खबरदार: अगर पराली जलाए तो भरना पड़ेगा भारी भरकम जुर्माना
अगर आप भी पराली जलाने के लिए सोच रहे हैं तो, यह सोच अपने दिमाग से निकाल दीजिए। वर्ना पछताने की सिवा कुछ नहीं रहेगा। अगर आप ने पराली जलाया तो,आपसे भारी भरकम जुर्माना वसूल किया जाएगा,और तो और मुकदमा भी झेलना पड़ेगा।प्रशासन सेटलाइट से नजर रख रही है,साथ ही साथ कंबाइन मशीनों को भी सीज करने का आदेश जारी हुआ है।
महराजगंज, 11 नवंबर:
शिवरतन कुमार गुप्ता “राज़”
पराली जलाने की घटनाओं पर प्रभावी अंकुश लगाने के लिए महराजगंज जिलाधिकारी अनुनय झा ने आज एक अहम बैठक आयोजित की। जिसमें उन्होंने चारों तहसील क्षेत्र के एस.डी.एम., बीडीओ और कृषि विभाग के अधिकारियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की और पराली जलाने की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने का सख्त निर्देश दिया है।
महराजगंज जिलाधिकारी अनुनय झा ने संबंधित अधिकारियों से साफ – साफ कहा है कि, पराली जलाने के मामलों में विधिक कार्रवाई की जाए।
उन्होंने चारों तहसील क्षेत्र के उपजिलाधिकारियों को अपने क्षेत्र के लेखपालों को सक्रिय करने और पराली जलाने वाले किसानों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा है कि, उन कंबाइन मशीनों को तत्काल सीज कर दिया जाए जो बिना पराली प्रबंधन प्रणाली के चल रही हैं।
पराली जलाने वालों पर निर्धारित जुर्माना व विधिक दंड प्रक्रिया के तहत कार्रवाई करने की बात कही है।
जिलाधिकारी ने कहा कि, पराली जलाना केवल पर्यावरण के लिए ही हानिकारक नहीं है, बल्कि यह लोक व्यवस्था के लिए भी गंभीर समस्या बन गया है।
पर्यावरण समस्या बढ़ने से स्वास्थ्य पर प्रतिकूल असर पड़ता है, साथ ही धुएं के कारण जनजीवन अस्त-व्यस्त हो जाता है।
उन्होंने कृषि विभाग के उपनिदेशक को निर्देशित करते हुए कहा कि – सचल दल को तुरंत सक्रिय किया जाए।
जिलाधिकारी ने प्रत्येक न्याय पंचायत स्तर पर गोष्ठियों का आयोजन करने का कड़ा निर्देश दिया।
जिलाधिकारी ने ग्राम प्रधानों से यह सुनिश्चित करने को कहा है कि, क्षेत्र में किसी भी कीमत पर पराली जलाने की घटनाएं न हो। साथ ही, किसानों को पराली जलाने के दुष्परिणामों से अवगत कराते हुए उन्हें वैकल्पिक उपायों के लिए प्रेरित किया जाए। उन्होंने कंबाइन मालिकों से बैठक करने का भी निर्देश दिया, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि कंबाइन मशीन में सुपर स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम (SMS) का उपयोग किया जाए, या फिर खेतों में फसल अवशेष प्रबंधन यंत्रों का प्रयोग अनिवार्य रूप से हो।
सैटेलाइट निगरानी से होगी सख्ती
बैठक के दौरान जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि अब सैटेलाइट से पराली जलाने की घटनाओं पर नजर रखी जा रही है। जिले के सभी स्तरों पर प्रशासनिक अधिकारियों को इस पर नजर रखने की जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। समस्त थानाध्यक्षों को पराली जलाने की घटनाओं की रोकथाम के लिए क्षेत्र में लगातार भ्रमण करने के निर्देश दिए गए हैं।
सैटेलाइट से निगरानी के दौरान पराली जलाने की घटना सामने आने पर कृषि और राजस्व विभाग के कर्मचारी घटना का सत्यापन करेंगे। इसके बाद, राष्ट्रीय हरित अधिकरण अधिनियम के तहत पर्यावरण क्षतिपूर्ति की वसूली की जाएगी।
2 एकड़ से कम क्षेत्र में पराली जलाने पर 2,500 रुपये, 2 से 5 एकड़ तक के क्षेत्र में 5,000 रुपये और 5 एकड़ से अधिक क्षेत्र में 15,000 रुपये तक पर्यावरण क्षतिपूर्ति वसूली का प्रावधान है।
कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा किसानों को इस बात के लिए प्रेरित किया जा रहा है कि वे पराली जलाने के बजाय कृषि अवशेषों का प्रबंधन सही तरीके से करें। साथ ही, उन्हें यह भी बताया जा रहा है कि यदि वे कंबाइन मशीन में सुपर एस.एम.एस. (स्ट्रा मैनेजमेंट सिस्टम) का प्रयोग नहीं करते हैं तो वे दंडात्मक कार्यवाही के अंतर्गत आएंगे।
ग्राम प्रधानों और पंचायत अधिकारियों को यह कड़ा निर्देश दिया गया है कि, वे किसी भी हालत में अपने क्षेत्रों में पराली जलने की घटनाओं को न होने दें और इसके लिए सभी किसानों को एक बैठक कर संदेश दें।
जिलाधिकारी के इन निर्देशों से यह स्पष्ट है कि प्रशासन पराली जलाने की घटनाओं पर अब कोई ढिलाई नहीं बरतेगा और सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी ताकि पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने की इन गतिविधियों पर काबू पाया जा सके।
सत्यार्थ वेब न्यूज
शिवरतन कुमार गुप्ता “राज़”
महराजगंज