नेशनल हाईवे पर पुरानी क्षतिग्रस्त पुलियाओं की मरम्मत कर बना दी सडक, हादसों का बना रहता है अंदेशा
नेशनल हाईवे 552 जी के निर्माण में उजागर हुई लापरवाही, अधिकारियों की मिलीभगत से भारी भ्रष्टाचार की आशंका
सत्यार्थ न्यूज़
ब्यूरो चीफ से पत्रकार
मनोज कुमार सोयत से कला
सुसनेर, नगरीय क्षेत्र से होकर गुजर रहे नेशनल हाईवे 552जी का निर्माण जीएचवी कंपनी के द्वारा उज्जैन से चवली तक किया गया है। जिसमें सड़क निर्माण के दौरान काफी अनियमितता सामने आई है। निर्माण कंपनी के द्वारा सड़क मार्ग में पूर्व से बनी पुरानी व क्षतिग्रस्त पुलियाओं की जगह नई पुलिया बनाने की बजाय पुरानी ही पुलियाओ की मरम्मत कर निर्माण कार्य पूर्ण बता दिया है। जिसमे से एक पुलिया तो पगारीय टोल नाके के पास सुसनेर रोड पर ही जिसकी मरम्म्त कर उपयोग में लिया गया है। ऐसे में मरम्मत की गई पुरानी पुलियाओं से भारी वाहनों व यात्री बसों के गुजरते समय हादसों व दुर्घटनाओं की आशंका बनी रहती है। निर्माण कार्य से जुड़े जिम्मेदारो का कहना है कि ये पुरानी पुलियाओं की मजबूत है जो कि अभी कई सालों और तक चल सकती है इसलिए उनकी जगह नई पुलिया का निर्माण न कर उनकी की ही मरम्मत कर उपयोग में लिया गया है। उज्जैन से चवली की बीच ऐसी 4 से 5 जगह है जहां पुरानी पुलियाओं की मरमरत कर उपयोग में लिया गया है। अधिकारियों की मिलीभगत से पुरानी पुलियाओं की मरमरत कर उनका ही उपयोग होने में बड़े भ्रष्टाचार की आशंका जताई जा रही है। लेकिन निर्माण कंपनी की इस लापरवाही की ओर किसी भी जिम्मेदार अधिकारी ने ध्यान देने की जरूरत महसूस नही की है। इंजीनियर में भी इसकी अनुमति दे दी है। तो कंपनी ने भी टोल की वसूली शूरु कर दी है
सैकड़ो हरे भरे वृक्ष काटे गए उनकी जगह नही किया पौधरोपण
नेशनल हाईवे 552 जी सड़क निर्माण के दौरान निर्माण से पहले उज्जैन से चवली के बीच सड़क निर्माण में बाधक बन रहे सैकड़ो रहे भरे वृक्षों की कटाई की गई थी जिनकी जगह अभी तक कोई पौधा रोपण सड़क किनारे नही किया गया है। आपको बता दे की वृक्ष कटाई के टेंडर में काफी धांधली हुई थी। इसके लिए भी दो बार टेंडर बुलाए गए थे। जिमसें राशि जमा करने को लेकर राजस्व विभाग के स्थानीय अधिकारियों की मिलीभगत से भ्रष्टाचार की आशंका है
शहरी क्षेत्र की जालियां गायब, स्ट्रीट लाइट दिन में रहती है चालू
नेशनल हाईवे 552 जी के सड़क निर्माण के दौरान शहरी क्षेत्रों में सड़क के दोनों तरफ फुटपाथ बनाकर लोहे की जालियां लगाई गई थी। जिसमें से अधिकांश जालिया गायब हो चुकी है। व्यापारियों ने भी अपनी दुकानो के सामने की जालिया हटा कर फुटपाथ पर अतिक्रमण कर लिया है जिसके बारे में भी कई बार अधिकारियों को सुचित किया गया लेकिन कोई अधिकार गम्भीर नही दिखाई दिया। नेशनल हाईवे पर लगी स्ट्रीट लाइटो के चालू बंद होने का कोई समय निर्धारित नही है। यह अधिकांश समय दिन में चालू रहती है तो कई बार रात में बंद हो जाती है
*10 किलोमीटर के दायरे में भी चुकाना पड़ता है टोल टैक्स
नेशनल हाईवे 552 जी पर टोल टैक्स वसूली में भी काफी मनमानी की जा रही है। जिसके चलते टोल नाके पर वाहन चालको का रोज विवाद होता है। हालात ये है कि टोल नाके के 10 किलोमीटर के दायरे में रहने वाले वाहन चालकों भी टोल मेंटैक्स चुकाना पड़ रहा है। सुसनेर से अगर आमला या नलखेड़ा ही जाना होतो टोल टैक्स लिया जाता है। सुसनेर निवासी किसी व्यक्ति की जमीन पगारिया के उस पार है तो उसे वाहन से अपने खेत पर जाने के लिए पहले टोल देना होगा। ऐसे रोज आना जाना करने वालो की तो मुसीबत ही है। बताया जा रहा है की इन किचकिच के कारण कुछ समय मे टोल वसूली करने वाले कई ठेकेदार बदल चुके है
आप इस सम्बंध में बड़े अधिकारी से बात कीजिये। जो की जिला केंद्र आगर में है वही आपको जानकारी दे पाएंगे
संध्या टेले
मैनेजर नेशनल हाईवे
नेशनल हाईवे सड़क निर्माण में क्या हुआ है मुझे नही पता है अगर आपको लगता है तो आप छापिए में कुछ नही बता पाऊँगा
पी के मिश्रा
आर ई आगर