रिपोर्टर देवीनाथ लोखंडे
स्थान बैतूल
जिला बैतूल
पत्रकारिता में अढ़ीबाजी ब्लैकमेलिंग करने वाले पिता पुत्र पत्रकारों के खिलाफ हिंदू संगठनों का फूटा आक्रोश*
बैतूल के पत्रकार रामकिशोर पंवार और उसके पुत्र मोहित पंवार द्वारा अपने अखबार में विश्व हिंदू परिषद बजरंग दल की छवि खराब करने और संगठन को बदनाम करने पर संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर और एसपी से की शिकायत, करते हुए कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
मध्यप्रदेश के बैतूल में पत्रकारिता को शर्मसार किये जाने का मामला सामने आया है जहाँ सबसे बड़े हिन्दू संगठन के पदाधिकारियों के साथ अवैध गतिविधियों में लिप्त होने की ख़बर अपने स्थानीय अखबार में छापने और संगठन की छवि खराब करने से नाराज विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों ने कलेक्टर और एसपी से शिकायत की है तथा कड़ी से कड़ी कार्यवाही की मांग की है संगठन के पदाधिकारी कृष्णकांत गावंडे ने बताया कि कुछ दिन पूर्व जिले के तेजतर्रार कलेक्टर नरेन्द्र कुमार सूर्यवंशी ने सदर ओवर ब्रिज के नीचे चल रही अवैध गतिविधियों को लेकर कड़ी कार्यवाही की थी जहां से भारी मात्रा में महुआ लाहन और कच्ची शराब मौके से मिली थी इस ख़बर के कवरेज के लिए सभी पत्रकार वहाँ पहुँचे भी थे और सभी ने ख़बर भी वही चलाई जो कार्यवाही की गई है पर रामकिशोर पंवार ने अपने अखबार बैतूल एक्सप्रेस में गलत तरीके से आरोपी के साथ मे संगठन के जिले के और वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ फोटो अपने अखबार में प्रकाशित की थी संगठन के कृष्णकांत गावंडे ने यह भी बताया कि इस ख़बर को न छापने के एवज में पत्रकार रामकिशोर पंवार द्वारा आरोपी से 25 हजार रुपए की मांग भी की गई थी। आरोपी के न मानने पर उसके साथ विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों की फ़ोटो अखबार में प्रकाशित की जिससे संगठन की छवि धूमिल हुई है जब संगठन के सदस्यों ने ये बात उक्त पत्रकार से कही तो उसने अपने अखबार में माफीनामा तो छाप दिया और संगठन से माफी भी मांग ली पर उसमे भी संगठन के पदाधिकारियों पर धमकी देने जैसी बातें छाप दी जिससे नाराज संगठन के पदाधिकारियों ने कलेक्टर और एसपी से शिकायत की तथा बताया कि उक्त पत्रकार रामकिशोर पंवार पर पहले ही कई अपराधिक मामले थानों में दर्ज है और एक तो जिलाबदर की कार्यवाही भी होना पाया गया था पर फाइल रोक दी गई संगठन के पदाधिकारियों ने मांग की है कि पत्रकार रामकिशोर पंवार की पत्रकारिता रद्द करवा दी जाए और शासन की तरफ से जो अधिमान्यता मिली है उसे भी तत्काल वापस लिया जाए।कार्यवाही न होने की दशा में उग्र प्रदर्शन किया जाएगा जिसका जवाबदार प्रशासन ही होगा।