सवांददाता मीडिया प्रभारी मनोज मूंधड़ा बीकानेर श्रीडूंगरगढ
देश में गैर-संचारी रोगों (एनसीडी) जैसे हृदय रोग, कैंसर, मधुमेह और फेफड़ों की बीमारियों से होने वाली मौतों की संख्या में तेजी से वृद्धि हो रही है। 2015 की डब्ल्यूएचओ रिपोर्ट के अनुसार, भारत में बड़ी संख्या में लोग हर साल इन बीमारियों का शिकार हो रहे हैं। यह चिंता की बात है कि 70 वर्ष की आयु से पहले ही एनसीडी से मरने का खतरा बढ़ रहा है। विशेष रूप से शहरीकरण और बदलती जीवनशैली के चलते, हृदय रोग, स्ट्रोक और मधुमेह से होने वाली असामयिक मौतों की संख्या बढ़ने की संभावना है। उपजिला अस्पताल में आयोजित एक ब्लॉक स्तरीय बैठक के दौरान, जिला प्रजनन एवं बाल स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मुकेश जनागल ने एनसीडी से होने वाले नुकसान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि आमजन को इन बीमारियों के प्रति जागरूक करना बेहद जरूरी है एनसीडी कार्यक्रम के तहत चिकित्सा संस्थानों में स्क्रीनिंग एवं मरीजों के फॉलोअप की प्रक्रिया को मजबूत करना चाहिए। डॉ. जनागल ने परिवार कल्याण कार्यक्रम के तहत प्रत्येक उपकेंद्र के स्वास्थ्य कर्मियों के लिए 2 पुरुष और 10 महिला नसबंदी का लक्ष्य निर्धारित करने की बात भी कही। बैठक में बीसीएमओ डॉ. राजीव सोनी ने आयुष्मान कार्ड वितरण और टीबी सर्वे के तहत एक्टिव केस सर्च अभियान को सफल बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने मौसमी बीमारियों से निपटने और रोकथाम के उपायों पर भी चर्चा की। इसके साथ ही आरसीएच गतिविधियों के अंतर्गत एएनसी पंजीकरण, 8 संस्थागत प्रसव और पूर्ण टीकाकरण के शत प्रतिशत लक्ष्य को पूरा करने पर जोर दिया गया। ब्लॉक प्रोग्राम मैनेजर राकेश थालोर ने स्वास्थ्य सूचकांकों पर विस्तार
से जानकारी दी। बैठक में विभिन्न सेक्टरों के चिकित्सा अधिकारी, एएनएम और अन्य स्वास्थ्यकर्मी उपस्थित रहे।