कोयलीबेडा में हुए नक्सली मुठभेड़ को लेकर सियासत हाई गर्म, मुठभेड़ की जांच कर कांग्रेस की 7 सदस्यीय टीम अब अपनी रिपोर्ट को सौंपेगी हाई कमान को।
कांकेर। जिले के कोयलीबेड़ा क्षेत्र के हुरतराई के जंगलों में 25 फरवरी पुलिस ने मुठभेड़ में 3 नक्सलियों को मार गिराने का दावा किया था लेकिन मामले में नया मोड़ तब आया जब मृतको के परिजनो ने सबूत के साथ जिला मुख्यालय पहुचकर पुलिस के हार्डकोर नक्सलियों को मार गिराने के दावे को गलत बताया था, मामले ने जैसे ही तुल पकड़ा कांग्रेस ने तुरन्त मौके को लपकते हुए पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी के नेतृत्व में जांच टीम गठित कर दी, पीसीसी चीफ द्वारा गठित टीम आज धुर नक्सल प्रभावित मरदा गांव पहुंची और मृतको के परिजनो से मुलाकात कर उनका बयान दर्ज किया है। कड़ी सुरक्षा के बीच करीब 3 घंटे कांग्रेस की जांच टीम गांव में रही और मृतको के परिजनो के अलावा स्थानीय लोगो से भी तीनो मृतको के बारे में जानकारी जुटाई है, जिसके बाद कांग्रेस ने पुलिस के मुठभेड़ के दावो को पूरी तरह से फर्जी बताया है और आम ग्रामीणों की हत्या का आरोप पुलिस पर लगाया है।
पूर्व विधायक शिशुपाल शोरी ने कहा कि गांव के लोग जंगलों पर निर्भर रहते है उनके जीवनयापन की बहुत सी चीज़ें उन्हे जंगल से मिलती है और ये तीनो ग्रामीण अनिल हिड़को,सुरेश तेता और रामेश्वर नेगी भी तेंदूपत्ता रस्सी लेने जंगल गए हुए थे जहा पुलिस ने उन्हें नक्सलियों के साथ मुठभेड़ की बात कहते हुए हत्या कर दी, पूर्व विधायक ने आरोप लगाया कि इस तरह से आम ग्रामीणों की हत्या पहले भीं भाजपा शासन में होती रही है, इसको लेकर अब सदन में भी और सड़क पर भी उतर कर कांग्रेस लड़ाई लड़ेगी।
जांच टीम के सदस्य पूर्व विधायक केशकाल संतराम नेताम मृतको के परिजनो को 50 50 लाख रुपए मुआवजा देने की भी मांग की है। उन्होंने कहा कि जिसे पुलिस नक्सली बता रही है उसकी पत्नी आंगनबाड़ी की कार्यकर्ता है, 2006 में उसकी शादी हुई है और इसी गांव में रहकर खेती किसानी का काम सालो से कर रहे थे ऐसे में पुलिस के आरोप बिलकुल गलत साबित हो रहे है। कांग्रेस ने इस मुद्दे को न्यालालय लेकर जाने की बात भी कही है. कांग्रेस की जांच टीम कल पीसीसी चीफ दीपक बैज को रिपोर्ट सौंप सकती है।
सत्यार्थ न्यूज़ रिपोर्टर पुनीत मरकाम कांकेर


















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