सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है।शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है।पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त,चद्रोदय-चन्द्रास्त काल,तिथि,नक्षत्र,मुहूर्त, योगकाल,करण,सूर्य-चंद्र के राशि,चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🙏जय श्री गणेशय नम🙏
🙏जय माता दी🙏
🙏जय श्री कृष्णा🙏
श्री सनातन हिंदू पंचांग-11.10.2024
नियमित गोचर राशिफल सहित
शुभ शुक्रवार – 🌞 – शुभ प्रभात् 🕉️
74-30💥मध्यमान💥75-30
(केतकी चित्रापक्षीय गणितानुसारेण निर्मितम्)
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________ आज विशेष _____
हिंदू पंचांग की उपयोगिता,परिचय एवं महत्व
हर हिंदू को इसकी जानकारी होना जरूरी है..
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f
_____दैनिक पंचांग विवरण _____
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आज दिनांक……………….. .11.10.2024
कलियुग संवत्…………………………5126
विक्रम संवत्………………………….. 2081
शक संवत्……………………………..1946
संवत्सर………………………….श्री कालयुक्त
अयन………………………………दक्षिणायन
गोल…………………………………… दक्षिण
ऋतु………………………………………शरद्
मास………………………………….. आश्विन
पक्ष…………………………………….. शुक्ल
तिथि……अष्टमी. अपरा. 12.07 तक / नवमी
वार………………………………….. शुक्रवार
नक्षत्र…… उ.षाढ़ा. रात्रि. 5.25* तक / श्रवण
चंद्रराशि……. धनु. प्रातः 11.41 तक / मकर
योग………. सुकर्मा. रात्रि. 2.45* तक / धृति
करण………………..बव. अपरा. 12.07 तक
करण…….बालव. रात्रि. 11.37 तक / कौलव
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नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो
वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है
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*विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट*
🌞श्री सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार🌞
दिल्ली -10 मिनट———जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट——अहमदाबाद +8 मिनट
कोटा – 5 मिनट————-मुंबई +7 मिनट
लखनऊ – 25 मिनट——बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट–जैसलमेर +15 मिनट
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-सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची-
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सूर्योदय…………………. प्रातः 6.29.12 पर
सूर्यास्त…………………. सायं. 6.06.34 पर
दिनमान-घं.मि.सै…………………11.37.22
रात्रिमान-घं.मि.सै……………….. 12.23.05
चंद्रोदय………………….. 1.56.56 PM पर
चंद्रास्त…………………. 12.37.41 AM पर
राहुकाल..पूर्वा.10.51 से 12.18 तक(अशुभ)
यमघंट….अपरा. 3.12 से 4.39 तक (अशुभ)
गुलिक…………… प्रातः 7.56 से. 9.24 तक
अभिजित…….. मध्या.11.55 से 12.41 तक
पंचक…………………………………. .नहीं है
हवन मुहूर्त(अग्निवास)………………. आज है
दिशाशूल………………………… पश्चिम दिशा
दोष परिहार……… जौ का सेवन कर यात्रा करें
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🌄विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय🌄
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अभिजित् मुहुर्त – दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.
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ब्रह्म मुहूर्त – सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है..
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प्रदोष काल – सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और
बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता है…
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गौधूलिक काल सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं
12 मिनट बाद का समय कहलाता है
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🌄✴️भद्रा वास शुभाशुभ विचार✴️🌄
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भद्रा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या, तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करें..
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* दैनिक सूर्योदय कालीन लग्न एवं ग्रह स्पष्ट *
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ग्रह राशि अंश कला नक्षत्र चरण चरणाक्षर
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लग्न …………….. कन्या 23°34′ चित्रा 1 पे
सूर्य ………………… कन्या 24°0′ चित्रा 1 पे
चन्द्र …………….धनु 27°7′ उत्तराषाढ़ा 1 भे
बुध ^ ………………..तुला 1°20′ चित्रा 3 रा
शुक्र ………….. .तुला 27°37′ विशाखा 3 ते
मंगल …………मिथुन 25°43′ पुनर्वसु 2 को
बृहस्पति * …… वृषभ 27°6′ मृगशीर्षा 2 वो
शनि * ………. कुम्भ 19°37′ शतभिषा 4 सू
राहू * ……. .मीन 11°43′ उत्तरभाद्रपद 3 झ
केतु * ……………. कन्या 11°43′ हस्त 1 पू
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✴️🌄दिन का चौघड़िया🌄✴️
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चंचल…………….प्रातः 6.29 से 7.56 तक
लाभ……………..प्रातः 7.56 से 9.24 तक
अमृत…………..प्रातः 9.24 से 10.51 तक
शुभ…………..अपरा. 12.18 से 1.45 तक
चंचल…………….सायं. 4.39 से 6.07 तक
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✴️🌄रात्रि का चौघड़िया🌄✴️
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लाभ………….. रात्रि. 9.12 से 10.45 तक
शुभ…रात्रि. 12.18 AM से 1.51 AM तक
अमृत….रात्रि. 1.51 AM से 3.24 AM तक
चंचल….रात्रि. 3.24 AM से 4.57 AM तक
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(विशेष – ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है )
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🌞🕉️शुभ शिववास की तिथियां🕉️🌞
शुक्ल पक्ष-2—–5—–6—- 9——-12—-13.
कृष्ण पक्ष-1—4—-5—-8—11—-12—-30.
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दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण
संदर्भ विशेष -यदि किसी बालक का जन्म गंड नक्षत्रों (रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) में होता है तो सविधि नक्षत्र शांति की आवश्यक मानी गयी है और करवाना चाहिये..
आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर..
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समय-नक्षत्र नाम-नक्षत्र चरण-चरणाक्षर
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11.41 AM तक—उ.षाढ़ा—1——–भे
________राशि धनु – पाया ताम्र_______
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05.38 PM तक—उ.षाढ़ा—2——–भो
11.32 PM तक—उ.षाढ़ा—3——–जा
05.25 AM तक—उ.षाढ़ा—4——–जी
उपरांत रात्रि तक—-श्रवण —1——–खी
________राशि मकर – पाया ताम्र ______
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___________आज का दिन___________
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व्रत विशेष……………………………..नहीं है
अन्य व्रत………………….नवरात्रि व्रत संपूर्ण
दिन विशेष…………. श्री सरस्वती बलिदानम्
नवरात्रि क्रम……नवम् (मां सिद्धिदात्री पूजन)
पर्व विशेष.महाष्टमी-दुर्गाष्टमी दुर्गानवमी पूजा
समय विशेष…..पवित्र चातुर्मास विधान जारी
दिवस विशेष………… राष्ट्रीय बालिका दिवस
दिवस विशेष…………….विश्व मोटापा दिवस
पंचक…………………………………..नहीं है
विष्टि(भद्रा)…………………………….नहीं है
हवन मुहूर्त…………………………… आज है
खगोलीय……………………………… नहीं है
सर्वा.सि.योग…रात्रि. 5.25* से शेष रात्रि तक अमृत सि.योग………………………… नहीं है
सिद्ध रवियोग.. रात्रि. 5.25* से शेष रात्रि तक
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__अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी___
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दिनांक………………………..12.10.2024 तिथि……….. आश्विन शुक्ला नवमी शनिवार
व्रत विशेष…………… अपराजिता शमी पूजा
अन्य व्रत……………………………… नहीं है
दिन विशेष…………. श्री सरस्वती विसर्जनम्
पर्व विशेष.विजयादशमी(दशहरा-रावण दहन)
समय विशेष……पवित्र चातुर्मास विधान जारी
दिवस विशेष……………… बौद्धावतार दिवस
दिवस विशेष……………….. विश्व दृष्टि दिवस
दिवस विशेष……… विश्व आर्थराइटिस दिवस
पंचक…………………………………..नहीं है
विष्टि(भद्रा)…………………………… नहीं है
हवन मुहूर्त……………………… आज नहीं है
खगोलीय….वृश्चिके शुक्र. उ.रात्रि. 6.00* पर
सर्वा.सि.योग…….. उदयात् रात्रि. 4.28* तक अमृत सि.योग………………………….नहीं है
सिद्ध रवियोग……………….संपूर्ण (अहोरात्र)
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✴️आज की विशेष प्रस्तुति✴️
💥धर्म ज्योतिष आध्यात्म वास्तु राशिफल 💥
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हिंदू पंचांग की उपयोगिता,परिचय एवं महत्व
हर हिंदू को इसकी जानकारी होना जरूरी है
भारतीय पंचांग का आधार विक्रम संवत है जिसका सम्बंध राजा विक्रमादित्य के शासन काल से है। ये कैलेंडर विक्रमादित्य के शासनकाल में जारी हुआ था। इसी कारण इसे विक्रम संवत के नाम से जाना जाता है। पंचाग पाँच अंगो के मिलने से बनता है, ये पाँच अंग इस प्रकार हैं…
1- तिथि 2:- वार 3:- नक्षत्र 4 योग 5 करण
पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना जाता है इसीलिए भगवान श्रीराम भी पंचाग का श्रवण करते थे ।
शास्त्रों के अनुसार तिथि के पठन और श्रवण से माँ लक्ष्मी की कृपा मिलती है ।
वार के पठन और श्रवण से आयु में वृद्धि होती है।
नक्षत्र के पठन और श्रवण से पापो का नाश होता है।
योग के पठन और श्रवण से प्रियजनों का प्रेम मिलता है। उनसे वियोग नहीं होता है ।
करण के पठन श्रवण से सभी तरह की मनोकामनाओं की पूर्ति होती है ।
इसलिए हर मनुष्य को जीवन में शुभ फलो की प्राप्ति के लिए नित्य पंचांग को देखना और बोल कर पढ़ना चाहिए।
चन्द्रमा की एक कला को एक तिथि माना जाता है जो उन्नीस घंटे से 24 घंटे तक की होती है । अमावस्या के बाद प्रतिपदा से लेकर पूर्णिमा तक की तिथियों को शुक्लपक्ष और पूर्णिमा से अमावस्या तक की तिथियों को कृष्ण पक्ष कहते हैं।
तिथियाँ इस प्रकार होती है :
1. प्रतिपदा, 2. द्वितीय , 3. तृतीया, 4. चतुर्थी, 5. पँचमी, 6. षष्टी, 7. सप्तमी, 8. अष्टमी, 9. नवमी, 10. दशमी, 11. एकादशी, 12. द्वादशी, 13. त्रियोदशी, 14. चतुर्दशी, 15. पूर्णिमा एवं 30. अमावस्या
तिथियों के प्रकार : – 1-6-11 नंदा, 2-7-12 भद्रा, 3-8-13 जया, 4-9-14 रिक्ता और 5-10-15 पूर्णा तथा 4-6-8-9-12-14 तिथियाँ पक्षरंध्र संज्ञक हैं ।
मुख्य रूप से तिथियाँ 5 प्रकार की होती है ।
नन्दा तिथियाँ – दोनों पक्षों की 1 , 6 और 11 तिथि अर्थात प्रतिपदा, षष्ठी व एकादशी तिथियाँ नन्दा तिथि कहलाती हैं । इन तिथियों में अंतिम प्रथम घटी या अंतिम 24 मिनट को छोड़कर सभी मंगल कार्यों को करना शुभ माना जाता है ।
भद्रा तिथियाँ – दोनों पक्षों की 2, 7, और 12 तिथि अर्थात द्वितीया, सप्तमी व द्वादशी तिथियाँ भद्रा तिथि कहलाती है । इन में कोई भी शुभ, मांगलिक कार्य नहीं किये जाते है लेकिन यह तिथियाँ मुक़दमे, चुनाव , शल्य चिकित्सा सम्बन्धी कार्यो के लिए अच्छी मानी जाती है और व्रत, जाप, पूजा अर्चना एवं दान-पुण्य जैसे धार्मिक कार्यों के लिए यह शुभ मानी गयी हैं ।
जया तिथि – दोनों पक्षों की 3 , 8 और 13 तिथि अर्थात तृतीया, अष्टमी व त्रयोदशी तिथियाँ जया तिथि कहलाती है । यह तिथियाँ विद्या, कला जैसे गायन, वादन नृत्य आदि कलात्मक कार्यों के लिए उत्तम मानी जाती है ।
रिक्ता तिथि – दोनों पक्षों की 4 , 9, और 14 तिथि अर्थात चतुर्थी, नवमी व चतुर्दशी तिथियाँ रिक्त तिथियाँ कहलाती है । तिथियों में कोई भी मांगलिक कार्य, नया व्यापार, गृह प्रवेश, नहीं करने चाहिए परन्तु मेले, तीर्थ यात्राओं आदि के लिए यह ठीक होती हैं ।
पूर्णा तिथियाँ – दोनों पक्षों की 5, 10 , 15 , तिथि अर्थात पंचमी, दशमी और पूर्णिमा और अमावस
पूर्णा तिथि कहलाती हैं । इनमें अमवस्या को छोड़कर बाकि दिनों में अंतिम 1 घटी या 24 मिनट पूर्व तक सभी प्रकार के लिए मंगलिक कार्यों के लिए ये तिथियाँ शुभ मानी जाती हैं ।
एक सप्ताह में 7 दिन या 7 वार होते है । सोमवार, मंगलवार, बुधवार, बृहस्पतिवार, शुक्रवार, शनिवार और रविवार । इन सभी वारो के अलग अलग देवता और ग्रह होते है जिनका इन वारो पर स्पष्ट रूप से प्रभाव होता है ।
नक्षत्र-हमारे आकाश के तारामंडल में अलग अलग रूप में दिखाई देने वाले आकार नक्षत्र कहलाते है । नक्षत्र 27 प्रकार के माने जाते है । ज्योतिषियों में अभिजीत नक्षत्र को 28 वां नक्षत्र माना है । नक्षत्रों को उनके स्वभाव के आधार पर 7 श्रेणियों ध्रुव, चंचल, उग्र, मिश्र, क्षिप्रा, मृदु और तीक्ष्ण में बाँटा गया है । चन्द्रमा इन सभी नक्षत्रो में भृमण करता रहता है ।
नक्षत्रो के नाम-1.अश्विनी, 2. भरणी, 3. कृत्तिका, 4. रोहिणी, 5. मॄगशिरा, 6. आद्रा, 7. पुनर्वसु, 8. पुष्य, 9. अश्लेशा, 10. मघा, 11. पूर्वाफाल्गुनी, 12. उत्तराफाल्गुनी, 13. हस्त, 14. चित्रा, 15. स्वाति, 16. विशाखा, 17. अनुराधा, 18. ज्येष्ठा, 19. मूल, 20. पूर्वाषाढा, 21. उत्तराषाढा, 22. श्रवण, 23. धनिष्ठा, 24. शतभिषा, 25. पूर्वाभाद्रपद, 26. उत्तराभाद्रपद और 27. रेवती।
नक्षत्रों का स्वभाव-नक्षत्रों को उनके स्वभाव के आधार पर 7 श्रेणियों ध्रुव, चंचल, उग्र, मिश्र, क्षिप्रा, मृदु और तीक्ष्ण में बाँटा गया है । नक्षत्रों की शुभाशुभ फल के आधार पर तीन श्रेणी होती हैं । शुभ, मध्यम एवं अशुभ ।
शुभ फलदायी – 1 ,4 ,8 ,12 ,13 ,14 ,17 ,21 ,22 ,23 ,24 ,26 ,27 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह 13 नक्षत्र शुभ फलदायी माने जाते हैं ।
मध्यम फलदायी – 5 , 7 ,10 ,16 ज्योतिष शास्त्र के अनुसार यह चार नक्षत्र मध्यम फल अर्थात थोड़ा फल देते हैं।
अशुभ फलदायी – 2 ,3 ,6 ,9 ,11 ,15 ,18 ,19 ,20 ,25 शास्त्रों के अनुसार या दस नक्षत्र अशुभ फल देते हैं अत: इन नक्षत्रों में शुभ कार्यो को करने से बचना चाहिए ।
योग-ज्योतिष शास्त्र के अनुसार 27 योग कहे गए है । सूर्य और चन्द्रमा की विशेष दूरियों की स्थितियों से योग बनते है । जब सूर्य और चन्द्रमा की गति में 13º-20′ का अन्तर पड्ता है तो एक योग बनता है। दूरियों के आधार पर बनने वाले योगो के नाम निम्नलिखित है,
1. विष्कुम्भ 2. प्रीति 3. आयुष्मान 4. सौभाग्य 5. शोभन 6. अतिगड 7. सुकर्मा 8. घृति 9. शूल 10. गंड 11. वृद्धि 12. ध्रुव (Dhrub), 13. व्याघात 14. हर्षण 15. वज्र 16. सिद्धि 17. व्यतीपात , 18. वरीयान 19. परिध 20. शिव 21. सिद्ध 22. साध्य 23. शुभ 24. शुक्ल 25. ब्रह्म 26. ऎन्द्र 27. वैधृति
इन 27 योगों में से 9 योगों को अशुभ माना जाता है इसीलिए इनमें सभी प्रकार के शुभ कार्यों से बचने को कहा गया है। ये अशुभ योग हैं: विष्कुम्भ, अतिगण्ड, शूल, गण्ड, व्याघात, वज्र, व्यतीपात, परिघ और वैधृति।
एक तिथि में दो करण होते हैं- एक पूर्वार्ध में तथा एक उत्तरार्ध में। कुल 11 करण होते हैं- बव, बालव, कौलव, तैतिल, गर, वणिज, विष्टि, शकुनि, चतुष्पाद, नाग और किस्तुघ्न। इसमें विष्टि करण को भद्रा कहते हैं। भद्रा में सभी शुभ कार्य वर्जित माने गए हैं।
भारतीय पंचाग के अनुसार हिन्दु कैलेण्डर में 12 माह होते है जिनके नाम आकाशमण्डल के नक्षत्रों में से 12 नक्षत्रों के नामों पर रखे गये हैं। जिस मास की पूर्णमासी को चन्द्रमा जिस नक्षत्र में होता है, उसी के नाम पर उस मास का नाम रखा गया है।
चित्रा नक्षत्र के नाम पर चैत्र मास (मार्च-अप्रैल)
विशाखा नक्षत्र के नाम पर वैशाख मास (अप्रैल-मई)
ज्येष्ठा नक्षत्र के नाम पर ज्येष्ठ मास (मई-जून)
आषाढ़ा नक्षत्र के नाम पर आषाढ़ मास (जून-जुलाई)
श्रवण नक्षत्र के नाम पर श्रावण मास (जुलाई-अगस्त)
भाद्रपद (भाद्रा) नक्षत्र के नाम पर भाद्रपद मास (अगस्त-सितम्बर)
अश्विनी के नाम पर आश्विन मास (सितम्बर-अक्तूबर)
कृत्तिका के नाम पर कार्तिक मास (अक्तूबर-नवम्बर)
मृगशीर्ष के नाम पर मार्गशीर्ष (नवम्बर-दिसम्बर)
पुष्य के नाम पर पौष (दिसम्बर-जनवरी)
मघा के नाम पर माघ (जनवरी-फरवरी) तथा
फाल्गुनी नक्षत्र के नाम पर फाल्गुन मास (फरवरी-मार्च) का नामकरण हुआ है
जिन नक्षत्रों के नाम से महीनों का नामकरण हुआ है वे नक्षत्र उसी मास की पूर्णिमा के दिन मिलते हैं।
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आज का राशिफल
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मेष-(चू चे चो ला ली लू ले लो अ)
आज आपका व्यक्तित्व इत्र की तरह महकेगा और सबको आकर्षित करेगा। आर्थिक जीवन में आज खुशहाली रहेगी। इसके साथ ही आप कर्जों से भी आज मुक्त हो सकते हैं। आज के दिन बिना कुछ ख़ास किए आप आसानी से लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में क़ामयाब रहेंगे। कामकाज के मोर्चे पर आज का दिन काफ़ी अच्छा रहने वाला है। इस राशि के जातक आज लोगों से मिलने से ज्यादा अकेले में वक्त बिताना पसंद करेंगे। आज आपका खाली समय घर की सफाई में बीत सकता है। वैवाहिक जीवन में निजता का ध्यान रखना भी आवश्यक है। लेकिन आज के दिन आप दोनों ज़्यादा-से-ज़्यादा एक-दूसरे के क़रीब जाना चाहेंगे।
वृषभ-(इ उ एओ वा वी वू वे वो)
आज हृदय-रोगियों के लिए कॉफ़ी छोड़ने का सही समय है। अब इसका ज़रा भी इस्तेमाल दिल पर अतिरिक्त दबाव डालेगा। आज आपको अपनी संतान की वजह से आर्थिक लाभ होने की संभावना नजर आ रही है। इससे आपको काफी खुशी होगी। सामाजिक उत्सवों में सहभागिता का मौक़ा है, जो आपको प्रभावशाली व्यक्तियों के संपर्क में लाएगा। आज कार्यालय में आपको कुछ अच्छा समाचार सुनने को मिल सकता है। जो लोग बीते कुछ दिनों से काफी व्यस्त थे उन्हें आज अपने लिए फुर्सत के पल मिल सकते हैं। आपके आस-पास के लोग कुछ ऐसा कर सकते हैं, जिसके चलते आपका जीवनसाथी आपकी तरफ़ फिर से आकर्षित महसूस करेगा।
मिथुन- (क की कू घ ङ छ के को ह)
आज कार्यक्षेत्र में वरिष्ठों का दबाव और घर में अनबन के चलते आपको तनाव का सामना करना पड़ सकता है- जो काम में आपकी एकाग्रता को भंग करेगा। आज के दिन आप ऊर्जा से भरपूर रहेंगे और संभव है कि अचानक अनदेखा लाभ भी मिले। आपके व्यक्तिगत मोर्चे पर कोई बड़ी चीज़ होने वाली है, जो आपके और आपके परिवार के लिए उल्लास लेकर आएगी। प्यार के सकारात्मक संकेत आपको मिलेंगे। कार्यक्षेत्र में आपको कुछ सकारात्मक बदलाव देखने को मिल सकते हैं। किसी भी स्थिति में आपको अपने समय का ख्याल रखना चाहिए याद रखिये अगर समय की कद्र नहीं करेंगे तो इससे आपको ही नुक्सान होगा। यह दिन शादीशुदा ज़िन्दगी के सबसे ख़ास दिनों में से एक रहेगा।
कर्क- (ही हू हे हो डा डी डू डे डो)
आज आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा और प्रगति होना निश्चित है। आज के दिन आपको धन लाभ होने की पूरी संभावना है लेकिन इसके साथ ही आपको दान-पुण्य भी करना चाहिए क्योंकि इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी। छोटे बच्चे आपको व्यस्त रखेंगे और दिली सुकून देंगे। आपका प्रिय दिन भर आपको याद करने में समय बिताएगा। अगर आप यक़ीन करते हैं कि वक़्त ही पैसा है तो आपको अपनी क्षमताओं को शीर्ष पर पहुँचाने के लिए ज़रूरी क़दम उठाने होंगे। आज जीवन के कई अहम मुद्दों पर आप घरवालों के साथ बैठकर बात कर सकते हैं। आपकी बातें घरवालों को परेशान कर सकती हैं लेकिन इन बातों का हल अवश्य निकलेगा। यूँ तो जीवन हमेशा कुछ नया और चौंकाने वाली चीज़ आपके सामने लाता है। लेकिन आज आप अपने जीवनसाथी का एक अनोखा पहलू देखकर ख़ुशी से चौंक जाएंगे।
सिंह- (मा मी मू मे मो टा टी टू टे)
आज का रचनात्मक काम आपको सुक़ून देगा। आज के दिन आपको धन लाभ होने की पूरी संभावना है लेकिन इसके साथ ही आपको दान-पुण्य भी करना चाहिए क्योंकि इससे आपको मानसिक शांति मिलेगी। अगर आपको किसी ऐसी जगह से बुलावा आया है जहाँ पहले आप कभी नहीं गए हैं, तो कृतज्ञता से उसे स्वीकार कर लें। एक बार आप अपने हमक़दम को हासिल कर लें, तो ज़िन्दगी में किसी और की ज़रूरत नहीं होती। इस बात को आज आप गहराई से महसूस करेंगे। मशहूर लोगों से मेलजोल आपको नई योजनाएँ सुझाएगा। अगर आप अपने घर से बाहर रहकर अध्ययन या नौकरी करते हैं तो आज के दिन आप खाली समय में अपने घर वालों से बात कर सकते हैं। घर की किसी खबर को सुनकर आप भावुक भी हो सकते हैं। जीवनसाथी की मासूमियत आपके दिन को ख़ास बना सकती है।
कन्या- (टो प पी पू ष ण ठ पे पो)
आपकी बहुत ज़्यादा तनाव और चिंता करने की आदत सेहत को नुक़सान पहुँचा सकती है। दीर्घावधि मुनाफ़े के नज़रिए से स्टॉक और म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना फ़ायदेमंद रहेगा। सामाजिक उत्सवों में सहभागिता का मौक़ा है, जो आपको प्रभावशाली व्यक्तियों के संपर्क में लाएगा। अपने साथी को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने से बचें। अगर आप अपने काम पर ध्यान दें तो क़ामयाबी और प्रतिष्ठा आपकी होगी। घर के छोटे सदस्यों के साथ गप्पें लगाकर आज आप अपने खाली समय का अच्छा उपयोग कर सकते हैं। जीवनसाथी के ख़राब व्यवहार का नकारात्मक असर आपके ऊपर पड़ सकता है।
तुला- (रा री रू रे रो ता ती तू ते)
काम का बोझ आज कुछ तनाव और खीज की वजह बन सकता है। आज आप अपने घर केे सदस्यों को कहीं घुमाने ले जा सकते हैं और आपका काफी धन खर्च हो सकता है। अपने बच्चों के साथ एक दोस्ताना रिश्ता विकसित करें। पुरानी बातों को पीछे छोड़कर आगे आने वाले अच्छे वक़्त की ओर देखें। आपकी कोशिशें फलदायी रहेंगी। कोई आपको दिल से सराहेगा। कामकाज के सिलसिले में आपके ऊपर ज़िम्मेदारियों का बोझ बढ़ सकता है। दिक़्क़तों का तेज़ी से मुक़ाबला करने की आपकी क्षमता आपको ख़ास पहचान दिलाएगी। वैवाहिक जीवन के उजले पहलू का अनुभव करने के लिए अच्छा दिन है।
वृश्चिक- (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
आज आप अपनी ऊर्जा को व्यक्तित्व-विकास के काम में लगाएँ, जिससे आप और भी बेहतर बन सकें। कुछ ज़रूरी योजनाएँ क्रियान्वित होंगी और ताज़ा आर्थिक लाभ पहुँचाएंगी। घर में कुछ बदलाव लाने के लिए पहले बाक़ी लोगों की राय भली-भांति जान लें। प्रभावशाली लोगों से संपर्क करना आपके लिए अच्छे परिणाम लाएगा। समय का सदुपयोग करना सीेखें। यदि आपके पास खाली वक्त है तो कुछ रचनात्मक करने की कोशिश करें। वक्त को बर्बाद करना अच्छी बात नहीं है। अपने जीवनसाथी के साथ आप आज एक शानदार शाम गुज़ार सकते हैं।
धनु-ये यो भा भी भू धा फा ढ़ा भे)
आज कुछ रचनात्मक शौक़ आपको सुक़ून का एहसास कराएंगे। अचानक आए ख़र्चे आर्थिक बोझ बढ़ा सकते हैं। शाम के समय सामाजिक गतिविधियाँ उससे कई बेहतर रहेंगी, जितनी आपने उम्मीद की थी। अगर अपने प्रेमी को अपना जीवनसाथी बनाना चाहते हैं तो उनसे आज बात कर सकते हैं। हालांकि बात करने से पहले आपको उनके मनोभावों को जान लेना चाहिए। लंबित परियोजनाएँ पूरी होने की दिशा में बढ़ेंगी। आज अपने लिए वक्त निकालकर अपने जीवनसाथी के साथ आप कहीं घूमने जा सकते हैं। हालांकि इस दौरान आप दोनों के बीच थोड़ी बहुत कहासुनी हो सकती है।
मकर- (भो जा जी खी खू खे खो गा गी)
आज आपके पास ख़ुद के लिए पर्याप्त समय होगा, तो मौक़े का फ़ायदा उठाएँ और अच्छी सेहत के लिए पैदल सैर पर जाएँ। आज आप अपना धन धार्मिक कार्यों में लगा सकते हैं जिससे आपको मानसिक शांति मिलने की पूरी संभावना है। परिवार में नए सदस्य के आने की ख़बर आपको रोमांचित कर देगी। समारोह आयोजित कर इस ख़ुशी को सबके साथ बाटें। प्यार के नज़रिए से यह दिन बेहद ख़ास रहेगा। ऑफिस में आज आपको स्थिति को समझते हुए ही व्यवहार करना चाहिए। अगर आपका बोलना जरुरी नहीं है तो चुप रहें, कोई भी बात जबरदस्ती बोलकर आप खुद को परेशानी में डाल सकते हैं। आज ऐसे बर्ताव करें जैसे कि आप बड़े आदमी हैं, लेकिन सिर्फ़ उन चीज़ों की ही प्रशंसा करें जो उसके क़ाबिल हैं। रिश्ते ऊपर स्वर्ग में बनते हैं और आपका जीवनसाथी आज यह साबित कर सकता है।
कुंभ- (गू गे गो सा सी सू से सो द)
आज आप ख़ुद को सुकून में और ज़िंदगी का आनंद उठाने के लिए सही मनोदशा में पाएंगे। दिन चढ़ने पर वित्तीय तौर पर सुधार आएगा। घरेलू मामलों और काफ़ी समय से लंबित घर के काम-काज के हिसाब से अच्छा दिन है। ज़रा संभल कर, क्योंकि आज आपका प्रिय आपको मक्खन लगा सकता है – मैं तुम्हारे बग़ैर इस दुनिया में नहीं रह सकता/सकती। अगर आपका साथी अपना वादा न निभाए तो बुरा महसूस न करें- आपको बैठकर बातचीत के ज़रिए मामला सुलझाने की ज़रूरत है। दिक़्क़तों का तेज़ी से मुक़ाबला करने की आपकी क्षमता आपको ख़ास पहचान दिलाएगी। आपको महसूस होगा कि आपका वैवाहिक जीवन बहुत ख़ूबसूरत है।
मीन- (दी दू थ झ ञ दे दो च ची)
आज स्वास्थ्य के लिहाज़ से बहुत अच्छा दिन है। आपकी ख़ुशमिज़ाजी ही आपके आत्मविश्वास में बढ़ोतरी करेगी। आपके मन में जल्दी पैसे कमाने की तीव्र इच्छा पैदा होगी। अपने परिवार के सदस्यों की ज़रूरतों पर ध्यान देना आज आपकी प्राथमिकता होनी चाहिए। आपके साझीदार आपकी नई योजनाओं और विचारों का समर्थन करेंगे। अगर आप अपने घर से बाहर रहकर अध्ययन या नौकरी करते हैं तो आज के दिन आप खाली समय में अपने घर वालों से बात कर सकते हैं। घर की किसी खबर को सुनकर आप भावुक भी हो सकते हैं। मुश्किल हालात से उबरने में आपके जीवनसाथी की तरफ़ से ज़्यादा सहयोग हासिल नहीं होगा।
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