दीपावली का पर्व 31 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा
विद्वान संगोष्ठी की हुई बैठक में लिया गया सर्व सम्मति से निर्णय
सत्यार्थ न्यूज-ब्यूरो चीफ
मनोज कुमार माली सुसनेर, सोयत कला
कार्तिक अमावस्या जिस दिन प्रदोष व्यापनी हो उसे दिन महालक्ष्मी पूजन करें यदि दोनों दिन प्रदोष व्यापनी हो तो दूसरे दिन लक्ष्मी पूजन करें, इस बार द्रक व सौर गणित पद्धतियों से प्रदोष व्यापिनी अमावस्या अर्थात कर्मकाल व्यापनी अमावस्या 31 अक्टूबर को ही है प्रदोष काल में दीपदान उल्क प्रदर्शन व महालक्ष्मी पूजन करे जिस दिन अमावस्या सभी देवताओं के लिए दीपदान करने वी पितरों के लिए उल्क दिखाने विधिवत लक्ष्मी पूजा करने वृत्ति भोजन का पूर्ण समय प्रदोषकाल में मिल जाए। उसी दिन महालक्ष्मी पूजन करें यही कर्मकाल हैं इतना कर्म करने के लिए पूरा प्रदोषकाल चाहिए। केवल प्रदोष स्पर्श से कार्य नहीं हो सकता प्रदोष काल का मन सूर्यास्त के बाद तीन मुहूर्त अर्थात छे घड़ी 144 मिनट का समय होता है कुछ विद्वानों प्रदोष का स्पर्श मात्र मान रहे हैं जबकि प्रदोष तो पूरा ही होना चाहिए
इस वर्ष दीपावली को लेकर भ्रम
दीपावली पूजन को लेकर कुछ अखबारों और व्हाट्सएप मैं भ्रम की स्थिति पैदा करने की कुचेष्टा की जा रही है। जबकि भारत देश के एवं मध्य प्रदेश के सभी प्रतिष्ठित पंचांगो एकरुपता लाते हुए सभी विद्वानों ने बैठक की जिसमें मुख्य रूप से कालिका माता पुजारी पं प्रवीन भट्ट, ज्योतिषाचार्य विजय शर्मा , बालाराम जी व्यास, ओमप्रकाश जी जोशी, रमेश जी शर्मा माना महेश जी शर्मा खेराना , परमानंद जी प्रधान बामनिया खेड़ी एवम विभिन्न क्षेत्र के पुजारी उपस्थित हुए जिन्होंने पंचांग के अनुसार अपनी सहमति दी कि जिसमे सभी पंचांगों का मत भी लिया एवं पंडितों ने विशेष रूप से प्रमाण भी प्रस्तुत किया 31 अक्टूबर 2024 को दीपावली महालक्ष्मी पूजन समस्त मध्य प्रदेश में मनाया जाएगा पंडित शर्मा ने बताया कि शास्त्रों के अनुसार दीपमल्लिका ग्रंथ में दीपावली पूजन के विधान के विषय में स्पष्ट उल्लेख है कि जिस दिन प्रदोषकाल एव महानिशाकाल के समय अमावस्या तिथि विद्यमान हो उस रात्रि में कुबेरादी पूजा करना चाहिए। इस वर्ष 31 अक्टूबर को अमावस्या तिथि 03:40 दिन से प्रारंभ होकर 01 नवंबर को 04:40 तक ही है। अत:
31अक्टूबर को दीपोत्सव मानना शास्त्रसम्मत है 01 नवंबर मनाए जाने की भ्रम की स्थिति बनने पर पं शर्मा ने बताया कि यह व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी अल्प ज्ञान प्राप्त विद्वानों द्वारा भ्रम फैलाया जा रहा है अत: सनातन धर्मावलंबी ऐसे भ्रम फेलाने वाले प्रसारण प्रणाली विरोध करते हुए अपने त्यौहार में एकरूपता लाने का प्रयास करे । इन लोगों के लिए एक कहावत प्रचलित है
अधगल गगरी झलकत जाए
1 नवंबर को दीपावली मनाने का प्रश्न ही नहीं उठता। संपूर्ण भारत में यत्र तत्र सर्वत्र 31 अक्टूबर 2024 गुरुवार को ही दीपावली त्योहार मनाया जाएगा
इस वर्ष 6 दिन का होगा दीपोत्सव
मंगलवार 29 अक्टूबर 2024 : धनतेरस (धन-त्रयोदशी) धनतेरस के निमित्त सायंकाल यम-दीपदान
बुधवार 30 अक्टूबर 2024 : नरक व रूप चतुर्दशी के निमित्त सायं दीपदान
गुरुवार 31 अक्टूबर 2024 : नरक व रूप चतुर्दशी, दीपावली महालक्ष्मी पूजन, प्रभात स्नान, अभ्यंग स्नान
*शुक्रवार 01 नवम्बर 2024 : दीपावली,देव-पितृ अमावस्या
शनिवार 02 नवम्बर 2024*
अन्नकूट, गोवर्धन पूजा
रविवार 03 नवम्बर 2024 :- भैया दोज (भाई-दूज)
महालक्ष्मी पूजन शुभ मूहर्त
31 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 05:36 से लेकर 8:11 तक रहेगा। इस मुहूर्त में मां लक्ष्मी की उपासना बेहद शुभ फलदायी साबित होगी