गंगेश कुमार पाण्डेय
(ब्यूरोचीफ) सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर उत्तर प्रदेश
“डीएलएड” कॉलेज के प्रबंधकों को सता रहा जीरो सेशन का भय“
सत्यार्थ न्यूज़ सुलतानपुर:
बीएड (बैचलर आफ एजुकेशन)में कम प्रवेश के बाद अब डीएलएड कॉलेजों के सामने दाखिले का संकट खड़ा हो गया है। तय शैक्षिक अर्हता को लेकर डीएलएड (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजूकेशन) काउंसिलिंग पर हाईकोर्ट की रोक के बाद प्रवेश प्रक्रिया पूरी नहीं हो सकी है। केवल फार्म भरे गए हैं।
ऐसी स्थिति में कॉलेज प्रबंधकों को सत्र शून्य (जीरो सेशन) होने का डर सता रहा है। प्रबंधकों का कहना है कि बीएड में पहले की कम प्रवेश हुआ है, यदि डीएलएड का सत्र शून्य हुआ तो कॉलेज संचालन का खर्च निकालना भी मुश्किल हो जाएगा।
जिले में कुल 85 डीएलएड कॉलेज संचालित हैं। अमेठी जिले में 20 कॉलेज डीएलएड के हैं। ये सभी सुल्तानपुर के जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की देखरेख में संचालित होते हैं। दोनों जिलों के कॉलेजों में करीब 10,500 डीएलएड सीट निर्धारित है। डायट के लिए 200 सीट निर्धारित की गई है। डीएलएड के चालू सत्र के लिए आवेदन जमा किए गए। काउंसिलिंग से पहले ही शैक्षिक अर्हता को लेकर कुछ आवेदक हाईकोर्ट चले गए। कोर्ट ने आवेदकों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए काउंसिलिंग पर रोक लगा दी। तब से मामला लटका हुआ है।
“दो दिसंबर से शुरू होनी थी पढ़ाई”
डायट प्रवक्ता डॉ. शशांक शेखर ने बताया कि डीएलएड की प्रवेश प्रक्रिया अभी तक पूरी हो जानी थी। दो दिसंबर से नई कक्षा संचालन होना था। तय प्रारूप के अनुसार सत्र संचालन में देरी हो रही है। अब निगाहें हाईकोर्ट के फैसले पर टिकी हैं। ऐसे में सत्र संचालन को लेकर अभी कोई निर्देश नहीं आया है।
अफसरों की गलती का खामियाजा हम भुगत रहे हैं
डीएलएड कॉलेज के प्रबंधक ने बताया कि अफसरों की गलती का खामियाजा हम लोग भुगत रहे हैं। डीएलएड कॉलेजों या छात्रों का इसमें कोई दोष नहीं है। बीएड में पहले ही दाखिले नहीं हुए। यदि सेशन जीरो हुआ तो शिक्षकों का वेतन, बिजली, पानी और अन्य मेंटनेंस खर्च वह कहां से करेंगे, यही हाल रहा तो कई कॉलेज बंद हो जाएंगे।
जल्द ही समाधान हो जाएगा
हाईकोर्ट के निर्देश के बाद डीएलएड की काउंसलिंग रोकी गई है। जब आदेश आएगा तो काउंसलिंग शुरू कराई जाएगी। उम्मीद है कि जल्द ही इसका समाधान हो जाएगा।
– डॉ. पारसनाथ प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान सुल्तानपुर।