• पिता ने ठेला लगाकर बेटे गोविंद को बनाया डिफ्टी इंजीनियर।
चन्दौली : गरीबी नहीं,आत्मविश्वास से आगे बढ़ने की जरूरत को चरितार्थ करने में पिपरी निवासी गोविंद कुमार ने निभाने का काम किया।पिता राजकिशोर ने ठेले पर फल बेचकर पुत्र को डिफ्टी इंजीनियर बनाने का काम किया।पिता के संघर्ष व बेटे के इस उपलब्धि से पूरा गांव परिवार को बधाई देने का काम कर रहा है।
चन्दौली जनपद के धीना थाना क्षेत्र के पिपरी गांव निवासी गरीब राजकिशोर ने कमालपुर में ठेले पर फल बेचकर अपने बच्चों को पढ़ाने के साथ परिवार को चलाने का काम किया।गोविंद कुमार बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि का था।उसने हाईस्कूल राष्ट्रीय इंटर कालेज कमालपुर,पॉलिटेक्निक डिप्लोमा मेकेनिकल प्रोडक्शन महाराणा प्रताप पॉलिटेक्निक गोरखपुर व बी टेक मेकेनिकल इंजीनियरिंग कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी में दाखिला किया।जिसमे कैम्पस सलेक्शन में भारत इलेक्ट्रॉनिक लिमिटेड(बी ई एल)में डिफ्टी इंजीनियर के पद पर चयन हुआ है।पिता राजकिशोर गरीबी में ठेला लगाकर बेटे को पढ़ाने के बाद इस उपलब्धि में आंखों में खुशी के आंसू बह रहे है।वहीं गांव के ग्रामीण पिता को बेटे के इस उपलब्धि पर मुंह मीठा कराकर बधाई देने का काम कर रहे है।कमला नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलोजी(knit)के कैंपस चयन में कुल छह विद्यार्थियों का चयन हुआ।जिसमें चन्दौली जनपद से गोविंद कुमार का चयन हुआ है।गरीबी से निकलकर सफलता की सीढ़ी चढ़ने पर हर कोई मां गुलाबी देवी व पिता राजकिशोर को बधाई देने का काम कर रहे है।पिता राजकिशोर ने बताया कि मैं जीवन भर गरीबी में ठेला लगाकर पांच पुत्र व दो बेटियों सहित सात बच्चों को पढ़ाने का काम किया।जिसमें बड़ा बेटा बलवंत कुमार छत्तीसगढ़ पुलिस ,दूसरा बेटा अवर अभियंता एनटीपीसी में नौकरी कर रहे है।जबकि आज चौथे बेटे गोविंद कुमार के इस उपलब्धि पर काफी खुशी हो रही है।बावजूद अपने पुराने व्यवसाय को बंद नहीं करूंगा।मैं जीवन भर ठेला लगाकर परिवार का जीविकोपार्जन करता रहूंगा।