ब्रेकिंग न्यूज़

सीईओ श्री गेमावत ने स्‍कूलों में नामांकन की, की समीक्षा शिक्षाधिकारियों को दिए जरूरी दिशा-निर्देशपुलिस कंट्रोल रूम कटनी में आयोजित हुई जनसुनवाई फरियादियों को दिलाया त्वरित कार्रवाई का भरोसाजनसुनवाई में अधिकारियों ने सुनी 148 आवेदकों की समस्याएंनहीं है बरसों पुराने मंदिर पर प्रशासन की निगाह“कल्पना को छूने दो आसमान’ थीम पर चित्रकला प्रतियोगिता के लिए आवेदन प्रक्रिया जारीअवैध बजरी खनन पर रोक लगाने के लिए नाथडीयास के ग्रामीणों ने जिला कलेक्टर को दिया ज्ञापनपुलिस महानिरीक्षक सागर जोन डॉ हिमानी खन्ना ने पुलिस अधीक्षक ने साथ जतारा थाना में साइबर हेल्प डेस्क का किया शुभारंभसोनभद्र – *थाना चोपन पुलिस द्वारा, फेसबुक पर बाबा साहब डॉक्टर भीमराव अम्बेडकर पर अमर्यादित पोस्ट शेयर कर आपसी सौहार्द बिगाड़ने की कोशिश करने वाले 01 नफर अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार-*सोनभद्र – *चोपन पुलिस द्वारा पॉक्सो एक्ट मे वांछित 01 नफर अभियुक्त को किया गया गिरफ्तार-*सोनभद्र – **भाजपा सरकार द्वारा लगभग 5000 सरकारी प्राइमरी स्कूलों को बंद करने के विरोध में समाजवादी छात्र सभा के नौजवानों ने कसी कमर*सोनभद्र – *सोशल मीडिया पर हिन्दू देवी देवताओं पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने वाले आरोपी को थाना घोरावल पुलिस ने किया गिरफ्तार-*राधा कृष्ण मंदिर नेहरू नगर पर गौ महिमा महोत्सव के प्रचार रथ का शुभारंभजनसुनवाई में दो जरूरतमंदों को दी गई आर्थिक सहायता, मौके पर ही समस्याओं का हुआ समाधानचंद घंटों में हत्या के प्रयास के तीन आरोपी गिरफ्तार थाना कुरवाई पुलिस की त्वरित कार्रवाईपुलिस लाइन विदिशा में 100+ पौधों के साथ “हरियाली महोत्सव” का समापन, एक सप्ताह में कुल 6346 पौधे लगाए गए

ताजा खबरें : ऐसे अनेक हिन्दू हैं जो वास्तविक व सत्य रूप में सनातन धर्म या जिसे हम वैदिक धर्म कहते हैं, उसे जानना व समझना चाहते हैं, परन्तु मार्गदर्शन के आभाव में ठीक मंजिल तक नहीं पहुंच पाते। 

download

😊 Please Share This News 😊


Rajat Bisht
Spread the love

• ऐसे अनेक हिन्दू हैं जो वास्तविक व सत्य रूप में सनातन धर्म या जिसे हम वैदिक धर्म कहते हैं, उसे जानना व समझना चाहते हैं, परन्तु मार्गदर्शन के आभाव में ठीक मंजिल तक नहीं पहुंच पाते। 

www.satyarath.com

सत्यार्थ न्यूज़ : सनातन धर्म की यह खासियत भी है और कठिनाई भी कि अन्य मतों की तरह जैसे इस्लाम में कुरान, व ईसाईयत में बाइबिल है, वैसे इसे किसी एक पुस्तक को पढकर पूर्ण रूप से नहीं जाना जा सकता है। सनातन धर्म का कोई अंत नहीं है। इसलिए सनातन धर्म के मेरे अध्ययन के आधार पर कुछ पुस्तकें इस लेख में बताने जा रही हूँ। जो कि सनातन धर्म व हिन्दुत्व की मूल भावना को समझने के लिए जो उत्सुक हैं उनके लिए बहुत उपयोगी हैं।

धर्म व शास्त्र को समझने के लिए पूर्ण श्रद्धा से मूल प्रामाणिक शास्त्र व परम्पराशक्ति युक्त आचार्यों की ही पुस्तकें पढ़नी चाहिए। देवदत्त पटनायक, अमिश त्रिपाठी आदि लेखक जो सनातन धर्म व शास्त्रों पर अपनी मनमानी दृष्टि थोपते हैं उनकी यहाँ बात नहीं की जाएगी।

■ 1) गीताप्रेस एक ऐसा धार्मिक प्रकाशन है जिसकी दुकान पर जाकर आंख बंद करके जिस भी पुस्तक पर हाथ रख दिया, हर वह पुस्तक खरीद सकते हैं। गीताप्रेस से प्रकाशित गीता, पुराण, रामायण, उपनिषद, छोटी बड़ी हज़ारों पुस्तकें, स्वामी रामसुखदासजी, हनुमानप्रसाद पोद्दार जी, जयदयाल गोयन्दका जी आदि की समस्त पुस्तकें आंख मूंद कर ले सकते हैं।

पुराण, रामायण, रामचरितमानस, गीता आदि केवल गीताप्रेस की ही लेनी चाहिए। गीताप्रेस का साहित्य हमेशा व्यक्ति का केवल अध्यात्मिक व धार्मिक उत्कर्ष ही करेगा, भ्रमित नहीं करेगा। मूल शास्त्र जैसे श्रीमद्भगवद्गीता, पुराण, रामायण, योगसूत्र आदि का अध्ययन सबसे अधिक महत्वपूर्ण है।

श्रीमद्भगवद् गीता

श्रीरामचरितमानस 

18 पुराण

■ 2) वेद क्या है, उनकी उत्पत्ति, विषय, वैदिक विज्ञान, वैदिक अवधारणा, उनका तारतम्य, अग्नि, सोम, देव आदि तत्व, सनातन धर्म के श्राद्ध, अवतार, संस्कार, वर्णाश्रम आदि तत्व पर महामहोपाध्याय पण्डित गिरिधर शर्मा चतुर्वेदी जी की पुस्तक “वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति” सर्वश्रेष्ठ पुस्तक है। इसका 33% भाग समझने में कठिन है पर मेहनत करके जितना भी समझ आए समझ लिया तो वेद की महानता की झलक मिल जाएगी, वैदिक विषय सम्बन्धी विरोधाभासों का शमन हो जाएगा और सनातन धर्म के लट्टू हो जाना निश्चित है।

वेद व वैदिक विज्ञान समझने की इच्छा रखने वालों के लिए ये मूलभूत और अनिवार्य पुस्तक है। दुर्भाग्य से यह पुस्तक छपती नहीं है, 1972 का यह सम्भवतया अंतिम प्रकाशन है।

वैदिक विज्ञान और भारतीय संस्कृति

■ 3) अधिकांश लोगों को पुराणों व रामायण, महाभारत को लेकर बहुत से संशय, प्रश्न रहते हैं व लोग दुष्प्रचार से भी भ्रमित हो जाते हैं। इसका सबसे अच्छा तरीका तो यही है कि वह पुराण व सम्बन्धित कथानक स्वयं पूरा पढ़ना चाहिए। पुराण कोई झूठी कहानियां या मिथक नहीं हैं बल्कि सनातनधर्म का सच्चा इतिहास व ऋषियों द्वारा दिया गया वेद का सार है। इसलिए जो मिथक की भावना से शास्त्र पढ़ते हैं उन्हें शास्त्र का अर्थ कभी नहीं समझ में आ सकता। पुराणों व रामायण की उत्पत्ति, उनकी प्रक्रिया, पुराण विज्ञान, वेद से तारतम्य, व अधिकांश आक्षेपों व प्रश्नों के समाधान लिए यह तीन पुस्तकें पढ़नी चाहिए। “रामायण मीमांसा” में 300 रामायणों का सार है।

●-> धर्मसम्राट स्वामी करपात्रीजी महाराज रचित “रामायण मीमांसा”

●-> पण्डित गिरधर शर्मा चतुर्वेदी जी रचित “पुराण परिशीलन”

●-> शास्त्रार्थ महारथी पण्डित माधवाचार्य शास्त्री रचित “पुराण दिग्दर्शन”

■4) आजकल वामपंथी शिक्षा पद्धति से प्रभावित अनेक हिन्दूओं का स्वभाव हो गया है कि धर्म की हर बात में “क्यों”, “क्यों” करते रहते हैं। वामपंथ द्वारा भ्रष्ट की गई बुद्धि और परम्पराशक्तिहीन होने के कारण ही वे ये क्यों, वह क्यों, ऐसा क्यों, वैसा क्यों जैसे अनर्गल प्रश्न उठाते रहते हैं। प्रश्न पूछना तो अच्छी बात है, पर वे तो तलवार सी ही तान लेते हैं। इसलिए उन सब प्रश्नों का जवाब व आक्षेपों को खण्ड खण्ड करने के लिए शास्त्रार्थ महारथी पण्डित माधवाचार्य शास्त्री ने एक जोरदार पुस्तक लिख डाली “क्यों”!! ग्रन्थ का नाम है “क्यों”। इसमें सारे “क्यों” हल हो जाएंगे।

●-> हिंदी में, “क्यों?”

●-> In English, “Why?”

■5) शाश्वत वेद धर्म व आध्यत्म जानने के लिए स्वामी करपात्रीजी महाराज के ग्रन्थों को पढना चाहिए। वे सनातन धर्म के इतने महान विद्वान थे कि उन्हें धर्मसम्राट कहा जाता है। उनकी भागवत सुधा, भक्ति सुधा, संकीर्तन मीमांसा एवं वर्णाश्रम धर्म, वेदार्थ पारिजात, रामायण मीमांसा, मार्क्सवाद एवं रामराज्य आदि पुस्तकें सनातन धर्म की अमूल्य निधि हैं। इसमें से भक्तिसुधा, मार्क्सवाद एवं रामराज्य गीताप्रेस से मिलती है। धर्मसम्राट के ग्रन्थ इस लिंक में हैं।

धर्मसम्राट करपात्री जी महाराज के ग्रन्थ

■6) सनातन धर्म में वेदान्त की अद्वैत, विशिष्टाद्वैत, द्वैत, द्वैताद्वैत व शुद्धाद्वैत व्याख्या के अनुसार क्रमशः 5 प्रमुख सम्प्रदाय हैं, शांकर, रामानुज, मध्व, निम्बार्क एवं वल्लभ सम्प्रदाय। यहाँ वहाँ भटकने की बजाय इन प्रामाणिक सम्प्रदायों के ही ग्रन्थ पढ़ने चाहिए। भगवान आद्य शंकराचार्य कृत ‘प्रबोध सुधाकर’ एक छोटा सा गागर में सागर ग्रन्थ है। यह व्यक्तिगत रूप से मुझे बहुत प्रिय है।

■7) हिन्दुत्व के लिए स्वातन्त्र्यवीर विनायक दामोदर सावरकर जी की पुस्तकें सभी हिन्दूओं को अनिवार्यतः पढ़नी चाहिए। हिन्दुत्व के जनक, आधुनिक काल में हिन्दुत्व विचारधारा व हिंदूवादी राजनीति के सूत्रधार पूज्य सावरकरजी ही हैं। समग्र साहित्य नहीं तो “हिन्दुत्व के पंच प्राण”/”हिन्दुत्व”, “गोमांतक”, “मोपला” आदि तो जरूर जरूर पढ़ना ही चाहिए। प्रखर हिन्दू विचारक सीताराम गोयल, गुरुदत्त, पी.एन.ओक, राजीव मल्होत्रा, आदि की लिखी पुस्तकें भी महत्वपूर्ण है।

वीर सावरकर साहित्य

■8) परमहंस योगानन्द जी की जीवनी योगी कथामृत (Autobiography of a Yogi) ऐसा ग्रन्थ है जिसे पढ़कर व्यक्ति का आध्यात्म में दृढ़ विश्वास जम सकता है। यह एक उच्चकोटि का ग्रंथ है। यह कहीं से भी खरीदा जा सकता है व ऑनलाइन ऑर्डर भी किया जा सकता है ।

■9) इंग्लिश में Divine Life Society की स्वामी शिवानंद जी व स्वामी कृष्णानंद जी की उपनिषद, आध्यात्म आदि पर सारी पुस्तकें बहुत अच्छी हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

व्हाट्सप्प आइकान को दबा कर इस खबर को शेयर जरूर करें

स्वतंत्र और सच्ची पत्रकारिता के लिए ज़रूरी है कि वो कॉरपोरेट और राजनैतिक नियंत्रण से मुक्त हो। ऐसा तभी संभव है जब जनता आगे आए और सहयोग करे

Donate Now

MORE STORIES

Live AajTak TV

वोट जरूर करें

क्या भारत को पाकिस्तान पर हमला करना चाहिए

View Results

Loading ... Loading ...

विज्ञापन बॉक्स

[Rich_Web_Slider id="1"]

RASHIFAL

LIVE CRICKET

WEATHER UPDATE

+38
°
C
High:+41
Low:+31
Wed
Thu
Fri
Sat
[covid19-country-updates country=IN country_list=0 layout=3 label="India Covid19 Data" colors="#d80027,#0052b4"]

Stock Market Update

Panchang

LIVE FM

    [Rich_Web_Slider id="1"]
    error: Content is protected !!