पठानकोट पंजाब: रिपोर्ट समीर गुप्ता ब्यूरो चीफ — महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर सरगर्मी जोरों पर है। ऐसा पहली बार हो रहा है कि राज्य में छह क्रोनिए मुकाबला होने जा रहा है। एक तरफ भाजपा के नेतृत्व में शिव सेना शिंदे गरूप और एनसीपी अजीत पवार धड़ा है और दूसरी तरफ कांग्रेस के नेतृत्व में शिव सेना उद्धव ठाकरे और एनसीपी शरद पवार का धड़ा है। यानी मुकाबला महायुति और महाविकास अगाड़ी के बीच है। यहां गौरतलब है कि शिव सेना उद्धव ठाकरे की विचारधारा और वोट बैंक की राजनीति यानी हिंदूत्वा का मुद्दा कहीं न कहीं भाजपा के साथ मेल खाता है और यह माना जाता है कि बाला साहेब ठाकरे के शिव सैनिक की सोच कांग्रेस, एनसीपी की विचारधारा यानी सेक्यूलर मानसिकता से मेल नही खाती है और इसी को लेकर यह कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि महाराष्ट्र में हंग असैम्बली होती है तो शिव सेना उद्धव ठाकरे गरूप भाजपा के साथ जा सकता है यदि उन्हें वहां पर उचित सम्मान मिले यानी कि मुख्यमंत्री पद अथवा केंद्र सरकार में बराबर की हिस्सेदारी। गौरतलब है कि बाला साहेब ठाकरे ने अपने जीवन काल में कहा था कि वे कभी भी कांग्रेस के साथ मिलकर सत्ता नही चलाएंगे क्योंकि उनकी सोच कांग्रेस से कहीं भी मेल नही खाती है