ऑनलाइन दवाई बिक्री क़ो लेकर भारत के 12 लाख से अधिक फार्मेसिस्ट करेंगे आंदोलन
ऑनलाइन दवाई विक्रय करने वाली कंपनियों पर रोक लगाने की है, मांग
सत्यार्थ न्यूज
ब्यूरो चीफ मनोज कुमार माली सोयत कला, सुसनेर से
सुसनेर नगर जिला आगर मालवा मध्य प्रदेश में कोविड-19 महामारी के दौरान घर-घर दवाइयां पहुंचाने क़ो लेकर प्रायवेट कॉम्पीनियों ने सरकार से अनुमति ली गई थी। लेकिन कोविड के बाद भी उक्त कम्पनिया इसका दूर उपयोग कर रहे हे जिन्हे रोकना जरुरी हो गया हे।उक्त बात केमिस्ट एण्ड ड्रगिस्ट संगठन के प्रदेश अध्यक्ष गौतम चंद धीग ने कही । इस अवैध ऑनलाइन प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने क़ो लेकर कई बार मामले सामने भी आ चुके हे। पुरे भारत भर के केमिस्ट संघठन के माध्यम से जन स्वास्थ्य के लिए खतरा बनी ऑनलाइन दवाई विक्रय क़ो तत्काल बंद करवाने क़ो लेकर अब आंदोलन क़ी राह पर हे। ऑल इंडिया केमिस्ट एंड ड्रगिस्ट रजिस्ट्रेशन (एआईओसीडी) ने केंद्र सरकार से आग्रह किया क़ी ऑनलाइन दवाई विक्रय करने वाली कंपनियों पर रोक लगाई जा कर बंद क़ी जाए। आपको बता दे क़ी ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्टस एवं ड्रगिस्टस (एआईओसीडी) बड़ा संगठन हे। जिसके पूरे भारत में लगभग 12 लाख 40 हजार से अधिक केमिस्ट एवं वितरकों का प्रतिनिधित्व करता है। ज़ब क़ी तीसरी बार स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याणमंत्रालय के सचिव को पत्र लिखकर कोविड-19 महामारी के दौरान जारी अधिसूचना जीएसआर 220 (ई) को रद्द करने की अपील की है। यह अधिसूचना जीएसआर 220 (ई) कोविड महामारी के दौरान मार्च 2020 में प्रकाशित की गई थी। जिसमें दवाओं के निर्माण, बिक्रीऔर वितरण को विनियमित करने के लिए औषधि अधिनियम की धारा 26बी के तहत कुछ शर्तों के साथ आवाजाही पर प्रतिबंध लगाया गया था, और इसके तहत घर-घर दवाइयों की आपूर्ति की अनुमति दी गई थी। साथ ही दवाओं की बिक्री के लिए प्रिस्क्रिप्शन पर मुहर लगाने की आवश्यकता (नियम 65) को अस्थायी रूप से केवल विशेष परिस्थितियों के रूप में अलग रखा गया था
संघठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे. एस शिंदे और महासचिव राजीव सिंघल ने कहा
इस अधिसूचना का मुख्य उद्देश्य स्थानीय दवा विक्रेताओं के माध्यम से आपातकालीन स्थितियों में दवाओं की डिलीवरी करना था। लेकिनअब स्विगी और अन्य डिजिटल प्लेटफॉर्मस द्वारा आवश्यक नियामकसुरक्षा उपायों का पालन किए बिना घर पर दवाएं पहुंचाने के लिए इसका दुरुपयोग किया जा रहा है। जो नशीली दवाईओ क़ो बडावा दिया जाने मे शामिल हो सकता हे।ये सभी अवैध प्लेटफॉर्म बिना किसी वैध प्रिस्क्रिप्शन के दवाएं विक्रय कर रहे हैं। जिससे स्वचिकित्सा, नशीली दवाओं का दुरुपयोग और रोगाणुरोधी प्रतिरोध ( एएमआर) जैसी गंभीर समस्याएं दिन प्रतिदिन बढ़ रही हैं। ऐसे सभी अवैध प्लेटफॉर्म मरीजों की सुरक्षा को नजरअंदाज करके केवल अपने मुनाफे पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं
जिला केमिस्ट एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष अनिल शर्मा एव सचिव योगेश पाण्डे, राजेश मेठी ने कहा
अब देश में महामारी का आपातकालीन चरण अब समाप्त होचुका है। साथ ही सामान्य स्थिति मे लौट आई है। इसलिए यह अधिसूचना अब प्रासंगिक नहीं है और इसे तत्काल वापस लिया जाना चाहिए। नहीं लेने क़ी स्थिति मे चरण बंध आंदोलन किया जाएगा। उक्त जानकारी मिडिया प्रभारी दारा सिंह आर्य ने दी