विशेष संवाददाता पुनीत मरकाम ✍️ ठा. रामप्रसाद पोटाई की स्मृति में लोक सांस्कृतिक प्रतियोगिता में ध्रुवा नृत्य सुकमा प्रथम स्थान पर रहे ।
कांकेर। प्रतिवर्ष की भांति इस वर्ष भी बारह भाई बिरादरी व्यवस्था, नार्र व्यवस्था, पेन व्यवस्था, गढ़ जागा मंडा, टोंडा मंडा कुंडा व्यवस्था, अठारह पाठ बत्तीस बहनी, राजा रावपेन सेवा, के उत्सव पर ग्राम कन्हारपूरी डोंगरीपारा एवं समस्त क्षेत्रवासियों के संयुक्त तत्वावधान त्रिदिवसीय छत्तीसगढीया संस्कृति, लोककला नृत्य महोत्सव महापर्व प्रतियोगिता का आयोजन 10 अक्टूबर से 12 अक्टूबर तक किया गया। सामूहिक नृत्य में रेला, मांदरी, हल्की, गेडी नृत्य, धनकुल, कर्मा नृत्य, ददरिया, सुआ, पंथी, बाइसन, राऊत नाचा, छेर छेरा, सैला, ककसाड़, गौर, बांस, ढोल, सरहुल, आदि नृत्य इस विधा में शामिल किया गया था।
कार्यक्रम सुबह 11 बजे से रात्रि 10 बजे तक आयोजन चला।
सांस्कृतिक प्रतियोगिता में प्रदेशभर के 27 टीमों ने भाग लिया।
जिसमें स्थान पर रहे गुण्डाधुर लोक कला मंच ध्रुवा नृत्य किंदरवाड़ा जिला सुकमा।
द्वितीय :- जय बुढ़ादेव गुटा पर्रांग अरंगुला (माकडी) जिला कोंडागांव।
तृतीय :- लिंगों गोटूल मांदरी नृत्य ग्राम रहटीपारा (बालेंगा) बड़ेराजपुर जिला कोंडागांव रहे। सभी विजेता टीमों एवं प्रतियोगिता में भाग लिए सभी टीमों को अतिथियों के द्वारा प्रोत्साहन राशि के साथ सम्मान कर पुरुस्कार प्रदान किया गया।
इस अवसर पर आयोजक समिति के पदाधिकारी एवं सांस्कृतिक प्रतियोगिता के अध्यक्ष असवन कुंजाम, उपाध्यक्ष सुरेंद्र जुर्री, चंद्रशेखर मंडावी, जनक उइके, डुमेश सलाम, पीतांबर शोरी, रामप्रसाद सलाम, उमेश गावड़े, सचिव मिथलेश मंडावी, सहसचिव देवेंद्र दर्रो, चंद्रभान जुर्री, कोषाध्यक्ष कविन केमरो, सुनाराम मंडावी, संगठन मंत्री नागेश केमरो, सुमित पोटाई, प्रदीप नेताम, देवेंद्र मंडावी आदि युवा प्रभाग के पदाधिकारी उपस्थित थे।