सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
*दिनांक:- 09/11/2024, शनिवार*
अष्टमी, शुक्ल पक्ष,
कार्तिक
“”””””””””””””””””””””””””””””””””””(समाप्ति काल)
तिथि———– अष्टमी 22:44:32 तक
पक्ष———————— शुक्ल
नक्षत्र———– श्रवण 11:46:41
योग————– गण्ड 06:37:22
योग————– वृद्वि 28:21:58
करण——- विष्टि भद्र 11:24:19
करण————- बव 22:44:32
वार———————- शनिवार
माह———————- कार्तिक
चन्द्र राशि——- मकर 23:26:42
चन्द्र राशि—————– कुम्भ
सूर्य राशि——————- तुला
रितु———————— हेमंत
आयन—————–दक्षिणायण
संवत्सर (उत्तर)————- कालयुक्त
विक्रम संवत—————- 2081
गुजराती संवत————– 2081
शक संवत—————— 1946
कलि संवत—————– 5125
वृन्दावन
सूर्योदय————– 06:36:55
सूर्यास्त—————-17:28:49
दिन काल———— 10:51:53
रात्री काल————- 13:08:51
चंद्रोदय————– 13:12:45
चंद्रास्त—————- 24:18:34
लग्न—- तुला 22°55′ , 202°55′
सूर्य नक्षत्र————— विशाखा
चन्द्र नक्षत्र—————— श्रवण
नक्षत्र पाया——————- ताम्र
*🚩💮🚩 पद, चरण 🚩💮🚩*
खो—- श्रवण 11:46:41
गा—- धनिष्ठा 17:37:42
गी—- धनिष्ठा 23:26:42
गु—-धनिष्ठा 29:13:42
*💮🚩💮 ग्रह गोचर 💮🚩💮*
ग्रह =राशी , अंश ,नक्षत्र, पद
==========================
सूर्य= तुला 22°45, विशाखा 1 ती
चन्द्र=मकर 20°30 , श्रवण 4 खो
बुध =वृश्चिक 14°52 ‘ अनुराधा 4 ने
शु क्र= धनु 02°05, मूल’ 1 ये
मंगल=कर्क 07°30 ‘ पुष्य ‘ 2 हे
गुरु=वृषभ 25°30 मृगशिरा, 1 वे
शनि=कुम्भ 18°50 ‘ शतभिषा , 4 सू
राहू=(व) मीन 10°10 उo भा o, 3 झ
केतु= (व)कन्या 10°10 हस्त 1 पू
*🚩💮🚩 शुभा$शुभ मुहूर्त 💮🚩💮*
राहू काल 09:20 – 10:41 अशुभ
यम घंटा 13:24 – 14:46 अशुभ
गुली काल 06:37 – 07: 58अशुभ
अभिजित 11:41 – 12:25 शुभ
दूर मुहूर्त 08:04 – 08:47 अशुभ
वर्ज्यम 15:41 – 17:14 अशुभ
प्रदोष 17:29 – 20:09 शुभ
🚩पंचक 23:27 – अहोरात्र अशुभ
चोघडिया, दिन
काल 06:37 – 07:58 अशुभ
शुभ 07:58 – 09:20 शुभ
रोग 09:20 – 10:41 अशुभ
उद्वेग 10:41 – 12:03 अशुभ
चर 12:03 – 13:24 शुभ
लाभ 13:24 – 14:46 शुभ
अमृत 14:46 – 16:07 शुभ
काल 16:07 – 17:29 अशुभ
चोघडिया, रात
लाभ 17:29 – 19:07 शुभ
उद्वेग 19:07 – 20:46 अशुभ
शुभ 20:46 – 22:25 शुभ
अमृत 22:25 – 24:03* शुभ
चर 24:03* – 25:42* शुभ
रोग 25:42* – 27:20* अशुभ
काल 27:20* – 28:59* अशुभ
लाभ 28:59* – 30:38* शुभ
होरा, दिन
शनि 06:37 – 07:31
बृहस्पति 07:31 – 08:26
मंगल 08:26 – 09:20
सूर्य 09:20 – 10:14
शुक्र 10:14 – 11:09
बुध 11:09 – 12:03
चन्द्र 12:03 – 12:57
शनि 12:57 – 13:52
बृहस्पति 13:52 – 14:46
मंगल 14:46 – 15:40
सूर्य 15:40 – 16:34
शुक्र 16:34 – 17:29
होरा, रात
बुध 17:29 – 18:35
चन्द्र 18:35 – 19:40
शनि 19:40 – 20:46
बृहस्पति 20:46 – 21:52
मंगल 21:52 – 22:58
सूर्य 22:58 – 24:03
शुक्र 24:03* – 25:09
बुध 25:09* – 26:15
चन्द्र 26:15* – 27:20
शनि 27:20* – 28:26
बृहस्पति 28:26* – 29:32
मंगल 29:32* – 30:38
*🚩 उदयलग्न प्रवेशकाल 🚩*
तुला > 03:54 से 06: 06 तक
वृश्चिक > 06:06 से 08:32 तक
धनु > 08:32 से 10:44 तक
मकर > 10:44 से 13:36 तक
कुम्भ > 13:36 से 14: 04 तक
मीन > 14:04 से 15:36 तक
मेष > 15:36 से 17:00 तक
वृषभ > 17:00 से 19:04 तक
मिथुन > 19:04 से 21:12 तक
कर्क > 21:12 से 23:44 तक
सिंह > 23:44 से 01:40 तक
कन्या > 01:40 से 03:52 तक
*🚩विभिन्न शहरों का रेखांतर (समय)संस्कार*
(लगभग-वास्तविक समय के समीप)
दिल्ली +10मिनट——— जोधपुर -6 मिनट
जयपुर +5 मिनट—— अहमदाबाद-8 मिनट
कोटा +5 मिनट———— मुंबई-7 मिनट
लखनऊ +25 मिनट——–बीकानेर-5 मिनट
कोलकाता +54—–जैसलमेर -15 मिनट
*नोट*— दिन और रात्रि के चौघड़िया का आरंभ क्रमशः सूर्योदय और सूर्यास्त से होता है।
प्रत्येक चौघड़िए की अवधि डेढ़ घंटा होती है।
चर में चक्र चलाइये , उद्वेगे थलगार ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार करे,लाभ में करो व्यापार ॥
रोग में रोगी स्नान करे ,काल करो भण्डार ।
अमृत में काम सभी करो , सहाय करो कर्तार ॥
अर्थात- चर में वाहन,मशीन आदि कार्य करें ।
उद्वेग में भूमि सम्बंधित एवं स्थायी कार्य करें ।
शुभ में स्त्री श्रृंगार ,सगाई व चूड़ा पहनना आदि कार्य करें ।
लाभ में व्यापार करें ।
रोग में जब रोगी रोग मुक्त हो जाय तो स्नान करें ।
काल में धन संग्रह करने पर धन वृद्धि होती है ।
अमृत में सभी शुभ कार्य करें ।
*दिशा शूल ज्ञान————-पूर्व*
परिहार-: आवश्यकतानुसार यदि यात्रा करनी हो तो लौंग अथवा कालीमिर्च खाके यात्रा कर सकते है l
इस मंत्र का उच्चारण करें-:
*शीघ्र गौतम गच्छत्वं ग्रामेषु नगरेषु च l*
*भोजनं वसनं यानं मार्गं मे परिकल्पय: ll*
*🚩 अग्नि वास ज्ञान -:*
*यात्रा विवाह व्रत गोचरेषु,*
*चोलोपनिताद्यखिलव्रतेषु ।*
*दुर्गाविधानेषु सुत प्रसूतौ,*
*नैवाग्नि चक्रं परिचिन्तनियं ।।* *महारुद्र व्रतेSमायां ग्रसतेन्द्वर्कास्त राहुणाम्*
*नित्यनैमित्यके कार्ये अग्निचक्रं न दर्शायेत् ।।*
8 + 7 + 1 = 16 ÷ 4 = 0 शेष
मृत्यु लोक पर अग्नि वास हवन के लिए शुभ कारक है l
*🚩💮 ग्रह मुख आहुति ज्ञान 💮🚩*
सूर्य नक्षत्र से अगले 3 नक्षत्र गणना के आधार पर क्रमानुसार सूर्य , बुध , शुक्र , शनि , चन्द्र , मंगल , गुरु , राहु केतु आहुति जानें । शुभ ग्रह की आहुति हवनादि कृत्य शुभपद होता है
शुक्र ग्रह मुखहुति
*💮 शिव वास एवं फल -:*
8 + 8 + 5 = 21 ÷ 7 = 0 शेष
शमशान वास = मृत्यु कारक
*🚩भद्रा वास एवं फल -:*
*स्वर्गे भद्रा धनं धान्यं ,पाताले च धनागम:।*
*मृत्युलोके यदा भद्रा सर्वकार्य विनाशिनी।।*
प्रातः 11:20 तक समाप्त
पाताल लोक = धनलाभ कारक
*💮🚩 विशेष जानकारी 🚩💮*
*गोपाष्टमी
*सर्वार्थ सिद्धि योग 11:47 तक
*पंचक प्रारम्भ रात्रि 23:23 से
*💮🚩💮 शुभ विचार 💮🚩💮*
धर्मार्थकाममोक्षेषु यस्यैकोऽपि न विद्यते ।
जन्मजन्मनि मर्त्येष मरणं तस्य केवलम् ।।
।। चा o नी o।।
जो व्यक्ति निम्नलिखित बाते अर्जित नहीं करता वह बार बार जनम लेकर मरता है.
१. धर्म
२. अर्थ
३. काम
४. मोक्ष
*🚩💮🚩 सुभाषितानि 🚩💮🚩*
गीता -: विश्वरूपदर्शनयोग अo-11
त्वमक्षरं परमं वेदितव्यंत्वमस्य विश्वस्य परं निधानम्।,
त्वमव्ययः शाश्वतधर्मगोप्ता सनातनस्त्वं पुरुषो मतो मे।।
आप ही जानने योग्य परम अक्षर अर्थात परब्रह्म परमात्मा हैं।, आप ही इस जगत के परम आश्रय हैं, आप ही अनादि धर्म के रक्षक हैं और आप ही अविनाशी सनातन पुरुष हैं।, ऐसा मेरा मत है॥,18॥,
*💮🚩 दैनिक राशिफल 🚩💮*
देशे ग्रामे गृहे युद्धे सेवायां व्यवहारके।
नामराशेः प्रधानत्वं जन्मराशिं न चिन्तयेत्।।
विवाहे सर्वमाङ्गल्ये यात्रायां ग्रहगोचरे।
जन्मराशेः प्रधानत्वं नामराशिं न चिन्तयेत ।।
🐏मेष-यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। रोजगार मिलेगा। अप्रत्याशित लाभ संभव है। जोखिम न लें। धर्म के कार्यों में रुचि आपके मनोबल को ऊंचा करेगी। मिलनसारिता व धैर्यवान प्रवृत्ति जीवन में आनंद का संचार करेगी। कई दिनों से रुका पैसा मिल सकेगा।
🐂वृष-बकाया वसूली के प्रयास सफल रहेंगे। यात्रा, नौकरी व निवेश मनोनुकूल रहेंगे। जोखिम न उठाएं। आज का दिन आपके लिए शुभ रहने की संभावना है। स्थायी संपत्ति में वृद्धि होगी। रोजगार के अवसर मिलेंगे। परिवार में खुशी का माहौल रहेगा।
👫मिथुन-मेहनत का फल मिलेगा। योजना फलीभूत होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रतिष्ठा बढ़ेगी। कर्ज से दूर रहना चाहिए। खर्च में कमी होगी। कानूनी विवादों का निपटारा आपके पक्ष में होने की संभावना है। प्रतिष्ठितजनों से मेल-जोल बढ़ेगा। स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
🦀कर्क-विवाद से क्लेश होगा। फालतू खर्च होगा। पुराना रोग परेशान कर सकता है। जोखिम न लें। जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद हो सकते हैं। विद्यार्थियों को परीक्षा में सफलता प्राप्ति के योग हैं। सावधानी व सतर्कता से व्यापारिक अनुबंध करें। दांपत्य जीवन अच्छा रहेगा।
🐅सिंह-मेहनत का फल कम मिलेगा। कार्य की प्रशंसा होगी। धन प्राप्ति सुगम होगी। प्रसन्नता रहेगी। संतान की शिक्षा की चिंता समाप्त होगी। व्यापार-व्यवसाय लाभप्रद रहेगा। महत्व के कार्य को समय पर करें। व्यावसायिक श्रेष्ठता का लाभ मिलेगा।
🙎♀️कन्या-संपत्ति के कार्य लाभ देंगे। उन्नति के मार्ग प्रशस्त होंगे। प्रसन्नता रहेगी। प्रमाद न करें। धैर्य एवं शांति से वाद-विवादों से निपट सकेंगे। दुस्साहस न करें। नए विचार, योजना पर चर्चा होगी। स्वयं की प्रतिष्ठा व सम्मान के अनुरूप कार्य हो
⚖️ तुला -कुसंगति से हानि होगी। वाहन मशीनरी के प्रयोग में सावधानी रखें। वाणी पर नियंत्रण रखें, जोखिम न लें। परेशानियों का मुकाबला करके भी लक्ष्य को हासिल कर पाएंगे। व्यापारिक लाभ होगा। संतान के प्रति झुकाव बढ़ेगा। शिक्षा व ज्ञान में वृद्धि होगी।
🦂वृश्चिक-किसी आनंदोत्सव में भाग लेने का मौका मिलेगा। बौद्धिक कार्य सफल रहेंगे। लाभ होगा। धन संचय की बात बनेगी। परिवार के कार्यों पर ध्यान देना जरूरी है। रुका कार्य होने से प्रसन्नाता होगी। आर्थिक सलाह उपयोगी रहेगी। कर्ज की चिंता कम होगी।
🏹धनु-चोट व रोग से बचें। कानूनी अड़चन दूर होगी। धर्म-कर्म में रुचि रहेगी। प्रसन्नता रहेगी। क्रय-विक्रय के कार्यों में लाभ होगा। योजनाएं बनेंगी। उच्च और बौद्धिक वर्ग में विशेष सम्मान प्राप्त होगा। भाइयों से अनबन हो सकती है। अपनी वस्तुएं संभालकर रखें।
🐊मकर-राजकीय सहयोग प्राप्त होगा। प्रेम-प्रसंग में अनुकूलता रहेगी। व्यवसाय ठीक चलेगा। प्रमाद न करें। जायदाद संबंधी समस्या सुलझने के आसार बनेंगे। अनुकूल समाचार मिलेंगे तथा दिन आनंदपूर्वक व्यतीत होगा। नए संबंध लाभदायी सिद्ध होंगे।
🍯कुंभ-व्यवसाय ठीक चलेगा। पुराने मित्र व संबंधियों से मुलाकात होगी। व्यय होगा। प्रसन्नता रहेगी। व्यापार में नए अनुबंध लाभकारी रहेंगे। परिश्रम का अनुकूल फल मिलेगा। परिजनों के स्वास्थ्य और सुविधाओं की ओर ध्यान दें।
🐟मीन-व्यापार-व्यवसाय संतोषप्रद रहेगा। आपसी संबंधों को महत्व दें। अल्प परिश्रम से ही लाभ होने की संभावना है। खर्चों में कमी करने का प्रयास करें। अति व्यस्तता रहेगी। बुरी खबर मिल सकती है। दौड़धूप अधिक होगी। वाणी पर नियंत्रण रखें। थकान रहेगी ।
🙏🏻आपका दिन मंगलमय हो🙏🏻
🐄 गोपाष्टमी विशेष 🐂
विष्णोर्वक्षसि या लक्ष्मीः स्वाहा या च विभावसोः।
चंद्रार्कश क्रशक्तिर्या धेनुरूपास्तु सा श्रिये।।🐄🙏🏻
🌷🐂 *गौ-पूजन से सौभाग्यवृद्धि* 🌷🐄
🐂 कार्तिक शुक्ल पक्ष अष्टमी तिथि को गोपाष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 09 अक्टूबर 2024 शनिवार को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान श्री कृष्ण ने गौ – चारण लीला आरंभ की थी। इस दिन बछड़े सहित गाय का पूजन करने का विधान है। इस दिन प्रात:काल गायों को स्नान कराके गंध-पुष्पादि से उनका पूजन किया जाता है । इस दिन गायों को गोग्रास देकर उनकी परिक्रमा कर थोड़ी दूर तक उनके साथ जाया जाता है। इस तरह करने से सब प्रकार की अभीष्ट सिद्धि होती है।
गाय समस्त प्राणियों की माता और हमारी संस्कृति की प्राण हैं। वह गंगा, गायत्री, गीता, गोवर्धन व गोविन्द की तरह पूजनीय हैं। अतः उनकी रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है,आइए, इस पावन पर्व पर हम सभी गौपालन, गौसेवा एवं उनके गौसंरक्षण का संकल्प लें।
🐂🌹♻️ || जय गौमाता ||🐄🙏🚩
गौ मईया की महिमा तो अपार है, जिसका उल्लेख शास्त्रों और पुराणों में वर्णित है। संत महात्माओ ने गो माता की महिमा के सम्बन्ध में अनेको व्याख्यान दिए हैं–
मातर: सर्वभूतानां गाव: !!
गाय सनातन संस्कृति की रीढ़ है !वेद शास्त्रों के अनुसार गाय माता पृथ्वी के समस्त प्राणियो की जननी है । गाय के सींगो में ब्रह्मा,ललाट में शंकर,कानो में अश्वनी कुमार,नेत्रों में सूर्य चन्द्र,जीवा में पृथ्वी, पीठ पर नक्षत्रगण,गोबर में महालक्ष्मी,और थनों में चारो समुद्र निवास करते है। ब्राह्मणों और गुरु के पूजन से जो फल मिलता है ,वही फल गो माता के स्पर्श मात्र से प्राप्त हो जाता है। बाल्मीक रामायण में आया है―
विद्यते गोषु समभाव्यम विद्यते ब्रह्मणे तप:!
विद्यते स्त्रीषु चापळयम विद्यते ज्ञातितो भयम !!
इस श्लोक के प्रथम चरण में देखा जाए तो गाय माता पे ही तीनो लोक स्थित है। अत: गाय माता प्रत्यक्ष देव है । गौ और गीता ईश्वरप्रदत्त अमूल्य निधि हैं। इन दोनों का आश्रय लेकर मनुष्य स्वस्थ,सुखी व सम्मानित जीवन की प्राप्ति और परमात्मप्राप्ति भी कर सकता है। हम गायों की नहीं बल्कि गायें हमारी सेवा करती हैं, गौमाता की सेवा भगवत्प्राप्ति के साधनों में से एक है। जिस दिन भारतवासी गौ का सम्मान, गंगा का महत्त्व और गीता का ज्ञान अंगीकार कर लेंगे, उस दिन विश्व के शिखर पर पहुँचने का भारत का स्वप्न साकार हो जायेगा।
गौ रक्षा=सर्वस्व रक्षा
आज ब्राज़ील और मैक्सिको जैसे तमाम देश हमारे देश की गौ वंश को आयात करके विदेश के लोग लाभ ले रहे है,लेकिन हमारा दुर्भाग्य है कि हमारे देश मे ही गौ माता की हत्या हो रही है। कुत्ते सोफे पर बैठकर बिस्कुट खा रहे हैं। और गौ माता सड़कों पर बरसाती चबा रही हैं। आज संकल्प लेना चाहिए कि आपके घर की प्रथम रोटी गाय के लिए समर्पित हो यह हमारा धर्म और दायित्व है।
सर्वे देवा: स्थिता देहे सर्वदेवमयी हि गौ:।
सनातन धर्म में गौ का विशेष महत्व है,गौ माता को चारा खिलाने मात्र से हमारा कल्याण हो जाता है। जो मनुष्य प्रात: स्नान करके गौ स्पर्श करता है, वह पापों से मुक्त हो जाता है।देश में दूध दही की नदियाँ बहें, खून की नदियाँ नहीं इसलिए गौ माता का संरक्षण हो भक्षण नहीं। यह देश का दुर्भाग्य ही है कि अनेकों महापुरुषों, संत-महात्माओं के प्रयासों के बाद भी भारत माता के माथे से गोहत्या का कलंक आज तक नहीं मिट सका।
योऽग्रं भक्तं किंचिदप्राश्य दद्याद् गोभ्यो नित्यं गोव्रती सत्यवादी। शान्तोऽलुब्धो गोसहस्रस्य पुण्यं संवत्सरेणाप्नुयात् सत्यशील:।।
यदेकभक्तमश्नीयाद् दद्यादेकं गवां च यत्।
दर्शवर्षाण्यनन्तानि गोव्रती गोऽनुकम्पक:।।
अर्थात-: जो गोसेवा का व्रत लेकर प्रतिदिन भोजन से पहले गौओं को गोग्रास अर्पण करता है तथा शान्त एवं निर्लोभ होकर सदा सत्य का पालन करता रहता है, वह सत्यशील पुरुष प्रतिवर्ष एक सहस्र गोदान करने के पुण्य का भागी होता है। जो गोसेवा का व्रत लेने वाला पुरुष गौओं पर दया करता और प्रतिदिन एक समय भोजन करके एक समय का अपना भोजन गौओं को दे देता है, इस प्रकार दस वर्षों तक गोसेवा में तत्पर रहने वाले पुरुष को अनन्त सुख प्राप्त होते हैं।