सीआईएसएफ जवान से लाखों की ठगी का मामला, जालसाज महिला आरोपी गई न्यायिक रिमांड पर
पहले भी दो बार ठगी के मामले की मुख्य आरोपी रही है उक्त महिला, एक ठगी के मामले में भी थी वर्तमान में फरार
खुद को टीटीई बताकर रेलवे में नौकरी लगवाने के नाम पर की ठगी
संवाददाता सूरज यादव
गौरेला पेंड्रा मरवाही। पेंड्रा थाना क्षेत्र में एक विचित्र जालसाजी का मामले का खुलासा तब हुआ जब एक सीआईएसएफ का जवान ठगी का अपराध दर्ज कराने थाने पहुंचा। सीआईएसएफ की सुरक्षा बल की यूनिट का यह जवान पेंड्रा थाना क्षेत्र के ग्राम पतगंवा का निवासी बलराम सिंह राठौर है जो वर्तमान में दिल्ली मेट्रो कॉर्पोरेशन में जी डी आरक्षक के पद पर पदस्थ है। बलराम सिंह राठौर के मुताबिक वह इस महिला से अप्रैल 2020 में मिला था तब उसने खुद को टीटीई बताकर बात शुरू की। आरोपी महिला ने शुरुआत से ही अपनी पहचान बदलकर सीआईएसएफ जवान से बातचीत की और जब सरोज ने जब बलराम का विश्वास जीत लिया,
तब उसकी बहन तोषवती राठौर और चाची सरोज राठौर को रेल्वे में नौकरी दिलाने के नाम से अलग अलग किस्तों में ऑनलाइन और नगद कुल 2,50,000 रु की ट्रांजेक्शन कराकर धोखाधड़ी की पर जब नौकरी नहीं लगने पर पैसा वापस मांगा गया तो बलराम पर उल्टा फंसा देने का दबाव देने लगी और पैसों की मांग करने लगी।तब बलराम और उसके परिवार को महिला द्वारा ठगी का संदेह हुआ तो उन्होंने पुलिस से मदद मांगी जहां उन्हें पता चला कि इससे पूर्व भी आरोपियां सरोज के ऊपर रेल्वे में नौकरी लगाने के नाम से ठगी के चलते वर्ष 2017 में थाना पेण्ड्रा में अपराध कमांक 61/2017 धारा 420 एवं अपराध क्रमांक 156/24 धारा 420 भादवि का अपराध पंजीबद्ध है।फिलहाल मामले में थाना पेंड्रा में ठगी की धारा में अपराध पंजीबद्ध कर न्यायालय द्वारा न्यायिक रिमांड पर भेज दिया गया है। एसपी जीपीएम आईपीएस भावना गुप्ता के निर्देश पर हुई इस कार्यवाही में डीएसपी निकिता तिवारी के सुपरविजन में टी आई नवीन बोरकर, एएसआई रजक,आरक्षक आरती मिश्रा की मामले के खुलासे और कार्यवाही में अहम भूमिका रही है।