सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ़
इन दिनों खांसी के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। सर्दी के दिनों अक्सर सर्दी-खांसी के मामले बढ़ जाते हैं लेकिन कई बार यह खांसी किसी गंभीर समस्या का संकेत हो सकती है जिसकी पहचान करना बेहद जरूरी है। ऐसे में डॉक्टर बता रहे हैं तो कैसे कर सकते हैं आम खांसी और किसी गंभीर समस्या के कारण हुई खांसी (Persistent Cough) में अंतर।
HighLights
1.बढ़ते प्रदूषण के साथ ही खांसी के मामले भी बढ़ने लगे हैं।
2.आमतौर पर सामान्य खांसी कुछ दिनों में ठीक हो जाती है।
3.हालांकि, लंबे समय तक खांसी होने के गंभीर कारण हो सकते हैं।
इन दिनों वायु प्रदूषण की वजह से सेहत से जुड़ी कई समस्याएं लोगों को अपना शिकार बना रही हैं। दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में हवा का स्तर लगातार खराब होता जा रहा है, जिसकी वजह से सर्दी-खांसी समेत कई समस्याओं के मामले तेजी से बढ़ने लगे हैं। खासकर खांसी (Persistent Cough)के मामलों में इन दिनों तेजी से बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। ऐसे में लोगों के लिए यह पहचानना मुश्किल हो जाता है कि यह नियमित खांसी (Regular Cough) है या प्रदूषण की वजह से हो रही खांसी है।
एक्सस्पर्ट बताते है। कि कैसे नियमित खांसी और प्रदूषण के कारण होने वाली खांसी (cough warning signs) में अंतर कर सकते हैं। साथ ही यह जाना कि इसके लक्षण, कारण और बचाव के तरीके क्यो हो सकते हैं।
कितने दिनों तक रहती है नियमित खांसी
डॉक्टर बताते हैं कि नियमित खांसी आमतौर पर लगभग 4 से 5 दिनों तक रहती है और ज्यादातर इलाज करने पर ठीक हो जाती है। यह किसी संक्रमण या किसी एलर्जी के अचानक संपर्क में आने के कारण हो सकती है, जो दवा लेने पर कम हो सकती है। वहीं, पुरानी खांसी वह खांसी है, जो वयस्कों में आठ हफ्ते से ज्यादा समय तक रहती है। हालांकि, बच्चों में चार हफ्ते या उससे ज्यादा समय तक रहने वाली खांसी को पुरानी खांसी कहा जाता है। पुरानी खांसी पर आमतौर पर सामान्य दवा का असर नहीं करती है और कभी-कभी यह परेशानी की वजह भी बन सकती है। इसके सबसे आम कारणों में प्रदूषण या तंबाकू का इस्तेमाल और अस्थमा हैं।
खांसी के कारण
कभी-कभी कुछ दवाएं भी खांसी का कारण बन सकती हैं और यह सूखी खांसी दवा बंद करने से ही ठीक हो जाती है। हालांकि, कुछ गंभीर कारणों में गले या फेफड़ों का कैंसर शामिल है, जिसमें खांसी बहुत परेशान करने वाली हो जाती है। यहां तक कि इसकी वजह से बलगम में खून भी आ सकता है। संक्रमण के कारण होने वाली खांसी में ज्यादातर पीला या हरा रंग बलगम नजर आता है, जिससे पता चलता है कि व्यक्ति संभवतः बैक्टीरियल इन्फेक्शन से पीड़ित है।
ऐसे में खांसी से छुटकारा पाना जरूरी है कि क्योंकि यह न सिर्फ परेशानी की वजह बन सकती है, बल्कि सिरदर्द, सीने में दर्द या यहां तक कि पसलियों के फ्रैक्चर जैसी गंभीर स्थितियों का कारण भी बन सकती है।
कैसे किया जाता है इनका इलाज
डॉक्टर बताते हैं कि जब कोई मरीज खांसी की समस्या के साथ हमारे पास आता है, तो उसकी जांच और छाती का एक्स-रे, ब्लड टेस्ट, पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट, इकोकार्डियोग्राफी जैसे टेस्ट की मदद से खांसी का सही कारण पता लगाने में मदद मिलती है और कारण पता करने के बाद इलाज करना आसान हो जाता है, लेकिन अगर खांसी बनी रहती है, तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें, क्योंकि खांसी के लिए ओवर-द-काउंटर दवाएं आपको अस्थायी राहत दे सकती हैं, लेकिन लंबे समय तक इन्हें लेने पर आपको नुकसान भी पहुंचा सकती हैं।