जमीयत उलमा शाख स्योहारा ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया।
रिपोर्टर- इश्तियाक अली जिला बिजनौर
स्योहारा-प्रेस रिलीज, 27 दिसंबर 2024। जमीयत उलमा शाख स्योहारा के अध्यक्ष हजरत मौलाना हकीम मुहम्मद कामिल कासमी व शहर काजी स्योहारा, और जमीयत उलमा शाख स्योहारा के समस्त पदाधिकारी मौलाना शहाबुद्दीन मजहिरी जनरल सेक्रेटरी जमीयत उलमा धामपुर तहसील, कातिब मुशाहिद हुसैन जनरल सेक्रेटरी शाख स्योहारा, हाफिज मुहम्मद रईस कोषाध्यक्ष जमीयत उलमा शाख स्योहारा, सूफी शाहिद हुसैन, मौलाना मुहम्मद सलमान, मुफ्ती मुहम्मद मुस्तकीम, मौलाना सरफराज अहमद, मुफ्ती कफील अथर, मौलाना मुहम्मद सालिम, मुफ्ती सदाकत हुसैन, मुफ्ती उबेदुर्रहमान, मुफ्ती उवैस, कारी मुहम्मद हारुन, मौलाना अब्दुर्रहमान, मुफ्ती मुहम्मद दिलशाद, मुफ्तीअब्दुल्लाह, और अन्य उलमा-ए किराम ने पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है और इस देश के लिए बड़ी क्षति बताया है मौलाना मुहम्मद कामिल ने अपने शोक संदेश में कहा कि डॉ. मनमोहन सिंह ने एक विख्यात अर्थशास्त्री, सक्षम राजनीतिज्ञ और प्रतिष्ठित नेता के रूप में देश के विकास और स्थिरता में बहुमूल्य सेवाएं प्रदान की है। उनके नेतृत्व में देश में न केवल आर्थिक सुधारों की नींव रखी गई, बल्कि शांति, विकास और सभी के लिए न्याय की मजबूत परंपरा को बढ़ावा मिला। समस्त पदाधिकारीयों ने एक सुर में कहा की पूर्व प्रधानमंत्री डॉ, मनमोहन सिंह ने अपने निर्विवाद व्यक्तित्व, सहिष्णुता और जन सेवा की भावना से एक मिसाल कायम की। वह राजनीति में शिष्टता और सिद्धांतों पर अडिग रहने वाले एक आदर्श व्यक्ति थे, जिनकी कमी हमेशा महसूस की जाएगी। उनके जमीयत उलमा-ए हिंद के नेतृत्व विशेष कर फिदा-ए मिल्लत मौलाना सैयद असद मदनी से विशेष संबंध थे। संसद सदस्य के रूप में हजरत फिदा-ए मिल्लत के साथी भी रहे। जमीयत उलमा- ए हिंद की मांग पर उन्होंने सच्चर कमेटी का गठन किया और सच्चर समिति के कुछ महत्वपूर्ण सुझावों को लागू करने का भी प्रयास किया। उनके निधन पर जमीयत उलमा शाख स्योहारा, उनके परिवार और उनके सभी चाहने वालों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करती है।