सवांददाता नरसीराम शर्मा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
पंचांग का अति प्राचीन काल से ही बहुत महत्त्व माना गया है।शास्त्रों में भी पंचांग को बहुत महत्त्व दिया गया है और पंचाग का पठन एवं श्रवण अति शुभ माना गया है।पंचांग में सूर्योदय सूर्यास्त, चद्रोदय-चन्द्रास्त काल, तिथि, नक्षत्र, मुहूर्त योगकाल,करण,सूर्य-चंद्र के राशि,चौघड़िया मुहूर्त दिए गए हैं।
🙏जय श्री गणेशाय नमः🙏
🙏जय माता दी🙏
🙏जय श्री कृष्णा🙏
श्री सनातन हिंदू पंचांग-05.10.2024
नियमित गोचर राशिफल सहित
शुभ शनिवार – 🌞 – शुभ प्रभात्
74-30💥मध्यमान💥75-30
(केतकी चित्रापक्षीय गणितानुसारेण निर्मितम्)
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____________ आज विशेष ____________
घर में आने वाली हों देवी लक्ष्मी की कृपा तो मिलने लगते हैं कुछ अच्छे सकारात्मक संकेत
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_________ दैनिक पंचांग विवरण ________
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आज दिनांक……………….. .05.10.2024
कलियुग संवत्…………………………5126
विक्रम संवत्………………………….. 2081
शक संवत्……………………………..1946
संवत्सर………………………….श्री कालयुक्त
अयन………………………………दक्षिणायन
गोल…………………………………… दक्षिण
ऋतु………………………………………शरद्
मास………………………………….. आश्विन
पक्ष…………………………………….. शुक्ल
तिथि……………. तृतीया-1. संपूर्ण (अहोरात्र)
वार………………………………….. शनिवार
नक्षत्र……स्वाति. रात्रि. 9.33 तक / विशाखा
चंद्रराशि……………… तुला. संपूर्ण (अहोरात्र)
योग….. विष्कुंभ. उ.रात्रि. 6.07* तक / प्रीति
करण….. तैत्तिल. सायं-रात्रि. 6.42 तक / गर
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नोट-जिस रात्रि समय के ऊपर(*) लगा हुआ हो
वह समय अर्द्ध रात्रि के बाद सूर्योदय तक का है
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विभिन्न नगरों के सूर्योदय में समयांतर मिनट
🌞श्री सनातन हिंदू पंचांग के अनुसार🌞
दिल्ली -10 मिनट———जोधपुर +6 मिनट
जयपुर -5 मिनट——अहमदाबाद +8 मिनट
कोटा – 5 मिनट————-मुंबई +7 मिनट
लखनऊ – 25 मिनट——बीकानेर +5 मिनट
कोलकाता -54 मिनट–जैसलमेर +15 मिनट
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-सूर्योंदयास्त दिनमानादि-अन्य आवश्यक सूची-
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सूर्योदय…………………. प्रातः 6.26.31 पर
सूर्यास्त…………………. सायं. 6.12.36 पर
दिनमान-घं.मि.सै…………………11.46.04
रात्रिमान-घं.मि.सै……………….. 12.14.21
चंद्रोदय……………………8.24.32 AM पर
चंद्रास्त………………….. .7.34.25 PM पर
राहुकाल..प्रातः 9.23 से 10.51 तक(अशुभ)
यमघंट… अपरा. 1.48 से 3.16 तक (अशुभ)
गुलिक……………. प्रातः 6.27 से 7.55 तक
अभिजित……. .मध्या.11.56 से 12.43 तक
पंचक………………………………….. नहीं है
हवन मुहूर्त(अग्निवास)………………. आज है
दिशाशूल…………………………… पूर्व दिशा
दोष परिहार…… उड़द का सेवन कर यात्रा करें
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🌄विशिष्ट काल-मुहूर्त-वेला परिचय🌄
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अभिजित् मुहुर्त – दिनार्द्ध से एक घटी पहले और एक घटी बाद का समय अभिजित मुहूर्त कहलाता है,पर बुधवार को यह शुभ नहीं होता.
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ब्रह्म मुहूर्त – सूर्योदय से पहले का 1.30 घंटे का समय ब्रह्म मुहूर्त कहलाता है..
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प्रदोष काल – सूर्यास्त के पहले 45 मिनट और
बाद का 45 मिनट प्रदोष माना जाता है…
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गौधूलिक काल सूर्यास्त से 12 मिनट पहले एवं
12 मिनट बाद का समय कहलाता है
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🌄✴️भद्रा वास शुभाशुभ विचार✴️🌄
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भद्रा मेष, वृष, मिथुन, वृश्चिक के चंद्रमा में स्वर्ग में व कन्या, तुला, धनु, मकर के चंद्रमा में पाताल लोक में और कुंभ, मीन, कर्क, सिंह के चंद्रमा में मृत्युलोक में मानी जाती है यहां स्वर्ग और पाताल लोक की भद्रा शुभ मानी जाती हैं और मृत्युलोक की भद्रा काल में शुभ कार्य वर्जित होते हैं इसी तरह भद्रा फल विचार करें..
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* दैनिक सूर्योदय कालीन लग्न एवं ग्रह स्पष्ट *
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ग्रह राशि अंश कला नक्षत्र चरण चरणाक्षर
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लग्न ……………… कन्या 17°48′ हस्त 3 ण
सूर्य ……………….. कन्या 18°5′ हस्त 3 ण
चन्द्र …………….. .तुला 12°31′ स्वाति 2 रे
बुध ^ …………… ..कन्या 21°16′ हस्त 4 ठ
शुक्र ……………तुला 20°20′ विशाखा 1 ती
मंगल ………….मिथुन 22°45′ पुनर्वसु 1 के
बृहस्पति ……….वृषभ 27°4′ मृगशीर्षा 2 वो
शनि * ………. कुम्भ 19°59′ शतभिषा 4 सू
राहू * ………..मीन 12°2′ उत्तरभाद्रपद 3 झ
केतु * ……………….कन्या 12°2′ हस्त 1 पू
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✴️🌄दिन का चौघड़िया🌄✴️
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शुभ……………….प्रातः 7.55 से 9.23 तक
चंचल………….अपरा. 12.20 से 1.48 तक
लाभ…………….अपरा. 1.48 से 3.16 तक
अमृत……………अपरा. 3.16 से 4.44 तक
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✴️🌄रात्रि का चौघड़िया🌄✴️
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लाभ………..सायं-रात्रि. 6.13 से 7.24 तक
शुभ…………….रात्रि. 9.16 से 10.48 तक
अमृत……रात्रि. 10.48 से 12.20 AM तक
चंचल.. रात्रि.12.20 AM से 1.52 AM तक
लाभ…..रात्रि. 4.55 AM से 6.27 AM तक
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(विशेष – ज्योतिष शास्त्र में एक शुभ योग और एक अशुभ योग जब भी साथ साथ आते हैं तो शुभ योग की स्वीकार्यता मानी गई है )
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🌞🕉️शुभ शिववास की तिथियां🕉️🌞
शुक्ल पक्ष-2—–5—–6—- 9——-12—-13.
कृष्ण पक्ष-1—4—-5—-8—11—-12—-30.
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दिन नक्षत्र एवं चरणाक्षर संबंधी संपूर्ण विवरण
संदर्भ विशेष -यदि किसी बालक का जन्म गंड नक्षत्रों (रेवती, अश्विनी, अश्लेषा, मघा, ज्येष्ठा और मूल) में होता है तो सविधि नक्षत्र शांति की आवश्यक मानी गयी है और करवाना चाहिये..
आज जन्मे बालकों का नक्षत्र के चरण अनुसार राशिगत् नामाक्षर..
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समय-नक्षत्र नाम-नक्षत्र चरण-चरणाक्षर
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08.06 AM तक—–स्वाति—-2——-रे
02.50 PM तक—–स्वाति—-3——रो
09.33 PM तक—–स्वाति—-4——ता
________राशि तुला – पाया चांदी_______
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04.14 AM तक—विशाखा—-1——ती
उपरांत रात्रि तक—विशाखा—-2——-तू
________राशि तुला – पाया ताम्र _______
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___________आज का दिन___________
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व्रत विशेष…………………………….. नहीं है
अन्य व्रत…………..नवरात्रि व्रत विधान जारी
दिन विशेष……………………………. नहीं है
नवरात्रि क्रम…….. तृतीय (मां चंद्रघंटा पूजन)
पर्व विशेष………………………………नहीं है
समय विशेष……पवित्र चातुर्मास विधान जारी
दिवस विशेष……………. विश्व शिक्षक दिवस
पंचक…………………………………. नहीं है
विष्टि(भद्रा)……………………………..नहीं है
हवन मुहूर्त…………………………….आज है
खगोलीय………………………………. नहीं है
सर्वा.सि.योग………. उदयात् रात्रि. 9.33 तक अमृत सि.योग………………………… .नहीं है
सिद्ध रवियोग…….. रात्रि. 9.33 से रात्रि पर्यंत
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__अगले दिन की प्रतीकात्मक जानकारी___
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दिनांक………………………..06.10.2024 तिथि…….. आश्विन शुक्ला तृतीया-2 रविवार
व्रत विशेष…………………………….. नहीं है
अन्य व्रत…………..नवरात्रि व्रत विधान जारी
दिन विशेष……………………………. नहीं है
नवरात्रि क्रम…….. चतुर्थ (मां कुष्मांडा पूजन)
पर्व विशेष………………………………नहीं है
समय विशेष……पवित्र चातुर्मास विधान जारी
दिवस विशेष……. विश्व सेरेब्रल पाल्सी दिवस
पंचक…………………………………. नहीं है
विष्टि(भद्रा)………..रात्रि. 8.52 से रात्रि पर्यंत
हवन मुहूर्त……………………….आज नहीं है
खगोलीय……. चित्रायां बुध. पूर्वा. 11.45 पर
सर्वा.सि.योग……… .उदयात् रात्रि. 9.33 तक अमृत सि.योग………………………… नहीं है
सिद्ध रवियोग….. उदयात् रात्रि. 12.11* तक
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✴️आज की विशेष प्रस्तुति✴️
💥धर्म ज्योतिष आध्यात्म वास्तु राशिफल 💥
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घर में आने वाली हों देवी लक्ष्मी की कृपा तो मिलने लगते हैं कुछ अच्छे सकारात्मक संकेत
मां लक्ष्मी का वाहन है उल्लू है। कहते हैं कि अगर आपको अक्सर अपने आसपास उल्लू दिखें तो समझिए मां लक्ष्मी आप पर कृपा करने ही वाली हैं। जहां उल्लू होता है वहां मां लक्ष्मी जरूर जाती हैं। देवी मां लक्ष्मी को धन और ऐश्वर्य की देवी कहा जाता है, लेकिन इसी कारण से उनका एक नाम चंचला भी है,जब तक पर्याप्त कारण न हों तब तक देवी एक स्थान पर कभी नहीं ठहरती हैं और तुरंत ही घर छोड़कर चली जाती हैं। पुराणों में वर्णित है कि यदि किसी पर धन की देवी पर कृपा हो जाती है तो उसके घर कभी धन और वैभव की कमी नहीं होती ऐसे में मनुष्य के जीवन में धन संबंधी उतार-चढ़ाव हमेशा आते रहते हैं। धन की देवी को प्रसन्न करने के लिए तमाम उपाय किए जाते हैं जिससे खुश होकर वो व्यक्ति को मालामाल बनाती हैं. लेकिन एक बात और खास है, विष्णु भगवान की प्रिया मां लक्ष्मी जब घर में आने वाली होती हैं तो उससे पहले ही इसके लिए संकेत मिलने शुरु हो जाते हैं। ये संकेत क्या हैं? इन्हें पहचान कर आप देवी के आने की तैयारी कर सकते हैं।
उल्लू का दिखना
मां लक्ष्मी का वाहन है उल्लू है। कहते हैं कि अगर आपको अक्सर अपने आसपास उल्लू दिखें तो समझिए मां लक्ष्मी आप पर कृपा करने ही वाली हैं। जहां उल्लू होता है वहां मां लक्ष्मी जरूर जाती हैं। यदि आपके साथ ऐसा हो रहा है तो मां लक्ष्मी का जाप शुरू कर दीजिए और कोई भी ऐसा काम ना करें जिससे मां लक्ष्मी आपसे नाराज होकर वापस लौट जाएं
बढ़ जाए हरियाली
अगर आपके आसपास हरियाली बढ़ जाए तो समझिए आप पर लक्ष्मी मां प्रसन्न हैं और जल्दी ही आपको अपनी शरण में लेने वाली हैं। दरअसल हरियाली जीवन में सपन्नता और बदलाव का प्रतीक है ऐसे सकारात्मक माहौल में लक्ष्मी मां जरूर आती हैं।
अगर कोई झाड़ू लगाता दिखे
आप सुबह-सुबह उठकर बाहर निकलते हैं और इसी टाइम पर कोई व्यक्ति अपने घर के बाहर झाड़ू लगाते हुए रोज दिख रहा है तो समझिए आप जल्द अमीर बनने वाले हैं। झाड़ू और लक्ष्मी माता का सीधा संबंध है। झाड़ू हमारे घर को साफ करती है और ऐसे घर में हमेशा लक्ष्मी मां निवास करती हैं जो साफ हो।
गन्ने की मौजूदगी
अगर आपके घर के आसपास गन्ने के खेत हैं या सुबह-सुबह लगातार कोई गन्ना बेचने के लिए निकल रहा है। आप उसे देख पा रहे हैं तो आपके दिन पलटने वाले हैं। गन्ने का रस सिद्धि विनायक पर अपर्ण करने से माता लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं। गन्ना दिखना बहुत शुभ माना जाता है।
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आज का राशिफल
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मेष-(चू चे चो ला ली लू ले लो अ)
आज आपकी सेहत अच्छी रहेगी। आज आपकी कोई चल संपत्ति चोरी हो सकती है, इसलिए जितना हो सके इनका ध्यान रखें। घर बदलने के लिए बढ़िया दिन है। आज आप नए विचारों से परिपूर्ण रहेंगे और आप जिन कामों को करने के लिए चुनेंगे, वे आपको उम्मीद से ज़्यादा फ़ायदा देंगे। वैवाहिक जीवन के कुछ साइड इफ़ेक्ट्स भी होते हैं; आज आपको इनका सामना करना पड़ सकता है। आज मौसम के मिजाज की तरह ही दिन में कई बार आपका मिजाज भी बदल सकता है।
वृषभ-(इ उ एओ वा वी वू वे वो)
आज आप प्रेम, सहानुभूति, आशावादिता और निष्ठा जैसी सकारात्मक भावनाओं को अपनाने के लिए ख़ुद को प्रोत्साहित करें। एक बार ये गुण आपके अंदर रच-बस जाएँ, तो हर हालात में वे ख़ुद ही सकारात्मक तरीक़े से उभर आएंगे। प्रोपर्टी से जुड़े लेन-देन पूरे होंगे और लाभ पहुँचाएंगे। कुछ भी चालाकी भरे काम को करने से बचें। मानसिक शांति के लिए इस तरह के कामों में से दूर रहें। आज आपको निराशा हाथ लग सकती है, क्योंकि मुमकिन है कि आप अपने प्रिय के साथ सैर-सपाटे पर न जा पाएँ। आपने बीते दिनों कार्यक्षेत्र में कई काम अधूरे छोड़े हैं जिसका भुगतान आज आपको करना पड़ सकता है। आज आपका खाली वक्त भी ऑफिस के काम को पूरा करने में ही लगेगा। कोई रिश्तेदार अचानक आपके घर आ सकता है, जिसके चलते आपकी योजनाएँ गड़बड़ा सकती हैं। स्कूूल में आज आप किसी सीनियर के साथ उलझ सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए ठीक नहीं है। अपने गुस्से को काबू में रखें।
मिथुन- (क की कू घ ङ छ के को ह)
आज आपकी सेहत ठीक रहेगी, लेकिन यात्रा आपके लिए थकाऊ और तनावपूर्ण साबित हो सकती है। आज का दिन ऐसी चीज़ों को ख़रीदने के लिए बढ़िया है, जिनकी क़ीमत आगे चलकर बढ़ सकती है। पड़ोसियों से झगड़ा आपका मूड ख़राब कर सकता है। लेकिन अपना आपा न खोएँ, इससे सिर्फ़ आग और भड़केगी। अगर आप सहयोग न करें, तो कोई आपसे नहीं झगड़ सकता है। सबसे अच्छा रिश्ता बनाए रखने की कोशिश करें। अपने साथी को भावनात्मक तौर पर ब्लैकमेल करने से बचें। आज ऐसी कई सारी चीज़ें होंगी – जिनकी तरफ़ तुरन्त ग़ौर करने की आवश्यकता है। आपके जीवनसाथी की मांगें तनाव का कारण बन सकती हैं। आपके दिन की शुरुआत शानदार रहेगी और इसलिए आज पूरे दिन आप ऊर्जावान महसूस करेंगे
कर्क- (ही हू हे हो डा डी डू डे डो)
आज दिन की शुरुआत आप योग ध्यान से कर सकते हैं। ऐसा करना आपके लिए फायदेमंद रहेगा और सारे दिन आपमें ऊर्जा रहेगी। केवल एक दिन को नज़र में रखकर जीने की अपनी आदत पर क़ाबू करें और ज़रूरत से ज़्यादा वक़्त व पैसा मनोरंजन पर ख़र्च न करें। आज आपका मन ख़ुश होगा और आप अपने दोस्तों व परिवार के सदस्यों पर पैसे ख़र्च करने का आनंद लेंगे। दिन के अंत में आज आप अपने घर के लोगों को वक्त देना चाहेंगे लेकिन इस दौरान घर के किसी करीबी के साथ आपकी कहासुनी हो सकती है और आपका मूड खराब हो सकता है. विवादों की एक लम्बी कड़ी आपके रिश्तों को कमजोर कर सकती है अत: इसे हल्के में लेना ठीक नहीं होगा। वाहन चलाते हैं तो आज थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है किसी व्यक्ति की लापरवाही आपको भारी पड़ सकती है।
सिंह- (मा मी मू मे मो टा टी टू टे)
आज नफ़रत को दूर करने के लिए संवेदना का स्वभाव अपनाएँ, क्योंकि नफ़रत की आग बहुत ज़्यादा ताक़तवर है और मन के साथ शरीर पर भी बुरा असर डालती है। याद रखें कि बुराई अच्छाई से ज़्यादा आकर्षक ज़रूर दिखाई देती है, लेकिन उसका असर ख़राब ही होता है। दीर्घावधि मुनाफ़े के नज़रिए से स्टॉक और म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करना फ़ायदेमंद रहेगा। शाम को साथियों का साथ मज़ेदार रहेगा। आप अनुभव करेंगे कि आपके प्रिय का आपके प्रति प्यार वाक़ई बहुत गहरा है। आज आपके करीबी लोग आपके करीब आने की कोशिश करेंगे लेकिन अपने मन को शांत बनाए रखने के लिए आप एकांत में समय बिताना पसंद करेंगे। वैवाहिक जीवन में कई उतार-चढ़ाव के बाद एक-दूसरे के प्यार को सराहने का यह सही दिन है। ग्रह इशारा कर रहे हैं कि धार्मिक क्रियाकलापों की अधिकता हो सकती है, मसलन आप मंदिर जा सकते हैं, दान-दक्षिणा भी संभव है और ध्यान-धारणा का अभ्यास भी किया जा सकता है।
कन्या- (टो प पी पू ष ण ठ पे पो)
आज आप अपने ऊँचे आत्मविश्वास का सही उपयोग करें। भागदौड़ भरे दिन के बावजूद आप फिर ऊर्जा और ताज़गी पाने में सफल रहेंगे। आपने बीते समय में बहुत पैसा खर्च किया है जिसका नुकसान आज आपको भुगतना पड़ सकता है। आज आपको पैसों की जरुरत होगी लेकिन वो आपको मिल नहीं पायेंगे । परिवार के सदस्यों की अच्छी सलाह आज आपके लिए लाभदायक सिद्ध होगी। आज के दिन में आप बहुत व्यस्त रहेंगे लेकिन शाम के वक्त अपने मनपसंद कामों को करने के लिए भी आपके पास पर्याप्त समय होगा। रात के वक्त आज आप बिना किसी को बताए घर से बाहर निकल सकते हैं क्योंकि आपके दिमाग में कोई उलझन रहेगी और आप उसका हल नहीं ढूंढ पाएंगे।
तुला- (रा री रू रे रो ता ती तू ते)
आज गाड़ी चलाते समय सावधान रहें। यह बात भली भांति समझ लें कि दुख की घड़ी में आपका संचित धन ही आपके काम आएगा इसलिए आज के दिन अपने धन का संचय करने का विचार बनाएं। दोस्तों के साथ शाम बेहद मज़ेदार और हँसी-ख़ुशी से भरपूर रहेगी आपके प्रिय का बर्ताव आपको ख़ास होने का अनुभव कराएगा; इन पलों का पूरा आनंद उठाएँ। आज आपको अपने कामों को समय पर निपटाने की कोशिश करनी चाहिए। ख्याल रखें कि घर पर आपका कोई इंतजार कर रहा है जिसको आपकी जरुरत है। आज आप महसूस करेंगे कि शादी का बंधन वाक़ई स्वर्ग में बनाया जाता है। आज छुट्टी के दिन किसी मल्टीप्लेक्स में जाकर कोई अच्छी फ़िल्म देखने से बढ़िया और क्या हो सकता है।
वृश्चिक- (तो ना नी नू ने नो या यी यू)
आप खाली समय का आनंद ले सकेंगे। बाकी दिनों के मुकाबले आज का दिन आर्थिक दृष्टि से अच्छा रहेगा और आपको पर्याप्त धन की प्राप्ति होगी। परिवार के सदस्यों की अच्छी सलाह आपके मानसिक तनाव को कम करने में दवा की तरह असरदार साबित होगी। पुरानी यादों को ज़ेहन में ज़िंदा कर दोस्ती को फिर से तरोताज़ा करने का वक़्त है। वक्त की नाजाकत को समझते हुए आज आप सब लोगों से दूरी बनाकर एकांत में वक्त बिताना पसंद करेंगे। ऐसा करना आपके लिए हितकर भी होगा। आपका जीवनसाथी आज ऊर्जा और प्रेम से भरपूर है। मानसिक शान्ति बहुत महत्वपूर्ण है – इसके लिए आप किसी बाग़ीचे, नदी के तट या मंदिर पर जा सकते हैं।
धनु-ये यो भा भी भू धा फा ढ़ा भे)
आज आउटडोर खेल आपको आकर्षित करेंगे- ध्यान और योग आपको फ़ायदा पहुँचाएंगे। आपके द्वारा धन को बचाने के प्रयास आज असफल हो सकते हैं हालांकि आपको इससे घबराने की जरुरत नहीं है स्थिति जल्द ही सुधरेगी। किसी धार्मिक स्थान पर जाएँ या किसी संत से मिलें, इससे आपके मन को शांति और सुकून मिलेगा। प्यार के सकारात्मक संकेत आपको मिलेंगे। किसी वजह से आज आपके ऑफिस में जल्दी छुट्टी हो सकती है इसका आप फायदा उठाएंगे और अपने परिवार के लोगों के साथ कहीं घूमने जाएंगे। यह दिन शादीशुदा ज़िन्दगी के सबसे ख़ास दिनों में से एक रहेगा। परिवार में किसी सदस्य के साथ कहा-सुनी के चलते माहौल थोड़ा बोझिल हो सकता है, लेकिन यदि आप स्वयं को शान्त रखें व धैर्य से काम लें तो सबका मूड बढ़िया कर सकते हैं।
मकर- (भो जा जी खी खू खे खो गा गी)
आज आप सुकून हासिल करने लिए कुछ पल क़रीबी दोस्तों के साथ बिताएँ। आज आपके ऑफिस का कोई सहकर्मी आपकी कीमती वस्तु चुरा सकता है इसलिए आज आपको अपना सामान ध्यान से रखने की जरुरत है। आपकी भरपूर ऊर्जा और ज़बरदस्त उत्साह सकारात्मक परिणाम लाएंगे व घरेलू तनाव दूर करने में मददगार रहेंगे। जब आप अपने प्रिय के साथ बाहर जाएँ तो अपने पहनावे और बरताव में नयापन रखें। अपने ज़बरदस्त आत्मविश्वास का फ़ायदा उठाएँ, बाहर निकलें और कुछ नए सम्पर्क व दोस्त बनाएँ। आप और आपका जीवनसाथी एक-दूसरे से आज एक-दूसरे की ख़ूबसूरत भावनाओं को प्रकट कर सकेंगे। संगीत, नृत्य और बाग़बानी जैसे अपने शौक़ों के लिए भी समय निकालें। इससे आपको संतुष्टि का अनुभव होगा।
कुंभ- (गू गे गो सा सी सू से सो द)
आज अगर आपकी योजना बाहर घूमने-फिरने की है तो आपका वक़्त हँसी-ख़ुशी और सुकून भरा रहेगा। अटके हुए मामले और घने होंगे व ख़र्चे आपके दिमाग़ पर छा जाएंगे। कुछ लोग जितना कर सकते हैं, उससे कई ज़्यादा करने का वादा कर देते हैं। ऐसे लोगों को भूल जाएँ जो सिर्फ़ बातें बनाना जानते हैं और कोई परिणाम नहीं देते। हालाँकि प्यार में निराशा हाथ लग सकती है लेकिन हिम्मत मत हारिए क्योंकि आखिर में जीत सच्चे प्यार की ही होती है। अपने जिगरी यारों के साथ आज आप खाली समय का आनंद लेने का विचार बना सकते हैं। जन्मदिन भूलने जैसी किसी छोटी-सी बात को लेकर जीवनसाथी से तक़रार संभव है। लेकिन अन्ततः सब ठीक हो जाएगा। सितारे इशारा कर रहे हैं कि किसी नज़दीकी स्थान की यात्रा हो सकती है। यह सफ़र मज़ेदार रहेगा और आपके प्रिय लोगों का साथ मिलेगा।
मीन- (दी दू थ झ ञ दे दो च ची)
आज बाहर का और खुला खाना खाते वक़्त ख़ास तौर पर बचाव पर ध्यान देने की ज़रूरत है। हालाँकि बिना वजह तनाव न लें, क्योंकि यह आपको मानसिक कष्ट दे सकता है। दूसरों को प्रभावित करने के लिए ज़रूरत से ज़्यादा ख़र्चा न करें। अपने मित्रों या संबंधियों को अपना आर्थिक काम-काज और रुपये-पैसे का प्रबंधन न करने दें, नहीं तो जल्दी ही आप आपने तयशुदा बजट से कहीं आगे निकल जाएंगे। आज आपका प्रिय आपके साथ में समय बिताने की उम्मीद कर सकता है। आज आप ऑफिस से घर वापस आकर अपना पसंदीदा काम कर सकते हैं। इससे आपके मन को शांति मिलेगीं। अपने प्रिय के साथ पर्याप्त समय बिताने की संभावना है।
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🚩 नवरात्र का तृतीय दिवस – * मां चन्द्रघन्टा *‼️
🙏🌹⚜️🌷जय मां चन्द्रघंटा🌷🔱🌺🌹🙏🏻
🌹❤️🧡💜💛💚💙🤎❤️🧡💜💛❤️🌹
🙏🏻 या देवी सर्वभूतेषु चन्द्रघंटा रूपेण संस्थिता,🙏
🙏🏻नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।🌷🙏
🙏🌺🌼 जय माँ चंद्रघंटा 🌼🌺🙏
मां दुर्गा की नवशक्ति का तिसरा स्वरूप मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है। मां दुर्गा का तीसरा स्वरूप मां चंद्रघंटा को समर्पित है। ये अपने भक्तों के प्रति सौम्य और शांत स्वरूप के लिए जानी जाती हैं।
चंद्रघंटा माता का प्रभाव शुक्र ग्रह पर है। इस कारण से अगर किसी मनुष्य को शुक्र गृह की विपरीत परिस्थिति के कारण कोई कष्ट आदि हो तो उन्हें सम्पूर्ण श्रद्धा और भक्ति के साथ माँ चंद्रघंटा की आराधना और स्तुति करनी चाहिए। इससे उन्हें माँ चंद्रघंटा की कृपा से समस्त कष्टों से मुक्ति मिल जाती है।
मां चंद्रघंटा का मंत्र, ध्यान‼️
पिंडजप्रवरारूढ़ा, चंडकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यं, चंद्रघंटेति विश्रुता।।
अर्थात् श्रेष्ठ सिंह पर सवार और चंडकादि अस्त्र शस्त्र से युक्त मां चंद्रघंटा मुझ पर अपनी कृपा करें।
वन्दे वांछित लाभाय चन्द्रार्धकृत शेखरम्।
सिंहारूढा चंद्रघंटा यशस्वनीम्।।
मणिपुर स्थितां तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
रंग, गदा, त्रिशूल, चापचर, पदम् कमण्डलु माला वराभीतकराम्।।
या देवी सर्वभूतेषु चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः।।
माता का स्वरूप‼️
नवरात्र के तीसरे दिन दुर्गाजी के तीसरे रूप चंद्रघंटा देवी के वंदन, पूजन और स्तवन करने का विधान है। इन देवी के मस्तक पर घंटे के आकार का अर्ध चंद्रमा विराजमान है इसलिए इनका नाम चंद्रघंटा पड़ा। इनके शरीर का रंग स्वर्ण के समान चमकीला और वाहन सिंह है। इस देवी के दस हाथ माने गए हैं और ये कमल, धनुष, बाण, खड्ग, कमंडल, तलवार, त्रिशूल और गदा आदि जैसे अस्त्र और शस्त्र से सुसज्जित हैं। इनके कंठ में श्वेत पुष्प की माला और शीर्ष पर रत्नजड़ित मुकुट विराजमान है। माता चंद्रघंटा युद्ध की मुद्रा में विराजमान रहती है और तंत्र साधना में मणिपुर चक्र को नियंत्रित करती हैं।
माना जाता है कि देवी के इस रूप की पूजा करने से मन को अलौकिक शांति प्राप्त होती है और इससे न केवल इस लोक में अपितु परलोक में भी परम कल्याण की प्राप्ति होती है। इनके वंदन से मन को परम सूक्ष्म ध्वनि सुनाई देती है, जो मन को बहुत शांति प्रदान करती है। चूंकि इनका वर्ण स्वर्ण जैसा चमकीला है और ये हमेशा आसुरिक शक्तियों के विनाश के लिए सदैव तत्पर रहती हैं, इसलिए इनकी आराधना करने वाले को भी अपूर्व शक्ति का अनुभव होता है। मां चंद्रघंटा की पूजा में दूध का प्रयोग कल्याणकारी माना गया है।
मां दुर्गा का पहला शैलपुत्री और दूसरा ब्रह्मचारिणी स्वरूप भगवान शंकर को प्राप्त करने के लिए है, जब माता भगवान शंकर को पति रूप में प्राप्त कर लेती हैं तब वह आदिशक्ति के रूप में प्रकट होती है और चंद्रघंटा बन जाती हैं। देवी पार्वती के जीवन में तीसरी सबसे बड़ी घटना के रूप में उनको प्रिय वाहन वाघ प्राप्त होता है। इसलिए माता बाघ पर सवार होकर भक्तों को अभय प्रदान करती हैं। माता को लाल रंग बहुत प्रिय है इसलिए माता की पूजा में लाल रंग के वस्त्र पहनें।
माता चंद्रघंटा पूजा विधि‼️
नवरात्रि के तीसरे ब्रह्ममुहुर्त में उठकर स्नानादि से निवृत होकर माता का ध्यान करें और फिर पूजा स्थल पर गंगाजल से छिड़काव करें। इसके बाद माता का ध्यान करते हुए पांच घी के दीपक जलाएं और फिर माता को सफेद कमल या पीले गुलाब के फूल या माला अर्पित करें। मां दुर्गा को फूल अर्पित करने के बाद रोली, अक्षत और पूजा की सामग्री आदि अर्पित करें। कूपर और दीपक से माता की सुबह-शाम आरती उतारें।
आरती के दौरान पूरे घर में शंख और घंटा बजाएं, ऐसा करने से घर की नकारात्मकता खत्म होती है। इसके बाद परिवार समेत माता के जयकारे लगाएं और भोग में माता को केसर की खीर या दूध से बनी मिठाई का भोग लगाकर पूजा संपन्न करें। इसके साथ ही आप चंद्रघंटा माता की कथा, दुर्गा चालिसा, दुर्गा स्तुति या दुर्गा सप्तशती आदि का पाठ करें। शाम के समय में भी माता की आरती करें और ध्यान करें।
चंद्रघण्टा स्तुति 🙏🏻‼️
जय मां चन्द्र घंटा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे काम।।
चन्द्र समान तू शीतल दाती।
चन्द्र तेज किरणों में समाती।।
क्रोध को शान्त बनाने वाली।
मीठे बोल सिखाने वाली।।
मन की मालक मन भाती हों।
चन्द्र घंटा तुम वरदाती हो।।
सुन्दर भाव को लाने वाली।
हर संकट में बचाने वाली।।
हर बुधवार जो तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित जो विनय सुनाये।।
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।
सन्मुख घी की जोत जलाए।।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगतदाता।।
कान्ची पुर स्थान तुम्हारा।
करनाटिका में मान तुम्हारा।।
नाम तेरा रटूं महारानी।
’चमन’ की रक्षा करो भवानी।।
🌺 माँ चंद्रघण्टा की कथा….‼️
🙏🏻 माँ चन्द्रघण्टा असुरों के विनाश हेतु माँ दुर्गा के तृतीय रूप में अवतरित होती हैं। जो भयंकर दैत्य सेनाओं का संहार करके देवताओं को उनका भाग दिलाती हैं। भक्तों को वांछित फल दिलाने वाली हैं। आप सम्पूर्ण जगत की पीड़ा का नाश करने वाली हैं। जिससे समस्त शात्रों का ज्ञान होता है, वह मेधा शक्ति आप ही हैं। दुर्गा भव सागर से उतारने वाली भी आप ही है। आपका मुख मंद मुस्कान से सुशोभित, निर्मल, पूर्ण चन्द्रमा के बिम्ब का अनुकरण करने वाला और उत्तम सुवर्ण की मनोहर कान्ति से कमनीय है, तो भी उसे देखकर महिषासुर को क्रोध हुआ और सहसा उसने उस पर प्रहार कर दिया, यह बड़े आश्चर्य की बात है। कि जब देवी का वही मुख क्रोध से युक्त होने पर उदयकाल के चन्द्रमा की भांति लाल और तनी हुई भौहों के कारण विकराल हो उठा, तब उसे देखकर जो महिषासुर के प्राण तुरंत निकल गये, यह उससे भी बढ़कर आश्चर्य की बात है, क्योंकि क्रोध में भरे हुए यमराज को देखकर भला कौन जीवित रह सकता है। देवि! आप प्रसन्न हों। परमात्मस्वरूपा आपके प्रसन्न होने पर जगत् का अभ्युदय होता है और क्रोध में भर जाने पर आप तत्काल ही कितने कुलों का सर्वनाश कर डालती हैं, यह बात अभी अनुभव में आयी है, क्योंकि महिषासुर की यह विशाल सेना क्षण भर में आपके कोप से नष्ट हो गयी है। कहते है कि देवी चन्द्रघण्टा ने राक्षस समूहों का संहार करने के लिए जैसे ही धनुष की टंकार को धरा व गगन में गुजा दिया वैसे ही माँ के वाहन सिंह ने भी दहाड़ना आरम्भ कर दिया और माता फिर घण्टे के शब्द से उस ध्वनि को और बढ़ा दिया, जिससे धनुष की टंकार, सिंह की दहाड़ और घण्टे की ध्वनि से सम्पूर्ण दिशाएं गूँज उठी। उस भयंकर शब्द व अपने प्रताप से वह दैत्य समूहों का संहार कर विजय हुई।
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चंद्रघंटा देवी का प्रिय भोग (प्रसाद) और रंग‼️
मां चंद्रघंटा को दूध और दूध से बने मिष्ठान्न बहुत पसंद हैं। इसलिए को खीर का भोग लगाना सबसे अच्छा माना जाता है। मां को दूध या दूध से बने मिष्ठान्न का भोग लगाकर इसका दान जरूर करें।
मां चंद्रघंटा की आराधना में रंगों का विशेष महत्व है। माता चंद्रघंटा को हरा, भूरा और सफेद रंग पसंद है। हालांकि उन्हें लाल रंग सबसे प्रिय है। मान्यता है कि मां के चंद्रघंटा स्वरूप की पूजा करते समय सफेद रंग का वस्त्र पहनना शुभ होता है। सफेद रंग शुद्धता का प्रतीक माना जाता है।
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चंद्रघंटा स्तोत्र‼️
माँ चंद्रघंटा की आराधना के लिए यहाँ दिए गए स्तोत्र का सम्पूर्ण भक्तिपूर्वक पाठ करें। यह अत्यंत ही सिद्ध स्तोत्र है। सम्पूर्ण श्रद्धापूर्वक इस माँ चंद्रघंटा स्तोत्र के पाठ का फल अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी होता है।
वन्दे वाञ्छितलाभाय चन्द्रार्धकृतशेखराम्।
सिंहारूढा चन्द्रघण्टा यशस्विनीम्।।
मणिपुर स्थिताम् तृतीय दुर्गा त्रिनेत्राम्।
खङ्ग, गदा, त्रिशूल, चापशर, पद्म कमण्डलु माला वराभीतकराम्।।
पटाम्बर परिधानां मृदुहास्या नानालङ्कार भूषिताम्।
मञ्जीर, हार, केयूर, किङ्किणि, रत्नकुण्डल मण्डिताम।।
प्रफुल्ल वन्दना बिबाधारा कान्त कपोलाम् तुगम् कुचाम्।
कमनीयां लावण्यां क्षीणकटि नितम्बनीम्।।
पिण्डज प्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता।
प्रसादं तनुते मह्यम् चन्द्रघण्टेति विश्रुता।।
या देवी सर्वभूतेषु माँ चन्द्रघण्टा रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः ।।
आपदुध्दारिणी त्वंहि आद्या शक्तिः शुभपराम्।
अणिमादि सिद्धिदात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्।।
चन्द्रमुखी इष्ट दात्री इष्टम् मन्त्र स्वरूपिणीम्।
धनदात्री, आनन्ददात्री चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्।।
नानारूपधारिणी इच्छामयी ऐश्वर्यदायिनीम्।
सौभाग्यारोग्यदायिनी चन्द्रघण्टे प्रणमाम्यहम्।।
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माँ चंद्रघंटा कवच‼️
रहस्यम् शृणु वक्ष्यामि शैवेशी कमलानने।
श्री चन्द्रघण्टास्य कवचम् सर्वसिद्धिदायकम्।।
बिना न्यासम् बिना विनियोगम् बिना शापोध्दा बिना होमम्।
स्नानम् शौचादि नास्ति श्रद्धामात्रेण सिद्धिदाम।।
कुशिष्याम् कुटिलाय वञ्चकाय निन्दकाय च।
न दातव्यम् न दातव्यम् न दातव्यम् कदाचितम।।
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चन्द्रघन्टा गायत्री मंत्र‼️
ॐ चंन्द्रधंटायै च विदमहे अर्धचन्द्राय धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्।
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ॐ चंन्द्रधंटा दैव्यै नमः।
ॐ क्लीं रोगान् रोधय चंद्रघण्टायै क्लीं फट्।
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माँ चंद्रघंटा की आरती‼️
जय माँ चन्द्रघण्टा सुख धाम।
पूर्ण कीजो मेरे काम।।
चन्द्र समाज तू शीतल दाती।
चन्द्र तेज किरणों में समाती।।
मन की मालक मन भाती हो।
चन्द्रघण्टा तुम वर दाती हो।।
सुन्दर भाव को लाने वाली।
हर संकट में बचाने वाली।।
हर बुधवार को तुझे ध्याये।
श्रद्धा सहित तो विनय सुनाए।।
मूर्ति चन्द्र आकार बनाए।।
शीश झुका कहे मन की बाता।
पूर्ण आस करो जगत दाता।।
कांचीपुर स्थान तुम्हारा।
कर्नाटिका में मान तुम्हारा।।
नाम तेरा रटू महारानी।
भक्त की रक्षा करो भवानी।।
🙏ॐ सर्व मङ्गल माङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।🌷
🙏 शरण्ये त्र्यम्बके गौरि नारायणि नमोऽस्तुते।।🌹
🙏🏻हे नवरात्रों की मां हम सभी पर कृपा करो मां.🙏
🚩🌹🌸 जय माँ आदिशक्ति चन्द्रघंटा 🌸🌹🚩
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