गो अभयारण्य मालवा के 16.5 KM गोचर(ओरण ) की प्रथम परिक्रमा 14 नवम्बर को- स्वामी गोपालानंद सरस्वती
सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित गो रक्षा वर्ष के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 219 वे दिवस पर स्वामी गोपालानंद जी सरस्वती ने बताया कि महाराजा रणजीत सिंह, सिख साम्राज्य के संस्थापक थे. उनका जन्म आज ही के दिन 13 नवंबर, 1780 को पंजाब के गुजरांवाला (अब पाकिस्तान) में हुआ था । रणजीत सिंह को शेर-ए-पंजाब के नाम से भी जाना जाता है. बचपन में चेचक से पीड़ित लोगों की देखभाल करते समय रणजीत सिंह ने अपनी बाईं आंख की रोशनी खो दी थी.
रणजीत सिंह ने अफ़ग़ानों के ख़िलाफ़ कई लड़ाइयां लड़ीं और उन्हें पंजाब से बाहर निकाल दिया ओर पेशावर समेत पश्तून क्षेत्र पर अपना कब्ज़ा किया.
रणजीत सिंह ने पटना साहिब और तख्त सिंह हजूर साहिब का निर्माण के साथ साथ अमृतसर के हरमंदिर साहिब गुरुद्वारे में संगमरमर लगवाया और सोना मंढवाया.
महाराज जी ने बताया कि आज विश्व दयालुता दिवस भी है और गायमाता मनुष्य को दयालु बना सकती हैं क्योंकि गायमाता स्वयं दयालु है और विश्व दयालुता दिवस पर भगवती गोमाता से प्रार्थना करते है कि हैं ! मां हमें आपकी शरण में लेकर हम पर दयालुता प्रदान करें क्योंकि आप स्वयं दयालुता की प्रतिमूर्ति है इसलिए आप हम पर दयालुता प्रदान कीजिए।
*पूज्य स्वामीजी ने कार्तिक शुक्ल चतुर्दशी पर ओरण(गोचर भूमि) की परिक्रमा का महत्त्व बताते हुए कहां कि इस दिन की परिक्रमा यात्रा भगवती करणी माता को समर्पित होती है और देशनोक में 10,000 बीघा गोचर भूमि की परिक्रमा हजारों श्रद्धालु करते है और साक्षात भगवान भी इस यात्रा में रहते है । एशिया के प्रथम गो अभयारण्य में 14 नवम्बर,गुरुवार को सायंकाल 04 बजे से विश्व के प्रथम गो अभयारण्य की 16.5 KM की श्री सुरभि संकीर्तन के साथ पहलीबार परिक्रमा हो रही है, जिसमें राजगढ़ लोकसभा क्षैत्र के सांसद रोडमल जी नागर भी उपस्थित रहेंगे और परिक्रमा यात्रियों का कल सायंकाल का भोजन प्रसाद भी परिक्रमा मार्ग में ही रहेगा।
219वे दिवस की गो कृपा कथा में श्री रामकृष्ण सेठिया ने अपने सुपुत्र संदीप सेठिया के जन्मदिवस पर पत्नी श्रीमती शान्ति देवी सेठिया श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा के आजीवन न्यासी बने एवं आनन्द योग मित्र मण्डल के वरिष्ठ सदस्य व राष्ट्रीय स्वयंसेवक के वरिष्ठ स्वयंसेवक द्वारका प्रसाद लड्डा एवं भारतीय किसान संघ दिल्ली के कार्यकर्ता बृजेंद्र को गो नवरात्रि महामहोत्सव में सेवा कार्य करने के उपलक्ष में पूज्य महाराज जी ने भगवतीर गोमाता की छवि देकर आशीर्वाद प्रदान किया
*219 वे दिवस पर चुनरीयात्रा मध्यप्रदेश के राजगढ जिले से *
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 219 वें दिवस पर चुनरी यात्रा मध्यप्रदेश के राजगढ़ जिले के खिलचपुर तहसील के छापीहेडा ग्राम से सेठिया परिवार से रामकृष्ण सेठिया उर्फ दीपक सेठिया ने अपने सुपुत्र संदीप सपन के जन्मदिवस पर अपनी श्रीमती शान्ति देवी सेठिया व भतीजे द्वारका प्रसाद व श्रीमती विनीता देवी सेठिया एवं सुपुत्र संदीप सपन ने खाकरा वाले देवताओं के निमित अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।
चित्र 1 : गोकथा सुनाते स्वामी गोपालानंद सरस्वती।
चित्र 2 : गोकथा में उपस्थित गौभक्त।
चित्र 3,4 : गोकथा में गोमाता को चुनड़ ओढाते गोभक्त ।
चित्र 5,6 : चुनरी यात्रा में आए गोभक्तो को सम्मानित करते महोत्सव के कार्यकर्ता
चित्र 7 : गो पुष्टि पूजन करते गो भक्त ।
चित्र 8 : गोमाता के लिए चुनड़ लाते गोभक्त