• अजीत प्रसाद के लिए अवधेश बना रहे रणनीति, BJP ने कैंडिडेट घोषित नहीं किया।
मिल्कीपुर/अयोध्या : UP के उपचुनाव में अयोध्या की मिल्कीपुर हॉटसीट है। सीट सुरक्षित है, यानी पिछड़ी जातियां निर्णायक हैं। ऐसे में सपा ने फैजाबाद सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत प्रसाद पर दांव खेला है। मगर प्रत्याशी घोषित होने के साथ ही सपा में अंदर खाने में नाराजगी की कयास लगने लगी है। अब 2 तरह की चर्चा चल रही है… 1. अजीत प्रसाद सिर्फ चेहरा हैं, चुनाव अवधेश लड़ रहे हैं। 2. पार्टी में और भी मजबूत चेहरे हैं. मगर सांसद के घर में ही विधायकी का टिकट दिया गया। योगी के अयोध्या दौरों से चुनाव का माहौल बना मिल्कीपुर के उपचुनाव में सपा की सीधी टक्कर भाजपा से है। भाजपा ने अभी उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। कई दावेदार टिकट के लाइन में हैं। योगी अयोध्या के कई दौरे करके चुनाव का माहौल बना चुके हैं। यही वजह है कि उम्मीदवार की घोषणा को लेकर वह जल्दबाजी में नहीं है। 2012 में 2022 के विधानसभा चुनाव में इसी सीट से अवधेश प्रसाद 2 बार विधायक बन हो चुके हैं। 2024 में सांसद निर्वाचित होने के बाद उनको विधानसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देना पड़ा। सीट रिक्त होने से उपचुनाव होने जा रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जिन 5 विधानसभा सीट के उपचुनाव के लिए उम्मीदवार घोषित किया है, उसमें अजीत प्रसाद का नाम भी है। जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव हार चुके अजीत अजीत राजनीतिक पारी शुरू करने के लिए सबसे पहले जिला पंचायत सदस्य पद के चुनाव में किस्मत आजमा चुके हैं, सफलता उनसे दूर रही। वहीं उनकी मां सोना देवी इसमें लकी रहीं। जिला पंचायत सदस्य पद का चुनाव जीतने के बाद अध्यक्ष होकर जिले की प्रथम महिला होने का गौरव हासिल कर लिया। अवधेश प्रसाद के लिए प्रतिष्ठा की सीट विधानसभा का चुनाव अजीत का यह पहला होगा। वैसे अजीत उपचुनाव में प्रतीक की भूमिका में रहेंगे। चुनाव उनके पिता अवधेश प्रसाद लड़ रहे है। यह उनके लिए भी राजनीतिक कौशल की परीक्षा होगी। अजीत के चुनाव की स्टेयरिंग सीट पर अवधेश प्रसाद ही बैठे दिखेंगे। पूरा चुनाव उन्हीं के इर्द गिर्द केंद्रित होगा, विरोधियों के निशाने पर वही होंगे। वही यह चुनाव अवधेश प्रसाद के लिए प्रतिष्ठा का चुनाव भी बना रा हुआ है। जानकार मानते हैं कि अजीत प्रसाद का व्यक्तिगत वोट बैंक मिल्कीपुर में ना के बराबर है। निर्वाचन आयोग से अभी उपचुनाव का कार्यक्रम घोषित होना है। बसपा रामगोपाल कोरी को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। सपा में अंदर खाने भीतर घात जानकार मानते हैं कि सपा के टिकट फाइनल होने के बाद मिल्कीपुर में इस बार चुनाव जीतना आसान नहीं होगा। अजीत को टिकट मिलने के बाद सपा के अंडर आपसी कलह उठने लगी है, जिसका खामियाजा चुनाव पर भी पड़ेगा।