11:50 से 13:30 तक
वृषभ > 13:30 से 15:28 तक
मिथुन > 15:28 से 17:40 तक
कर्क > 17:40 से 19:58 तक
सिंह > 19:58 से 22:08 तक
कन्या > 22:08 से 00:34 तक
तुला > 00:34 से 02:34 तक
वृश्चिक > 02:34 से 04:54 तक
विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
नोट- दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
दिशा शूल ज्ञान————-उत्तर
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो पान अथवा पिस्ता खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें:-
शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषुच
भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय
अग्नि वास ज्ञान:-
यात्रा विवाह व्रतगोचरेषु,चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु
दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं
महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्
नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत्
2 + 4 + 1 = 7 ÷ 4 = 3 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
सूर्य ग्रह मुखहुति
शिव वास एवं फल :-
2 + 2 + 5 = 9 ÷ 7 = 2 शेष
गौरी सन्निधौ= शुभ कारक
भद्रा वास एवं फल :-
स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।
मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।
💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮
ईसवी 2025 नववर्ष प्रारम्भ
खिचड़ी महोत्सव प्रारम्भ
💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮
दुराचारी दुरादृष्टिर्दुरावासी च दुर्जनः ।
यन्मैत्रीक्रियते पुम्भिर्नरःशीघ्रं विनश्यति ।।
।। चा o नी o।।
जो व्यक्ति दुराचारी, कुदृष्टि वाले, एवं बुरे स्थान पर रहने वाले मनुष्य के साथ मित्रता करता है, वह शीघ्र नष्ट हो जाता है।
🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩
गीता -: भक्तियोग अo-12
तुल्यनिन्दास्तुतिर्मौनी सन्तुष्टो येन केनचित्।,
अनिकेतः स्थिरमतिर्भक्तिमान्मे प्रियो नरः॥,
जो निंदा-स्तुति को समान समझने वाला, मननशील और जिस किसी प्रकार से भी शरीर का निर्वाह होने में सदा ही संतुष्ट है और रहने के स्थान में ममता और आसक्ति से रहित है- वह स्थिरबुद्धि भक्तिमान पुरुष मुझको प्रिय है॥,19॥,
💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष-धन प्राप्ति सुगम होगी। कानूनी बाधा दूर होकर लाभ होगा। पूँजी निवेश बढ़ेगा। पहले किए गए कार्यों का लाभदायी फल आज मिल सकेगा। संतान के कामों से खुशी होगी। व्यापार-व्यवसाय में तरक्की होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। यात्रा सफल रहेगी।
🐂वृष-पुराने संगी-साथियों से मुलाकात होगी। शुभ समाचार प्राप्त होंगे। व्यवसाय ठीक चलेगा। लाभ होगा। परिश्रम का पूरा परिणाम मिलेगा। अच्छी व सुखद स्थितियाँ निर्मित होंगी। विरोधी आपकी छवि खराब करने का प्रयास कर सकते हैं। व्यावसायिक सफलता से मनोबल बढ़ेगा।
👫मिथुन-व्यावसायिक यात्रा सफल रहेगी। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ होगा। जोखिम व जमानत के कार्य टालें। विवाद न करें। नौकरी करने वालों को ऐच्छिक स्थानांतरण एवं पदोन्नति मिलने की संभावना है। स्वास्थ्य के प्रति लापरवाही न करें।
🦀कर्क-फालतू खर्च होगा। कीमती वस्तुएं संभालकर रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें। चिंता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। नवीन मुलाकातों से लाभ होगा। आमदनी बढ़ेगी। रुका धन मिलने से निवेश में वृद्धि होने के योग हैं। उदर संबंधी विकार हो सकते हैं।
🐅सिंह-भागदौड़ रहेगी। घर-परिवार का सहयोग प्राप्त होगा। राजकीय सहयोग मिलेगा। कार्यकुशलता सहयोग से लाभान्वित होंगे। काम में मन लगेगा। स्वयं का सोच अनुकूल रहेगा। रिश्तेदारों से संबंधों की मर्यादा बनाए रखें। शारीरिक कष्ट से बाधा संभव है।
🙎♀️कन्या-प्रयास सफल रहेंगे। प्रशंसा प्राप्त होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। लाभ होगा। व्यवसाय अच्छा चलेगा। कार्य क्षेत्र में नई योजनाओं से लाभ होगा। लगन, मेहनत का उचित फल मिल सकेगा। क्रोध एवं उत्तेजना पर संयम रखें। विवाद सुलझेंगे।
⚖️तुला-नया काम, व्यवसाय आदि की बात बनेगी। घर-बाहर तनाव रहेगा। विवाद को बढ़ावा न दें। जल्दबाजी न करें। नई योजना बनेगी। नए अनुबंध होंगे। किसी मामले में कटु अनुभव मिल सकते हैं। सरकारी, कानूनी विवाद सुलझेंगे। जोखिम, लोभ, लालच से बचें।
🦂वृश्चिक-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा सफल रहेगी। आपसी मतभेद, मनमुटाव बढ़ेगा। किसी से मदद की उम्मीद नहीं रहेगी। आर्थिक समस्या बनी रहेगी। व्यसनाधीनता से बचें। व्यापार, रोजगार मध्यम रहेगा। विवाद से क्लेश होगा। शारीरिक कष्ट संभव है।
🏹धनु-जोखिम व जमानत के कार्य टालें। परिवार की स्थिति अच्छी रहेगी। रचनात्मक काम करेंगे। कर्मचारियों पर निगाह रखें। परिवार की समस्या का उचित समाधान होगा। चोट, चोरी व विवाद आदि से हानि संभव है। पुराना रोग उभर सकता है।
🐊मकर-भूमि व भवन संबंधी बाधा दूर होगी। रोजगार मिलेगा। संतान के स्वास्थ्य में सुधार होगा। सोचे कामों में मनचाही सफलता मिलेगी। व्यापारिक निर्णय समय पर लेना होंगे। पुरानी बीमारी उभर सकती है। चोट व रोग से बाधा संभव है। बेचैनी रहेगी।
🍯कुंभ-पार्टी व पिकनिक का आनंद मिलेगा। विद्यार्थी वर्ग को सफलता मिलेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। नए कार्यों, योजनाओं की चर्चा होगी। लाभदायी समाचार आएँगे। समाज में आपके कार्यों की प्रशंसा होगी। साहस, पराक्रम बढ़ेगा। विश्वासप्रद माहौल रहेगा।
🐟मीन-धैर्य रखें। अस्वस्थता बनी रहेगी। खुद के प्रयत्नों से ही जनप्रियता एवं सम्मान मिलेगा। रोजगार के क्षेत्र में संभावनाएँ बढ़ेंगी। स्थायी संपत्ति संबंधी खटपट हो सकती है। पुराना रोग उभर सकता है। भागदौड़ रहेगी। दु:खद समाचार मिल सकता है।
🙏आपका दिन मंगलमय हो🙏
राशि विशेष
मेष और वृश्चिक राशि जिनकी है,उनके जीवन में अगर विघ्न,कष्ट और समस्याये आती है। तो उनको चाहिए मेष और वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल है। मंगल गायत्री का जप किया करें।
मंगल गायत्री मंत्र ॐ अंगारकाय विद्महे शक्तिहस्ताय धीमहि तन्नो भौम प्रचोदयात ॐ मंगलाय नम:। ये मंगल गायत्री बोले और हर मंगलवार को मसूर की दाल के दाने थोड़े पक्षियों को डाल दे। और जब स्नान करें तो लाल चंदन का पाउडर मिल जाये तो एक चुटकी पाउडर बाल्टी में डाल दिया थोडा हिलाकर उससे स्नान कर दे। बहुत फायदा होगा।
वृषभ और तुला राशि जिनकी है वो शुक्रवार को खीर बना लें। उसमे दूध न दिखे चावल पक जाये (दूध और चावल ) शुक्रवार के दिन वो थोड़ी ठंडी करके गौ माता (देशी गाय ) को खिलाये पक्षियों कों थोड़े शुक्रवार को चावल के दाने डाल दे। और थोडा इलायची पाउडर,थोडा सा केसर पानी में डाल दिया स्नान कर लिया बहुत लाभ होगा।
मिथुन और कन्या राशि उसके स्वामी बुध हैं कन्या राशि के स्वामी राहू भी माने गये हैं। इस राशिवालों को चाहिए की बुधवार को हरे मूंग थोडे से पक्षियों को डाल दे नहीं तो गाय को दे सकते है। और ॐ गं गणपतये नमः जप करें विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें,गुरुमंत्र का जप करें।
कर्क राशि जिनकी है उसके स्वामी चंद्रदेव माने गये है। कर्क राशिवालों को चाहिए की यथाशक्ति थोड़े चावल पक्षियों को डाले और सोमवार को शिवलिंग पर दूध,जल चढ़ाकर मंत्र बोले ॐ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिं पुष्टिवर्धनम् उर्व्वारुकमिव बन्धानान्मृत्यो मृक्षीय मामृतात् ये भी याद न रहे तो ॐ हरि ॐ ॐ करते हुए दूध जल चढ़ा दिया चंद्रमा को अर्घ्य दे। शुक्ल पक्ष में,दूज से पूनम तक अगर न कर पायें तो हर पूनम को चद्रंमा को अर्घ्य दे और मन में बोले की भगवान ने गीता में अपने कहाँ है – नक्षत्र का अधिपति मैं ही हूँ मेरा अर्घ्य स्वीकार करों और मेरे जीवन में दुःख,दरिद्रता दूर करों,तो बहुत फायदा होगा।
सिंह राशि जिनकी है इसके स्वामी सूर्य हैं। नित्य सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए अगर सिंह राशिवालों को अगर तकलीफ आती है तो गेहूँ के दाने थोड़े रोज नहीं तो हर रविवार को पक्षियों को डालने चाहिए और गेहूँ के आटे की रोटी और गुड़ गाय को खिला दे,गाय न मिले तो किसी गरीब को दे दे और गुरुमंत्र का जप खूब करें। रविवार को विशेष ऐसे लोग जिनकी सिंह राशि है जप ज्यादा करें।
धनु और मीन जिनकी राशि है। इसके स्वामी भगवान ब्रहस्पति है। लेकिन मीन के स्वामी केतु भी बताये जाते है | तो धनु और मीन राशिवालों को चाहिए की गुरु के प्रति भक्ति खूब बढ़ाये क्योंकि इसके स्वमी ब्रहस्पतिजी है। धनु और मीन राशि जिनकी है वो रोज थोड़ी देर गुरुदेव की तस्वीर सामने रखकर मंत्र बोले ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम ॐ ऐं क्लीं ब्रहस्पतये नम गुरुवार को आम के पेड़ को चावल जल,चने के दाने मिलाकर चढ़ा सकते है। और बैठकर थोड़ी देर गुरुमंत्र का जप कर लें धनु और मीन राशिवाले गुरु उपासना करनी ही चाहिए और मीन राशि वालों को गणपति का जप – ॐ गं गणपतये नमः करना चाहिए आप जब सत्संग में बैठते है गुरुदेव के तो पूरा ध्यान गुरुदेव के वचनों में होता है वो आदमी गणपति जी की उपासना कर रहा है उसकी हर क्षण गणेश पूजा हो रही है। क्योंकि गणेश विवेक की देवता है। भगवान गणेश
मकर और कुंभ राशि जिनकी है। इसके स्वामी शनिदेवता है। तो इन राशिवालों को चाहिए की हनुमान चालीसा का पाठ पूरी ना पढ़ सके तो मनोजवं मारुततुल्य वेगं जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं वातात्मजं वानरयूथ मुख्यं श्रीराम दूतं शरणं प्रपद्ये पूरा याद न रहा तो श्रीरामदूतं शरणम प्रपद्ये श्रीरामदूतं शरणम प्रपद्ये।