सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर
श्रीडूंगरगढ
1.अब तुरंत प्रभाव से व्हाट्सअप पर भेजी फोटो की सच्चाई जान पाएंगे आप, जाने कैसे
व्हाट्सअप दुनिया में सर्वाधिक यूज करने वालों ऐप में से एक है। ऐसे में लगातार इसमें बदलाव हो रहे हैं। यूजर की सेफ्टी को लेकर लगातार अलग-अलग बदलाव किए जा रहे हैं। कंपनी भी यूजर्स के लिए समय समय पर नए अपडेट्स लेकर आती रहती है लेकिन ,कुछ लोग इस ऐप का इस्तेमाल गलत जानकारी और फेक तस्वीरें शेयर करने के लिए करते हैं। यहां तक कि कुछ लोगों को जाल में फंसाकर ठगी भी कर लेते हैं। इसी समस्या से निपटने के लिए अब एक नया फीचर लाने की तैयारी कर रहा है। व्हाट्सअप के इस फीचर की मदद से यूजर्स किसी भी तस्वीर की सच्चाई आसानी से जान सकेंगे। इसका मतलब है कि व्हाट्सएप छोड़े ही आप पता लगा सकेंगे कि कोई तस्वीर असली है या नकली। दरअसल, व्हाट्सएप के एंड्रॉयड बीटा वर्जन में हाल ही में सर्च ऑन वेब नाम का एक नया फीचर जोड़ा गया है। इस फीचर की मदद से यूजर्स गूगल लेंस का इस्तेमाल करके किसी भी तस्वीर की रिवर्स इमेज सर्च कर सकते हैं। ऐसे में यूजर्स को तस्वीर पर क्लिक करना होगा और फिर दाएं कोने में तीन डॉट्स पर क्लिक करना होगा। इससे यूजर को ब्राउजर खोलने या गूगल लेंस ऐप चलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इसके अलावा, WhatsApp एक Custom List फीचर पर भी काम कर रहा है, जिससे यूजर्स अपने पसंदीदा कॉन्टैक्ट्स और ग्रुप्स को एक खास लिस्ट में रख सकेंगे। यह फीचर Android और iOS दोनों यूजर्स के लिए जल्द रोलआउट किया जाएगा फिलहाल वाट्सएप का ये नया फीचर बीटा वर्जन में कुछ चुनिंदा यूजर्स के लिए उपलब्ध है। इस फीचर के सभी यूजर्स के लिए रोल आउट होने में थोड़ा समय लग सकता है। हाल ही में ऐप पर दो नए फीचर्स भी लॉन्च किए थे। पहला फीचर यूजर्स को व्हाट्सएप में ही कॉन्टैक्ट्स सेव करने की सुविधा देता है। वहीं, दूसरे फीचर में इंस्टाग्राम स्टोरीज की रह स्टेटस में लोगों को मेंशन करने की सुविधा मिलती है।
2.आपके बच्चे भी चिपके रहते हैं फोन से तो इन सेटिंग्स से कर पाएंगे कंट्रोल।
तेजी से बढ़ती और बदलती सोशल मीडिया की दुनिया से कोई भी अछुता नही है। ऐसे में ज्यादा ध्यान देने की जरूतर है तो वो है बच्चों पर। आजकल सोशल मीडिया पर अश्लीलता के साथ ऐसी-ऐसी चीजें भी परोसी जा रही है जो कि बच्चों को खराब कर सकती है। ऐसे में कुछ सेंटिंग्स के जरिये बच्चों के फोन चलाने पर लगाम लगा सकती है। स्मार्टफोन ज्यादा यूज करने वाले बच्चों का ध्यान पढ़ाई में नहीं लगाता और ऐसे बच्चे स्वभाव में भी जिद्दी हो जाते हैं। अगर आपके भी घर में बच्चे स्मार्टफोन पर ज्यादा समय बिताते हैं तो आपको भी सावधान रहने की जरूरत है। सोशल मीडिया एप्स पर कई तरह के कंटेंट वायरल होते रहते हैं,कई कंटेंट तो ऐसे होते हैं जो बच्चों के लिए बिल्कुल भी ठीक नहीं होते। आजकल स्मार्टफोन ऐसी चीज हो गई है कि जिसे आप चाह कर भी अवॉइड नहीं कर सकते,लेकिन स्मार्टफोन में कुछ सेटिंग को बदलकर आप उसे बच्चों के यूज के लिए सेफ बना सकते हैं।
आइए जानते हैं कैसे ऑन करें ये सेटिंग्स
स्मार्टफोन में कंटेंट फिल्टरिंग और पैरेंटल कंट्रोल्स का उपयोग बच्चों की सुरक्षा के लिए जरूरी है। गूगल प्ले स्टोर और एप्पल स्टोर में कई ऐसी ऐप्स उपलब्ध हैं जो बच्चों को अनचाहे कंटेंट से बचाती हैं। इसके अलावा यूट्यूब और अन्य सोशल किडस मोड को ऑन कर बच्चों के लिए केवल यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया ऐप्स में ‘किड्स मोड को ऑन कर बच्चों के लिए केवल सुरक्षित सामग्री दिखाई जा सकती है। बच्चों के स्क्रीन टाइम को नियंत्रित करने के लिए स्क्रीन टाइम लिमिट सेट करें स्मार्टफोन में यह सुविधा होती है कि आप एक निश्चित समय के बाद ऐप्स को लॉक कर सकते हैं। इससे बच्चे का सोशल मीडिया पर ज्यादा समय बिताने से रोका जा सकता है और उनकी आंखों पर भी कम दबाव पड़ेगा। स्मार्टफोन में ऐप पिनिंग फीचर का उपयोग करें जिससे बच्चों को केवल एक ऐप तक पहुंच मिल सके और वे अन्य ऐप्स का उपयोग न कर सकें। इसके साथ ही सोशल मीडिया ऐप्स पर पासकोड सेट करें ताकि बच्चों को उन ऐप्स का इस्तेमाल करने के लिए आपकी अनुमति की आवश्यकता हो।सोशल मीडिया ऐप्स से बार-बार आने वाले नोटिफिकेशन बच्चों का ध्यान आकर्षित कर सकते हैं। ऐसे में, उन ऐप्स की नोटिफिकशन को बंद कर दें जिनका बच्चों द्वारा ज्यादा इस्तेमाल किया जा रहा है। इससे बच्चे बार- बार फोन चेक करने से बचेंगे और उनका ध्यान बेहतर तरीके से एकाग्र रहेगा।
3.फोन चोरी करने के बाद बिना सिम और इंटरनेट कनेक्शन के अपना खोया हुआ फोन ट्रैक कर सकते हैं।
फोन चोरी करने के बाद चोर तुरंत सिम निकाल कर फेंक देते हैं ताकि फोन का लोकेशन ट्रैक न किया जा सके ऐसे में यदि सिम निकाल दिया जाए तो फाइंड माई डिवाइस ऑप्शन एक्टिव रहने के बाद भी फोन को ट्रैक नहीं किया जा सकता। हालांकि गूगल ने इस परेशानी का समाधान निकालते हुए अब फाइंड माई डिवाइस फीचर को अपडेट कर दिया है,जिसमें अब आप बिना सिम और इंटरनेट कनेक्शन के अपना खोया हुआ फोन ट्रैक कर सकते हैं। फाइंड माई डिवाइस का अपडेटेड वर्जन सभी नए एंड्राइड स्मार्टफोन पर उपलब्ध है अगर आप इस फीचर का लाभ उठाना चाहते हैं तो फटाफट अपने फोन के ऑपरेटिंग सिस्टम को अपडेट कर लें। इस नए फीचर की मदद से यूजर अपने एंड्रॉइड डिवाइस जैसे कि फोन,टैबलेट, हेडफोन और फोन को बिना सिमकार्ड और एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन के खाज टैबलेट, हेडफोन और फोन को बिना सिम कार्ड और एक्टिव इंटरनेट कनेक्शन के खोज सकते हैं चलिए जानते हैं आप इसे कैसे एक्टिवेट कर सकते हैं। माई डिवाइस की मदद से अब ऑफलाइन डिवाइस को खोजा जा सकता है. इसके लिए डिवाइस माई डिवाइस नेटवर्क में ऐड करना जरूरी होगा। एक बार डिवाइस ऐड कर लेते हैं तो इसके खोने पर दूसरे डिवाइस का सेम गूगल अकाउंट से इस्तेमाल कर इसे खोज सकते हैं।
My Device network में ऐसे ऐड करें डिवाइस
1.फोन में Find My Device app ओपन करें
2.और गूगल अकाउंट से साइन-इन करें।
3.स्क्रीन पर टॉप राइट कॉर्नर पर प्रोफाइल आइकन पर टैप करें।
4.अब Find My Device Settings पर टैप करना होगा।
5.अब Find Your Offline Device पर टैप करना होगा।
6.अब with network in all areas सेलेक्ट करना होगा।
Find My Device का ऐसे करें इस्तेमाल
1.सबसे पहले किसी फोन में पने गूगल अकाउंट से साइन-इन कर Find My Device app ओपन करना होगा।
2.अब जिस डिवाइस को खोजना चाह रहे हैं उसे
स्क्रीन पर सेलेक्ट करना होगा।
3.अब ‘Find nearby’ नजर आएगा, इस पर टैप करना होगा।
4.अब एक नई स्क्रीन के साथ खोए हुए डिवाइस को लेकर जानकारी मिलेगी। जैसे-जैसे आप डिवाइस के पास जाते जाएंगे
5.रिंग कलर से भरती हुई नजर आएगी।
6. डिवाइस पास हुआ तो आप डिवाइस की लोकेशन भी जान सकते हैं।
7. डिवाइस पास हुआ तो आप ऐप की मदद की डिवाइस की लोकेशन भी जान सकते हैं।
4.ध्यान रहें व्हाट्सअप यूजर ना करें ये काम कभी अन्यथा जाना पड़ सकता है जेल भी
व्हाट्सअप आज की दुनिया में बेहद जरूरी बनता जा रहा है। जिसके चलते कई लोग इसका दुरूपयोग भी कर रहे हैं। ऐसे में सावधान रहने की जरूरत है अन्यथा कभी भी आप फस सकते हैं और जेल तक भी जाना पड़ सकता है। कई बार उपयोगकर्ता अनजाने में ऐसे संदेश और मैसेज/वीडियो शेयर कर देते हैं जो कानूनी तौर पर गलत होती हैं। कई देशों में, इनमें भारत भी शामिल है, ऐसे मामलों पर कड़े कानून लागू किए गए हैं, और इन कानूनों का उल्लंघन करने पर जेल की सजा तक हो सकती है। किसी भी प्रकार की आपत्तिजनक सामग्री जैसे कि अश्लील वीडियो, चित्र, या हिंसा और नफरत भरे संदेश भेजना एक गंभीर अपराध माना जाता है। आईटी एक्ट के तहत अश्लील सामग्री का प्रसार गैरकानूनी है और इस पर कठोर दंड का प्रावधान है व्हाट्सएप पर गलत जानकारी और अफवाहों को तेजी से फैलने की प्रवृत्ति होती है,जो कभी-कभी समाज में अशांति या दहशत फैला सकती है। इस तरह की फेक न्यूज या झूठी जानकारी भेजने पर आप पुलिस की निगरानी में आ सकते हैं। व्हाट्सऐप पर धार्मिक विषयों पर गलत जानकारी आपत्तिजनक टिप्पणी,या चित्र भेजना सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ सकता है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना कानूनन अपराध है और इसके लिए जेल की सजा हो सकती है किसी को धमकी देना, या धमकी भरे संदेश भेजना भी गंभीर अपराध है। चाहे यह व्यक्तिगत रूप से हो या समूह में, इस तरह के संदेश भेजने पर कानूनी कार्रवाई हो सकती है। किसी भी प्रकार की संवेदनशील या गोपनीय सरकारी जानकारी को व्हाट्सऐप पर साझा करना अपराध है। इस तरह की जानकारी सार्वजनिक करना राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर सकता है और इसके लिए जेल की सजा का प्रावधान है। इसीलिए व्हाट्सऐप पर कुछ भी शेयर करने से पहले यह जरूर चेक करें कि कहीं वह कानून के खिलाफ तो नहीं है।
5.नई आफत बनकर सामने आ रहा डिजीटल अरेस्ट, आप भी हो जाएं सावधान, ध्यान रखें इन बातों का
हाल ही में कुछ समय से डिजिटल अरेस्ट शब्द बार बार सुर्खियों में आ रहा है। इसकी वजह से कई अमीर लोगों को डिजिटल अरेस्ट के नाम पर लाखों और करोड़ों रुपये तक का नुकसान झेलना पड़ रहा है। यहां तक कि खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस स्कैम को लेकर एक चेतावनी जारी की है। जी हां यह एक प्रकार की साइबर ठगी है। यह लोगों का शोषण करने के लिए एक नया और खतरनाक तरीका है। इस शब्दावली के दो हिस्से हैं डिजिटल अरेस्ट और स्कैम या ठगी। इसमें अक्सर फोन पर या ऑनलाइन संचार के माध्यम से डिजिटल माध्यम से किसी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का झूठा दावा करते हैं। मकसद केवल लोगों में दहशत का माहौल पैदा करना है जिसके बाद पीडित व्यक्ति को यह यकीन दिलाया जाता है कि वह आपराधिक गतिविधियों में शामिल है और आखिरकार उनसे बड़ी रकम ऐंठ ली जाती है। इस पूरी प्रक्रिया को बहुत ही नियोजित तरीके से अपनाया जाता है, जिससे वारदात होने के बाद पीडित व्यक्ति कभी अपराध की रिपोर्ट ना कर सके। यह कई तरीकों से हो सकता है लेकिन इसमें सबसे अहम बात यही होती है कि फंसे हुए व्यक्ति को धमकी या लालच देकर घंटों या कई दिनों तक कैमरे के सामने बने रहने के लिए मजबूर किया जाता है जिससे वह घबराहट में अपनी कई निजी जानकारी दे देता है जिसका इस्तेमाल कर उसके अकाउंट पैसा निकालना उसके नाम से फर्जी काम भी किए जाते हैं और कैश रकम लेना तो इसमें शामिल ही रहता है। पूरे स्कैम की शुरुआत का सरल मैसेज, ईमेल, या व्हाट्सऐप संदेश से होती है। जिसमें दावा किया जाता है कि पीडित व्यक्ति किसी तरह की आपराधिक गतिविधियों में संलग्न है। इसके बाद उसे वीडियो या फोन कॉल करके कुछ खास प्रक्रिया से गुजरने के लिए दबाव डाला है और पुष्टि के लिए कई तरह की जानकरियां भी मांगी जाती हैं। ऐसे कॉल करने वाले खुद को पुलिस, नॉरकोटिक्स, साइबर सेल पुलिस, इनकमटैक्स या सीबीआई अधिकारियों की तरह पेश करते है। बाकायदा किसी ऑफिस से यूनिफॉर्म में काल अधिकारियों की तरह पेश करते हैं। वे बाकायदा किसी ऑफिस से यूनिफॉर्म में कॉल करते हैं।इसके बाद पीडित पर गलत आरोप लगा कर उसे तनाव में लाते हुए उस पर कानूनी कार्रवाई करने की धमकी दी जाती है और दावा किया जाता है कि पूछताछ होने के दौरान उसे वीडियो कॉल पर ही रहना होगा और वह किसी और से बातचीत नहीं कर सकता है, जब तक कि उसके दस्तावेज आदि की पुष्टि नहीं होती है। यहीं पर पीडित को बेचैन कर तनाव लाया जाता है जिसके बाद तमाम जानकारी हासिल करने के बाद उससे मामला शांत करने के लिए बातचीत की जाती है जिसमें उसे बड़ी रकम देने को कहा जाता है। ये पैसे ऐसे अक में बातचीत की जाती है जिसमें उससे बड़ी रकम देने को कहा जाता है। ये पैसे ऐसे अकाउंट में डलवाए जाते हैं जिनका अपराधियों की पहचान से कोई लेना देना नहीं होता है और पैसा भी वहां से तुरंत निकाल कर ये लोग गायब हो जाते हैं। यह डिजिटल अरेस्ट इंटरनेट के जरिए ब्लेक मेल से कहीं ज्यादा और खतरनाक है क्योंकि इसमें पैसे साथ साथ संवेदनशील जानकारियां भी हासिल कर ली जाती है। इसमें बैंक अकाउंट नंबर,क्रेडिट कार्ड नंबर पासवर्ड आदि शामिल हैं। यहां गौर करने वाली बात ये है कि हमारे देश में इस तरह से किसी भी प्रकार की पूछताछ,जांच,या गिरफ्तारी का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है। एक्सपर्ट सलाह देते हैं कि इस तरह के मामलों में निजी जानकारी ना दें। किसी भी हालत में पैसा कहीं भी ट्रांसफर ना करें, और मामले की पूरी जानकारी पुलिस को दें।
6.आइफोन एंडॉयड यूजर कर सकते है। बैटरी हेल्थ चैक ओर सीक्रेट कोड जानकारी
आईफोन में बैटरी हैल्थ चैक को लेकर हर कोई उत्साहित रहता है। फोन हाथ में लेते ही देखता है कि बैटरी हैल्थ कैसी है लेकिन हम आपको बता दे कि एंड्रायड यूजर भी ऐसा कर सकते हैं। दरअसल, किसी भी स्मार्टफोन के लिए कुछ सीक्रेट कोड्स भी होते हैं जिन्हें शायद आप न जानते हों। आज हम आपको कुछ जरूरी सीक्रेट कोड्स की जानकारी देने वाले हैं जो आपको याद रखने चाहिए। कई बार ये सीक्रेट कोड्स बेहद काम आते हैं ये दो तरह के सीक्रेट कोड अनस्ट्रक्चर्ड सप्लीमेंट्री सर्विस डेटा और मेन मशीन इंटरफेस होते हैं। यूएसएसडी एक कैरियर स्पेसिफिक कोड होता है जो आपको नेटवर्क कैरियर के बारे में जानकारी देता है। वहीं, एमएमआई मॉडल और ब्रांड स्पेसिफिक होता है। ऐसे में यएसएसडी सिम कार्ड बैलेंसर एमएमआई मॉडल और ब्रांड स्पेसिफिक होता है। ऐसे में यूएसएसडी सिम कार्ड बैलेंस और सर्विसेज की जानकारी देता है और एमएमआई स्मार्टफोन के सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर संबंधी जानकारियों को देता है।
*#06# – यह कोड डिवाइस का IMEI नंबर दिखाएगा।
# – स्मार्टफोन की बैटरी, इंटरनेट,वाईफाई की जानकारी इस सीक्रेट कोड से पता कर सकते हैं।
##34971539## फोन की कैमरे की जानकारी इस कोड से पता कर सकते हैं। इस कोड से यह भी पता चल जाएगा की आप को कैमरा ठीक से काम कर रहे है।
*#07# – यह कोड डिवाइस की (SAP कैमरा ठीक से काम कर रहा है या नहीं।
*#07# – यह कोड डिवाइस की (SAR) वैल्यू दिखाता है।
*#*#426#*#* – यह कोड गूगल प्ले सर्विस की जानकारी दिखाता है।
*#*#1234#*#* यह डिवाइस का पीडीए सॉफ्टवेयर वर्जन को बताता है।
* #12580*369# – यह और हार्डवेयर के बारे में बताता है।
*#12580*369# यह कोड सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर के बारे में बताता है।
*#7465625# – यह कोड डिवाइस की लॉक स्टेटस के बारे में बताएगा।
*#*#2663#*#* – यह कोड आपके डिवाइस का टचस्क्रीन वर्जन की जानकारी देता है।
*#*#3264#*#* – यह इस सीक्रेट काड आपके डिवाइस का रैम वर्जन के बारे में बताता है।
7.व्हाट्सअप की चैटिंग होगी और भी मजेदार, रहेगी सुरक्षा भी, करें ये काम
दुनियाभर में तेजी से बढ़ती डिजीटल क्रांति लगातार नए- नए तरीके इजाद कर रही है। जो कि इस आधुनिक दुनिया को और भी रोमांच के साथ- साथ परेशानिया भी उत्पन्न कर रही है। ऐसे में व्हाट्सअप पर मौजूद कई छोटे-छोटे ट्रिक से आप अपनी सुरक्षा के साथ चैटिंग को मजेदार बना सकते हैं। मैसेज को बोल्ड, इटैलिक या स्ट्राइकथ्रू बनाना अपने दोस्तों को प्रभावशाली मैसेज भेजने के लिए, आप व्हाट्सअप में टेक्स्ट को बोल्ड, इटैलिक, या स्ट्राइकथूर बना सकते हैं. इसके लिए:बोल्ड टेक्स्ट के लिए, टेक्स्ट को * (स्टार) से घेरें, जैसे: हैलो हैलो के आगे और पीछे स्टार लगा दे तो बोल्ड हो जाएगा। वहीं अगर शब्दों की संख्या ज्यादा हो तो हर शब्द के बीच में डेस लगाते जाए और लाइन खत्म होने पर स्टार लगा देने से वो पुरी लाइन बोल्ड हो जाएगी। लास्ट सीन और प्रोफाइल फोटो को हाइड करना अगर आप अपनी प्राइवेसी को बढ़ाना चाहते हैं, तो आप अपने लास्ट सीन,प्रोफाइल फोटो,और स्टेटस को केवल चुनिदा लोगो से साझा कर सकते हैं।इसके लिए सेटिंग्स में जाकर “प्राइवेसी” ऑप्शन में बदलाव कर सकते है। इससे आप चुन सकते हैं कि कौन आपकी जानकारी देख सकता है और कौन नहीं।
स्टार मैसेज के जरिए खास मैसेज सेव करना
यदि आपको किसी खास मैसेज को बाद में ढूंढने में दिक्कत होती है, तो आप उस मैसेज को स्टार कर सकते हैं। मैसेज पर लंबा टैप कर उसे “स्टार” करें. बाद में “स्टार मैसेज” ऑप्शन से उसे जल्दी ढूंढ सकते हैं।
ऑटोमेटिक रिप्लाई सेट करना
अगर आप हमेशा व्हाट्सप का इस्तेमाल नहीं कर सकते तो “ऑटो रिप्लाई” का उपयोग अगर आप हमेशा व्हाट्सअप का इस्तेमाल नहीं कर सकते तो “ऑटो रिप्लाई” का उपयोग कर सकते हैं हालांकि ये फीचर मुख्यतः व्हाटसअप बिजनेस में मिलता है, लेकिन आप थर्ड-पार्टी ऐप्स का भी सहारा ले सकते हैं। इससे जरूरी मैसेज का उत्तर अपने आप भेजा जा सकता है।
लॉक चैट
अब आप अपनी प्राइवेसी के लिए चैट को लॉक् कर सकते हैं। चिन्हित किए गए सभी चैट लॉक के साथ-साथ हाइड भी कर सकते हैं। जिसके बाद लॉक की गई चैट को कोई नहीं देख पाएगा वहीं दूसरी ओर स्टेटस को लेकर भी नया फीचर आया है कि आप जिससे ज्यादा चैट करेंगे। उसका व्हाट्सअप स्टेटस सबसे आगे दिखाई देने लगेगा।